शक्तिकांत दास की नई भूमिका
पूर्व भारतीय रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का मौका मिला है। दास को प्रधान सचिव-2 के पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति कैबिनेट की अपॉइंटमेंट्स कमेटी द्वारा स्वीकृत की गई है, और उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ-साथ समाप्त होगा या अगले आदेश तक चलेगा।
शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2018 से दिसंबर 2023 तक आरबीआई गवर्नर के रूप में काम किया और उन्होंने भारतीय मौद्रिक नीति और कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक संकट प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिरताको सुनिश्चित करने और पुनः प्रवर्तन के लिए जरूरी कदम उठाए।
दास का विशाल अनुभव
दास के पास चार दशकों का आर्थिक नीतिनिर्माण का अनुभव है। उन्होंने आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में जीएसटी लागू करने और नोटबंदी के प्रभाव को संभालने में महत्वपूर्ण कार्य किया। अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे IMF, G20, और BRICS में भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
शक्तिकांत दास ने G20 शिखर सम्मेलनों में भारत के शेरपा के रूप में भी सेवा की है। उनकी वित्तीय शासन में गहरी जानकारी और विशेषज्ञता प्रधानमंत्री कार्यालय में रणनीतिक नीति निर्माण को और मजबूत करने की उम्मीद की जाती है।
Rakesh Joshi
ये तो बहुत बड़ी बात है! शक्तिकांत दास के बिना RBI का कोई फैसला अधूरा लगता था। अब PMO में उनकी वित्तीय बुद्धिमत्ता से देश को बहुत फायदा होगा। जय हिंद!
HIMANSHU KANDPAL
फिर से एक आरबीआई गवर्नर को पीएमओ में डाल दिया... क्या ये अब एक नया ट्रेंड बन गया? हमारी अर्थव्यवस्था तो बचाने के लिए नहीं, बल्कि एक शासन के लिए बनाई गई है।
Arya Darmawan
शक्तिकांत दास के अनुभव को देखिए - GST, नोटबंदी, कोविड का प्रबंधन, G20 शेरपा... ये सब कुछ एक व्यक्ति ने किया है। अब PMO में उनकी विशेषज्ञता से नीतियाँ और भी सटीक होंगी। ये नियुक्ति एक बड़ी बुद्धिमत्ता का परिणाम है।
Raghav Khanna
इस पद के लिए शक्तिकांत दास एक अत्यंत उपयुक्त उम्मीदवार हैं। उनकी शांत, विश्लेषणात्मक और दीर्घदृष्टि वाली प्रकृति प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए अत्यंत मूल्यवान है। यह नियुक्ति व्यवस्था की स्थिरता का संकेत है।
Rohith Reddy
क्या आपने कभी सोचा कि ये सब बस एक बड़ा धोखा है? दास को बुलाया गया क्योंकि वो बिना बोले बस बैठ जाते हैं... असली फैसले तो किसी और के नाम से हो रहे हैं। ये सब नाटक है।
Vidhinesh Yadav
क्या आपको लगता है कि इस तरह की नियुक्ति आम नागरिकों के लिए कुछ बदलाव लाएगी? या ये सिर्फ एक चमकीला नाम है जिसे हम देखकर खुश हो जाते हैं?
Puru Aadi
वाह भाई! शक्तिकांत दास वापस आ गए 😎🔥 अब तो अर्थव्यवस्था तो बिल्कुल फिक्स हो जाएगी। इनके बिना कोई भी नीति अधूरी है। जय भारत! 🇮🇳
Nripen chandra Singh
इस दुनिया में सब कुछ एक बड़े चक्र का हिस्सा है जिसमें लोग बदलते हैं पर व्यवस्था वही रहती है और शक्तिकांत दास भी तो एक चक्र का हिस्सा हैं जो एक बड़े यंत्र को चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इस बार वो अलग चक्र में आ गए हैं पर वो चक्र भी वही है
Rahul Tamboli
दास के बिना RBI तो एक बिना दिमाग का बैंक है... अब वो PMO में हैं तो अब सब ठीक हो जाएगा 😏👑 #BhaiyaOfFinance
Jayasree Sinha
शक्तिकांत दास की नियुक्ति एक संवैधानिक और प्रशासनिक रूप से उचित निर्णय है। उनके वित्तीय नीति निर्माण के अनुभव और व्यवस्था की गहरी समझ इस पद के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं।
Vaibhav Patle
मैंने जब देखा कि शक्तिकांत दास को PMO में डाल दिया गया तो मेरा दिल खुश हो गया 🤗 ये आदमी तो बस अपने काम में डूबा रहता है... बिना शोर के सब कुछ संभाल लेता है। अब तो देश की आर्थिक दिशा तय हो गई। बहुत बढ़िया!
Garima Choudhury
ये सब तो बस एक बड़ा फेक है... दास को बुलाया क्योंकि वो अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं और सरकार उन्हें एक नाम देकर लोगों को शांत कर रही है। असली ताकत तो किसी और के हाथ में है।
Hira Singh
बहुत अच्छा फैसला! शक्तिकांत दास के जैसे लोग देश के लिए बहुत कम हैं। उनकी शांत दृष्टि और विश्लेषणात्मक सोच अब PMO में बहुत काम आएगी। जय हिंद!
Ramya Kumary
इस नियुक्ति का अर्थ है कि भारत अब अपनी आर्थिक विरासत को गंभीरता से ले रहा है। शक्तिकांत दास ने न केवल नीतियाँ बनाईं, बल्कि एक ऐसा वातावरण बनाया जहाँ विश्लेषण भावनाओं से ऊपर उठता है। ये एक नई पीढ़ी के लिए एक निशान है।
Sumit Bhattacharya
शक्तिकांत दास की नियुक्ति एक व्यवस्थित और लंबे समय तक चलने वाली नीति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और आंतरिक नीति निर्माण की अनुभव दोनों ही इस पद के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
Snehal Patil
फिर वो आ गए... जो लोग बार-बार आते हैं... जब तक देश बचेगा तब तक वो वापस आएंगे। लेकिन क्या वो असली बदलाव ला पाएंगे?
Nikita Gorbukhov
दास को बुलाया गया क्योंकि वो बिना बोले बस आदेश मान लेते हैं... और फिर लोग सोचते हैं वो ही सब कुछ कर रहे हैं। ये सब बस एक शो है।
RAKESH PANDEY
शक्तिकांत दास के वित्तीय नीति निर्माण के अनुभव और निष्पक्ष दृष्टिकोण के कारण यह नियुक्ति अत्यंत उचित है। उनकी विशेषज्ञता देश के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है।