बुगाटी ने नई टूरबिलन सुपरकार का अनावरण किया है, जिसमें 1800 hp का वी16-PHEV इंजन है। इसकी डिलीवरी 2026 में शुरू होगी। कार में 800 hp का तीन-मोटर प्लग-इन हाइब्रिड सिस्टम शामिल है। इसकी कीमत €3.8 मिलियन है और इसका उत्पादन 250 यूनिट्स तक सीमित है। कार के इंटीरियर में स्विस घड़ीसाज़ों द्वारा निर्मित जटिल उपकरण क्लस्टर और एक डिजिटल स्क्रीन शामिल है।
Hybrid – क्या है, क्यों ज़रूरी?
अगर आप कभी ‘हाइब्रिड’ शब्द सुनते हैं तो सोच सकते हैं कि ये सिर्फ कारों के बारे में ही बात करता है. लेकिन असल में हाइब्रिड का मतलब दो अलग‑अलग ऊर्जा स्रोतों या तकनीकों को एक साथ इस्तेमाल करना है. इस टैग पेज पर हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी, गाड़ियों और नई गैजेट्स में हाइब्रिड कैसे काम कर रहा है, इसका आसान‑से समझाने वाला जंक्शन बनाते हैं.
हाइब्रिड तकनीक का बड़ा फायदा ईंधन बचत और कम कार्बन उत्सर्जन है. जब आप पेट्रोल या डीज़ल पर पूरी तरह निर्भर होते थे तो पर्यावरण को बहुत नुकसान होता था. अब इलेक्ट्रिक मोटर के साथ मिलाकर चलने वाली हाइब्रिड सिस्टम से गाड़ी की माइलेज बढ़ती है और ध्वनि भी कम होती है. यही कारण है कि भारत में कई निर्माता इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.
हाइब्रिड तकनीक के मुख्य प्रकार
सबसे आम हाइब्रिड दो तरह के होते हैं – प्लग‑इन और नॉन‑प्लग‑इन. नॉन‑प्लग‑इन हाइब्रिड (HEV) में बैटरी छोटी होती है, इसलिए कार को केवल ब्रेकिंग या रजिस्टेंस से चार्ज किया जाता है. ये गाड़ी चलाते समय स्वचालित रूप से इंधन और इलेक्ट्रिक दोनों मोड में बदलती रहती है.
प्लग‑इन हाइब्रिड (PHEV) की बैटरी बड़ी होती है, जिसे आप घर या सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट पर भी चार्ज कर सकते हैं. इससे शून्य एमीशन वाले इलेक्ट्रिक मोड में 30‑50 किलोमीटर तक चलना संभव है. अगर दूरी ज्यादा हो तो फिर इंजन अपने आप चालू हो जाता है.
कभी‑कभी हम ‘हाइब्रिड सोलर’ या ‘हाइब्रिड विंड’ जैसी शब्द सुनते हैं. ये ऊर्जा उत्पादन में दो स्रोतों को मिलाते हैं – जैसे सूर्य की रोशनी और पवन शक्ति, जिससे निरंतर बिजली उपलब्ध रहती है.
हाइब्रिड से जुड़ी नई खबरें और ट्रेंड
पिछले हफ्ते मुंबई में हुए भारी बारिश के बाद कई सार्वजनिक परिवहन सिस्टम ने हाइब्रिड बसों को प्राथमिकता दी. ये बसें बैटरी बचत करती हैं और जलभराव वाले रास्तों पर भी चल पाती हैं. इसी तरह, दिल्ली की मेट्रो ने कुछ ट्रैक पर हाइब्रिड ट्रेन का परीक्षण शुरू किया है जिससे ऊर्जा खपत में 20% तक कमी आ रही है.
तकनीकी दुनिया में भी हाइब्रिड का असर दिख रहा है. इस साल टेस्ला ने अपना ‘हाइब्रिड एआई प्रोसेसर’ पेश किया, जो क्लाउड और ऑन‑प्रेमिस दोनों जगह डेटा को तेज़ी से प्रोसेस करता है. इससे छोटे व्यवसायों को हाई‑परफ़ॉर्मेंस कंप्यूटिंग मिलती है बिना बड़ी लागत के.
खरीदारों की बात करें तो अब कई ऑटो कंपनियां ‘हाइब्रिड लोन’ पैकेज भी दे रही हैं. यह योजना ब्याज दर घटा कर अधिक लोगों को हाइब्रिड कार खरीदने का मौका देती है. अगर आप पहली बार हाइब्रिड गाड़ी लेना चाहते हैं, तो ये ऑफ़र चेक करना फायदेमंद रहेगा.
हाइब्रिड तकनीक सिर्फ पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि आपके खर्चे को भी कम करती है. पेट्रोल की कीमतें ऊपर‑नीचे होती रहती हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक मोड में चलने वाली गाड़ी आपका बजट बचाती है. अगर आप अभी तक हाइब्रिड पर विचार नहीं किया तो यही सही समय है; छोटे बदलाव बड़े असर लाते हैं.
सत्ता खबर पर हम इस टैग के तहत लगातार नई कहानियां, रिव्यू और उपयोगी टिप्स जोड़ते रहेंगे. चाहे आप गाड़ी खरीदना चाहते हों या घर में ऊर्जा बचाना चाहते हों – हाइब्रिड आपके लिए कई विकल्प लेकर आया है. पढ़ते रहें और अपडेटेड रहें!