नवीन पटनायक की 'कंपते हाथों' वाली वीडियो पर BJP की आलोचना का जवाब: 'निश्चित रूप से काम नहीं करेगा'

नवीन पटनायक की 'कंपते हाथों' वाली वीडियो पर BJP की आलोचना का जवाब: 'निश्चित रूप से काम नहीं करेगा'

नवीन पटनायक की 'कंपते हाथों' वाली वीडियो पर BJP की आलोचना का जवाब: 'निश्चित रूप से काम नहीं करेगा' 29 मई

नवीन पटनायक ने भाजपा की आलोचना का दिया करारा जवाब

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, जिनकी उम्र 77 वर्ष है, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हालिया आलोचनाओं पर तीखा जवाब दिया है। यह मामला तब शुरू हुआ जब एक वीडियो सामने आई, जिसमें पटनायक के हाथ कपकपा रहे थे और उनके सहयोगी वीके पंडियन उनकी मदद करने की कोशिश करते दिखे थे। इस वीडियो के जरिए बीजेपी ने पटनायक की सेहत को निशाना बनाया और इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक खेल खेला।

हिमंता बिस्वा सरमा का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस वीडियो को साझा करते हुए आरोप लगाया कि वीके पंडियन पटनायक की कमजोर स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह दावा किया कि पंडियन सत्ता हथियाना चाहते हैं और पटनायक की सेहत को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। इस बयान के साथ ही बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति के तहत पटनायक को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

अमित शाह की टिप्पणी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवीन पटनायक पर आरोप लगाया कि उनकी उम्र और सेहत उन्हें ओडिशा की सेवा करने से रोक रही है। शाह ने यह भी कहा कि भाजपा एक युवा और स्थानीय नेता को सामने लाएगी, जो राज्य की बेहतर सेवा कर सके। उन्होंने पटनायक से उनकी राजनीतिक स्थिति पर पुनर्विचार करने के लिए कहा।

पटनायक की प्रतिक्रिया

इन सभी आरोपों के जवाब में नवीन पटनायक ने कहा कि उनकी सेहत अच्छी है और वह राज्य भर में लगातार प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी उम्र और सेहत उन्हें चुनावी मैदान में कमजोर नहीं बनाती। पटनायक ने दावा किया कि वह पूरी तरह से सक्रिय हैं और राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पंडियन पर आरोप

भाजपा ने वीके पंडियन पर भी निशाना साधा, जो एक पूर्व नौकरशाह से राजनेता बने हैं। भाजपा का कहना है कि पंडियन ओडिशा में अपनी व्यक्ति आधारित सत्ता जमा रहे हैं और पटनायक की सेहत का फायदा उठा रहे हैं। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि पंडियन का व्यवहार और उनके कार्य पटनायक की सरकार की साख पर सवाल उठा रहे हैं।

ओडिशा में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में यह मुद्दा कैसे प्रभाव डालता है। नवीन पटनायक के समर्थक कह रहे हैं कि यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं और पटनायक की लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भाजपा के नेता अन्यथा सोचते हैं, लेकिन अंततः फैसला जनता के हाथों में है।

समर्थकों का समर्थन

समर्थकों का समर्थन

पटनायक के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने ओडिशा में कई विकासात्मक परियोजनाएं शुरू की हैं और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता मजबूत है। वे यह भी कहते हैं कि पटनायक की विफलता की संभावना नहीं है क्योंकि उनकी लोकप्रियता काफी मजबूत है।

यह स्थिति केवल समय बताएगा कि आगामी चुनाव में कौन जीतेगा, लेकिन एक बात तो निश्चित है - यह मुद्दा पर्दे के पीछे बहुत अधिक गर्मी पैदा कर रहा है। ओडिशा की जनता केवल नेताओं के नहीं, बल्कि उनके कार्यों और नीतियों पर भी ध्यान देगी। हर राजनीतिक दल अपने तरीके से चुनावी मैदान में उतरेगा, लेकिन जीत का ताज किसके सिर पर सजेगा, यह देखना बाकी है।



एक टिप्पणी लिखें