ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को 134 रनों का लक्ष्य दिया, दूसरे टेस्ट में एक विकेट बाकी

ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को 134 रनों का लक्ष्य दिया, दूसरे टेस्ट में एक विकेट बाकी

ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को 134 रनों का लक्ष्य दिया, दूसरे टेस्ट में एक विकेट बाकी 16 नव॰

सेबिना पार्क, किंग्स्टन में शुक्रवार, 7 मार्च 2025 को खेले गए दूसरे टेस्ट में, ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 243 रन पर घोषित कर दी, जिससे वेस्टइंडीज को 134 रनों का लक्ष्य दिया गया। लेकिन शाम के समय जब दिन का अंत हुआ, तो वेस्टइंडीज की पारी 135/9 पर थी — एक विकेट बाकी, और जीत के लिए अभी बाकी हैं सिर्फ 134 रन। एक बल्लेबाज ने बल्ला उठाया है, दूसरा अभी बैटिंग के लिए तैयार हो रहा है। ये कहानी बस एक टेस्ट मैच नहीं, बल्कि एक ट्रॉफी की किस्मत बदल सकती है।

कैसे बदला मैच का रुख?

पहले दिन का शुरुआती अंदाज़ बहुत अलग लग रहा था। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 286 रन बनाए। एलेक्स कैरी ने 63 और बू वेबस्टर ने 60 रन बनाए, लेकिन वेस्टइंडीज के गेंदबाज अल्जारी जोसेफ ने 4 विकेट लेकर उनकी पारी को बर्बर बना दिया। वेस्टइंडीज ने अपनी पहली पारी में 253 रन बनाए, ब्रैंडन किंग ने अपनी पहली टेस्ट शतक के करीब 75 रन बनाए — ये उनकी दूसरी टेस्ट पारी थी, लेकिन उन्होंने अपनी जगह बना ली।

लेकिन दूसरी पारी में सब कुछ बदल गया। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में स्टीवन स्मिथ ने 71 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें धैर्य और तकनीक का जादू था। उनके बाद कैमरून ग्रीन ने 52 रन बनाए। वेस्टइंडीज के गेंदबाज शमार जोसेफ ने 4 विकेट लिए, लेकिन ये उनकी एकमात्र उपलब्धि रह गई।

स्टार्क और लायन ने तोड़ दी वेस्टइंडीज की पारी

दूसरी पारी के शुरुआती ओवरों में ही वेस्टइंडीज का बल्लेबाजी क्रम ढह गया। पहला विकेट 1.2 ओवर में जॉन कैंपबेल का, दूसरा 6.5 ओवर में कीसी कार्टी का। फिर क्रेग ब्रैथवेट, ब्रैंडन किंग, शाई होप — एक के बाद एक विकेट गिरते गए।

यहां आया ऑस्ट्रेलिया का तूफान। मिचेल स्टार्क ने 8 ओवर में सिर्फ 24 रन देकर 3 विकेट लिए — उनकी गेंदें तेज़, डिलीवरी बारीक थीं। नाथन लायन ने दोनों पारियों में 6 विकेट लिए — दूसरी पारी में 5.3 ओवर में 3 विकेट, जिसमें रॉस्टन चेस और शाई होप जैसे अनुभवी बल्लेबाज शामिल थे। पैट कमिंस ने भी एक विकेट लिया। वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों के लिए ये एक अभिशाप बन गया।

एक विकेट बाकी, लेकिन उम्मीद अभी जिंदा है

एक विकेट बाकी, लेकिन उम्मीद अभी जिंदा है

अंत में जब दिन का अंत हुआ, तो वेस्टइंडीज की पारी 135/9 पर थी। एंडरसन फिलिप 11* (22 गेंदें) पर नाबाद थे, और जयदन सील्स अभी बैटिंग के लिए तैयार हो रहे थे। ये दोनों गेंदबाज हैं — फिलिप ने पहली पारी में भी तेज़ गेंदों से ऑस्ट्रेलिया को तंग किया था। अगर ये दोनों एक साथ बैट करें, तो 134 रन नहीं, बल्कि 100 रन भी असंभव नहीं।

लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज अभी भी खेल में हैं। स्टार्क ने अपनी बारी के बाद अभी तक बहुत कम ओवर बोले हैं। लायन अभी भी चक्कर लगा सकते हैं। और अगर ये दोनों एक साथ आ जाएं, तो वेस्टइंडीज के लिए ये अंतिम विकेट एक दीवार बन सकता है।

फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी का वो इतिहास, जो याद किया जाता है

ये मैच फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी के तहत खेला जा रहा है — नाम उस वेस्टइंडीज के लीजेंड के नाम पर है, जिन्होंने 1960 के दशक में क्रिकेट में रंग लाया। वॉरेल ने ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच दोस्ती का नया रूप दिया था। आज भी ये ट्रॉफी बस जीत-हार का मुद्दा नहीं, बल्कि एक संस्कृति का प्रतीक है।

पिछली श्रृंखला 2023-24 में ऑस्ट्रेलिया ने जीती थी। अगर आज वे ये टेस्ट भी जीत जाते हैं, तो ये उनकी दूसरी लगातार श्रृंखला जीत होगी। वेस्टइंडीज के लिए ये अंतिम मौका है — न केवल ट्रॉफी बचाने का, बल्कि अपनी गर्व की पहचान बचाने का।

अगला कदम: तीसरे दिन की लड़ाई

अगला कदम: तीसरे दिन की लड़ाई

तीसरे दिन का खेल शायद क्रिकेट के इतिहास में सबसे दिल धड़काने वाला दिन बन जाए। वेस्टइंडीज को एक विकेट बाकी है, लेकिन उनके पास दो गेंदबाज हैं — फिलिप और सील्स — जो अपनी गेंदों से अच्छी तरह जानते हैं कि कैसे बल्लेबाज को दबाए रखना है। अगर वे एक घंटे तक बैट कर दें, तो ऑस्ट्रेलिया के लिए विकेट लेना आसान नहीं होगा।

लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए ये एक अवसर है। अगर वे इस टेस्ट जीत जाते हैं, तो उनकी टीम की ताकत दुनिया भर में फिर से दिख जाएगी। और वेस्टइंडीज के लिए? अगर वे ये टेस्ट जीत जाते हैं, तो ये उनके लिए एक जादू की तरह होगा — एक ऐसा जादू जिसे उन्होंने लंबे समय से भूल गए थे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

वेस्टइंडीज के लिए ये टेस्ट जीतना कितना मुश्किल है?

एक विकेट बाकी होने पर 134 रन बनाना बहुत मुश्किल है — पिछले 20 साल में ऐसा केवल तीन बार हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस तरह का अंतिम विकेट बचाकर जीतने का रिकॉर्ड 1998 में था। फिलिप और सील्स दोनों गेंदबाज हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाजी की औसत टेस्ट में 10 से भी कम है।

नाथन लायन ने इस मैच में क्या अद्भुत किया?

लायन ने दोनों पारियों में कुल 6 विकेट लिए — पहली पारी में 3/75 और दूसरी में 3/42। उन्होंने वेस्टइंडीज के मध्यक्रम को तोड़ दिया, जिसमें शाई होप और रॉस्टन चेस जैसे अनुभवी बल्लेबाज शामिल थे। उनकी स्पिन और गति बदलने की क्षमता ने वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को बेकाबू कर दिया।

स्टीवन स्मिथ की पारी का महत्व क्या था?

स्मिथ ने 71 रन 119 गेंदों में बनाए — ये उनकी टेस्ट कैरियर की सबसे जरूरी पारी थी। ऑस्ट्रेलिया की पारी लगभग ढह रही थी, लेकिन उन्होंने धैर्य से खेलकर टीम को 243 रन तक ले गए। उनकी इस पारी ने टीम को डिक्लेयर करने का मौका दिया, जिससे वेस्टइंडीज को दबाव बनाया जा सका।

फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी क्यों इतनी महत्वपूर्ण है?

ये ट्रॉफी 1960 में शुरू हुई और इसका नाम वेस्टइंडीज के लीजेंड फ्रैंक वॉरेल के नाम पर है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच दोस्ती और सम्मान का नया मानक बनाया। आज भी ये ट्रॉफी बस जीत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है।

वेस्टइंडीज के लिए अगला मैच कैसा होगा?

अगर वेस्टइंडीज इस टेस्ट हार जाते हैं, तो ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला 2-0 से जीत लेगी। ये उनके लिए एक बड़ा झटका होगा — खासकर जब उनके टीम के अधिकांश खिलाड़ी अभी अनुभवहीन हैं। लेकिन अगर वे जीत जाते हैं, तो ये उनके लिए एक नई शुरुआत होगी।

ऑस्ट्रेलिया की टीम की ताकत क्या है?

ऑस्ट्रेलिया की टीम में अनुभव और युवा शक्ति का बेहतरीन मिश्रण है। स्मिथ, लायन और कमिंस जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी अपनी तकनीक से दबाव बनाते हैं, जबकि स्टार्क और ग्रीन जैसे युवा खिलाड़ी तेज़ी से विकेट लेते हैं। ये टीम अब न सिर्फ जीतती है, बल्कि अपने आप को एक नए इतिहास की ओर ले जा रही है।



एक टिप्पणी लिखें