जब LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड ने 7 अक्टूबर 2025 को अपना IPO लॉन्च किया, तो निवेशकों की प्रतिक्रिया नज़र नहीं हटाई। यह LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंक. की 100% Offer for Sale थी, जिसका इश्यू वैल्यू ₹11,607 करोड़ और सब्सक्रिप्शन दर पहले दिन 0.61× रही। शेयर कीमत की रेंज ₹1,080‑₹1,140 प्रति शेयर थी, और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 14 अक्टूबर 2025 को लिस्टिंग की उम्मीद है।
IPO का मुख्य विवरण
इस ऑफर में कुल 101,815,859 शेयर बेचे जा रहे हैं, जो कंपनी के 15% हिस्से के बराबर है। शेयरों की एक-स्टैंडर्ड‑लॉट आकार 13 शेयर है, इसलिए खुदरा निवेशकों को न्यूनतम ₹14,820 का निवेश करना पड़ेगा। प्रॉस्पेक्टस में बताया गया कि IPO का प्रॉसेंटेज 35% खुदरा वर्ग के लिए आरक्षित है, और कर्मचारियों को ₹108 प्रति शेयर की डिस्काउंट पेश की गई है।
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 10 अक्टूबर 2025 को बायसिस ऑफ अलॉटमेंट का फ़ाइनलाइज़ेशन करने का लक्ष्य रखा है, जबकि लिस्टिंग 14 अक्टूबर को तय हो गई है। इस इश्यू का उद्देश्य नई पूंजी जुटाना नहीं है; पूरा पैसा सीधे दक्षिण कोरियाई मदर कंपनी को जाएगा, जिससे उनकी बैलेंस‑शीट पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
बाजार की प्रतिक्रिया और ग्रे मार्केट प्रीमियम
पहले दिन के बिडिंग डेटा के अनुसार, सब्सक्रिप्शन रेशियो 0.61× था, जो कई बड़े IPO‑यों के मुकाबले कम माना जाता है। लेकिन ग्रे मार्केट में प्रीमियम कहीं और ही बात बना रहा है। फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस ने 28% प्रीमियम की रिपोर्ट की, जबकि अन्य स्रोतों ने ₹228‑₹251 (लगभग 20‑22%) का प्रीमियम बताया। इसका मतलब है कि निवेशकों को ऊपर की मूल्य सीमा के ऊपर भी शेयर मिलेंगे, अगर वे ग्रे मार्केट में खरीदते हैं।
एक तेज़ी से बढ़ते भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में इस ऑफर का आकर्षण समझा जा सकता है। भारतीय उपकरण‑बाजार का अनुमान 2029 तक ₹10,96,500 करोड़ तक पहुंचने का है, जबकि वर्तमान में यह ₹6,87,500 करोड़ पर स्थिर है। इस तेज़ी को देखते हुए कई एसेट‑मैनेजर्स ने कहा कि LG का ब्रांड वॉल्यूम दोनों में मजबूत है, इसलिए प्रीमियम को अधिक असामान्य नहीं माना जा सकता।
विश्लेषकों की राय और मूल्यांकन
इन्भेस्टिंग बैंकों की बुक‑रनिंग टीम में Citigroup Global Markets India, Morgan Stanley India, JP Morgan India, Axis Capital और BofA Securities India शामिल हैं। कोटक महिंद्रा कैपिटल और जेएम फाइनेंशियल ने अतिरिक्त बुक‑रनिंग में योगदान दिया। अलॉटमेंट रिकॉर्ड‑कीपर KFin Technologies Limited है, जो सभी निवेशक‑संवाद संभाल रहा है।
वित्तीय विश्लेषक “माहिर कैपिटल सर्विसेज” के अनुसार, IPO के उच्चतम बैंड पर कंपनी की वैल्यू ₹77,400‑₹80,000 करोड़ मूल्यांकन की जा रही है, जिसका इम्प्लीमेंटेड PE मल्टिप्लायर FY24 आय पर लगभग 47× है। यह वैल्यूवेशन घरेलु प्रतिस्पर्धियों जैसे वोल्टास, हावेल्स और ब्लू स्टार से थोड़ा महँगा दिखता है, लेकिन LG की ब्रांड‑पावर और प्रीमियम‑सेगमेंट में पकड़ को देखते हुए इसे “ऊपर‑उठा” समझा जा रहा है।
यूट्यूब पर 7 अक्टूबर को प्रकाशित हुए एक एंट्री में सीए रचना फडके रानाडे ने कहा: “यदि आप दीर्घकालिक निवेश की सोच रहे हैं, तो LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का शेयर भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के विकास का एक अच्छा बैरोमीटर हो सकता है।” उन्होंने दो‑तीन भारतीय समूहों के PE रेशियो का उल्लेख कर यह बात भी स्पष्ट की कि “सही समय पर एंट्री करने पर रिटर्न आकर्षक रह सकता है।”
भविष्य की संभावनाएँ और निवेश सलाह
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने भारत में लगभग तीन दशकों से सेवा दी है, 1,006 सर्विस‑सेंटर और 13,368 इंजीनियर्स के साथ एक स्थायी नेटवर्क स्थापित किया है। कंपनी की ऊर्जा‑बचत तकनीक और प्रीमियम‑डिज़ाइन ने भारतीय ग्राहकों को भटकाया है, खासकर शहरों में बढ़ती 구매 शक्ति के साथ। इस पहलू को देखते हुए कई म्यूचुअल फंड मैनेजर्स ने कहा कि “IPO का प्रीमियम अगर आप समझदारी से संभालें, तो यह एक ब्लू‑चिप एंट्री हो सकती है।”
हालांकि, निवेशकों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 47× PE एक उच्च मल्टिप्लायर है, इसलिए नीचे‑जोखिम वाले पोर्टफ़ोलियो वालों को आकार‑व्यापी रिस्क मैनेजमेंट की जरूरत होगी। यदि बाजार में बड़ा सुधार या घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग में अचानक उछाल आता है, तो इस शेयर का मूल्य आसानी से बढ़ सकता है।
मुख्य तथ्य
- IPO इश्यू वैल्यू: ₹11,607 करोड़
- शेयर कीमत रेंज: ₹1,080‑₹1,140 (फेस वैल्यू ₹10)
- पहले दिन की सब्सक्रिप्शन: 0.61×
- ग्रे मार्केट प्रीमियम: 20‑28%
- लिस्टिंग तिथि: 14 अक्टूबर 2025 (BSE & NSE)
- बिक्री के लिए शेयर: 101,815,859 (15% हिस्सेदारी)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की IPO किसे सबसे अधिक आकर्षित करेगी?
बड़े‑पैमाने पर भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में दीर्घकालिक निवेश की योजना वाले संस्थागत एवं रिटेल निवेशक इस IPO को आकर्षक पा सकते हैं। विशेषकर वही जो ब्रांड‑प्रेमी और प्रीमियम‑सेगमेंट में एक्सपोजर चाहते हैं, उन्हें यह ऑफर उचित लग सकता है।
Offer for Sale का क्या मतलब है और इससे कंपनी को क्या लाभ है?
Offer for Sale में केवल मौजूदा शेयरधारक, इस मामले में LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंक., अपने हिस्से को बेचता है। इस प्रक्रिया में कंपनी को नई पूँजी नहीं मिलती, लेकिन मदर कंपनी की हिस्सेदारी कम होकर भारतीय इकाई को अधिक स्वतंत्रता मिलती है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम कितना जोखिम दर्शाता है?
उच्च ग्रे मार्केट प्रीमियम इस बात का संकेत है कि निवेशकों को शेयर की वास्तविक मूल्य अपेक्षा से अधिक लग रही है। यदि लिस्टिंग के बाद की मांग नहीं बढ़ी, तो प्रीमियम घट सकता है, जिससे नुकसान हो सकता है। इसलिए सीमित मात्रा में निवेश करना बेहतर है।
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का भविष्य कैसे दिखता है?
आगामी पाँच वर्षों में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार का CAGR 11% तक पहुँचने का अनुमान है। LG की ऊर्जा‑बचत तकनीक, विस्तृत सर्विस नेटवर्क और ब्रांड‑विश्वास इसे इस वृद्धि का मुख्य लाभार्थी बना रहेगी। इसलिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण से कंपनी के बुनियादी मानदंड मजबूत हैं।
क्या इस IPO में निवेश करने के लिए कोई खास समय सीमा है?
IPO की बिडिंग विंडो 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर 2025 तक थी। अब शेयरों की असाइनमेंट प्रक्रिया चल रही है और 14 अक्टूबर को लिस्टिंग के बाद खुले बाजार में ट्रेडिंग शुरू होगी। मौजूदा ट्रेडिंग कीमत में निवेशकों को एंट्री या एग्ज़िट के अवसर मिल सकते हैं।
Anushka Madan
ऐसे ऑफ़र को जैविक रूप से समर्थन नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह केवल बाहरी पूँजी को भारत में ले जाता है न कि वास्तविक विकास को। निवेशकों को अपने पैसों को उत्पादक क्षेत्रों में लगाना चाहिए, न कि ग्रे‑मार्केट प्रीमियम में फँसना।
nayan lad
0.61× सब्सक्रिप्शन दर दर्शाती है कि शेयरों की मांग अपेक्षाकृत कम रही है, इसलिए शुरुआती निवेशकों को सावधानी से मूल्यांकन कर एंट्री करनी चाहिए।
Govind Reddy
जीवन में कई बार हम ऐसी स्थिति देखते हैं जहाँ संभावित लाभ का आकर्षण आगे की जोखिम को धुंधला कर देता है; यह IPO भी उसी का प्रतिबिंब है। ग्रे‑मार्केट प्रीमियम को आशा का एक मापदण्ड समझना जोखिम का सच्चा परिदृश्य नहीं दिखाता। जब तक बाजार की वास्तविक माँग स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक कीमतें केवल अटकलों पर टिकी रहती हैं। इसलिए, वित्तीय निर्णयों में केवल आँकड़ों से नहीं, बल्कि सिद्धांतों से भी मार्गदर्शन लेना उचित है।
KRS R
भाई, 28% प्रीमियम बिना वजह नहीं आया; लोग LG के ब्रांड पर भरोसा करके अपना पैसा लगा रहे हैं, पर मैं मानता हूँ कि इतनी महँगी एंट्री लवकर नुकसान दे सकती है।
Uday Kiran Maloth
वर्तमान भारतीय इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार में LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का IPO, शेयरधारकों की पूँजी संरचना एवं कोरपोरट फ़ाइनेंस के दृष्टिकोण से एक उल्लेखनीय केस स्टडी प्रस्तुत करता है। यह प्रस्ताव 15% इक्विटी डिवेस्टमेंट को दर्शाता है, जिससे मदर कंपनी के बैलेंस शीट पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता, परन्तु भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में ब्रांड इंटीग्रेशन को सुदृढ़ करता है। सब्सक्रिप्शन रेशियो 0.61× के साथ, बिडिंग प्रक्रिया में अपेक्षाकृत कम दावेदारी देखी गई, जो संभावित अंडर‑परफॉर्मेंस का संकेत हो सकता है। ग्रे‑मार्केट प्रीमियम 20‑28% के बीच के आंकड़े, निवेशकों की जोखिम प्रोफ़ाइल एवं बीटा अनुपात को पुनः मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस संदर्भ में, निवेशक को उच्च मल्टिप्लायर (47×) को ध्यान में रखते हुए, डिविडेंड यील्ड एवं अल्फा जेनरेशन के संभावित परिदृश्य को मॉडल करना आवश्यक है।
Deepak Rajbhar
ओह माय गॉड, ये 28% प्रीमियम तो मानो LG ने सोचा हो कि शेयरधारक को इन्फ़िनिटी गॉज स्पेस में उड़ाना है 🚀। वास्तविकता में, ऐसा हाई PE शायद ही कभी लंबी अवधि में टिक पाता है, पर कौन देखता है तो? आशा है कि अयोग्य निवेशकों को यह "लक्ज़री प्ले" पसंद नहीं आएगा 😏।
Hitesh Engg.
यह IPO भारतीय शेयर बाजार में एक अनोखा मामला प्रस्तुत करता है।
सबसे पहली बात यह है कि इस इश्यू में 0.61× सब्सक्रिप्शन दर देखी गई, जो निवेशकों की कम उत्सुकता को दर्शाती है।
दूसरे चरण में ग्रे‑मार्केट में 20‑28% प्रीमियम का उभरना देखा गया, जिससे बाजार में संभावित अंडररेटेड मूल्यांकन की ओर इशारा मिलता है।
हालांकि, इस प्रीमियम को केवल ब्रांड वैल्यू के कारण नहीं माना जा सकता, क्योंकि कंपनी की आय वृद्धि दर और मार्जिन प्रोफ़ाइल भी महत्वपूर्ण हैं।
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की ऊर्जा‑बचत तकनीक और प्रीमियम‑डिज़ाइन ने उपभोक्ता वर्ग में एक विशिष्ट स्थान बनाया है।
इसके साथ ही, कंपनी ने 1,006 सर्विस‑सेंटर और 13,368 इंजीनियर्स का नेटवर्क स्थापित किया है, जो सेवा गुणवत्ता को बढ़ाता है।
वित्तीय विश्लेषकों ने कंपनी के FY24 आय पर 47× PE मल्टिप्लायर को उच्च कहा है, परन्तु यह मल्टिप्लायर वैश्विक मानकों से तुलना करने पर भी प्रीमियम पर है।
यदि हम इस मान को भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के CAGR 11% के साथ जोड़ें, तो भविष्य में संभावित रिटर्न का आकलन करना आवश्यक हो जाता है।
इस संदर्भ में, म्यूचुअल फंड मैनेजर्स ने कहा है कि प्रीमियम को समझदारी से संभालना चाहिए, अन्यथा यह एक जोखिमपूर्ण निवेश बन सकता है।
वहीं, छोटे निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश ₹14,820 का स्तर कुछ हद तक बाधा बन सकता है, जिससे व्यापक भागीदारी सीमित हो सकती है।
कंपनी के ऑफर फ़र सेल मॉडल में केवल मौजूदा शेयरधारकों द्वारा शेयर बेचे जा रहे हैं, इसलिए नई पूँजी नहीं जुटाई जा रही है।
इस प्रकार, लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत वास्तविक डिमांड‑सप्लाई मैकेनिज़्म से निर्धारित होगी, न कि केवल प्रीमियम से।
यदि बाजार में आगे चलकर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग में वृद्धि होती है, तो इस शेयर का मूल्य अधिकतम स्तर तक पहुँच सकता है।
हालांकि, यदि प्रतिस्पर्धी ब्रांड जैसे वोल्टास, हावेल्स एवं ब्लू स्टार अधिक सक्रिय होते हैं, तो LG को बाजार हिस्सेदारी में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए, निवेशकों को अपने पोर्टफ़ोलियो में इस शेयर को उचित अनुपात में रखने की सलाह दी जाती है।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि इस IPO में अवसर और जोखिम दोनों ही समान रूप से मौजूद हैं, और निवेशक को सूचित निर्णय लेना ही सर्वोत्तम रणनीति होगी।
Zubita John
भाईसाहब, आप जो बिंदु बताये बहुत बड़िया है, पर थोडा और डेटा देखिये तो समझ आ ज्यागा कि यह DCF या EV/EBITDA जैसे मानकों से भी मूल्यांकन करना चाहिए।
Agni Gendhing
ओह, ग्रे‑मार्केट प्रीमियम... क्या चीज़ है!!!
Jay Baksh
देश के बड़े ब्रांडों को निर्यात कराना चाहिए, लेकिन इंडिया में लिस्टिंग? यही असली मैत्री नहीं!