ग्रीन पार्क पर फिर छाया सन्नाटा, लखनऊ को मिली सारी चमक
यूपी टी20 लीग के मैच दोबारा से कानपुर के ऐतिहासिक ग्रीन पार्क स्टेडियम की बजाय लखनऊ में शिफ्ट होने से क्रिकेट फैंस का दिल टूट गया है। जिन लोगों ने ग्रीन पार्क की दीवारों पर भारत के दिग्गज खिलाड़ियों को खेलते देखा है, उनके लिए ये फैसला किसी झटके से कम नहीं। इस बार न सिर्फ लीग के नियमित मैच बल्कि प्लेऑफ और फाइनल सब लखनऊ के भारत-रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में होंगे।
कानपुर के क्रिकेट प्रेेमी हमेशा यहां के स्टेडियम में बड़े मुकाबलों की उम्मीद लगाए रहते थे, लेकिन उनका इंतजार लगातार लंबा होता जा रहा है। ग्रीन पार्क की गिनती देश के सबसे पुराने और मशहूर क्रिकेट स्टेडियमों में होती है, जहां टेस्ट से लेकर इंटरनेशनल मैचों की बेहतरीन यादें जुड़ी हैं। बावजूद इसके, बड़े आयोजनों के लिए हर बार लखनऊ को तवज्जो दी जा रही है।

कानपुर का जलवा फीका, उपेक्षा की चर्चा तेज
ये पहली दफा नहीं है, जब ग्रीन पार्क स्टेडियम को इस तरह दरकिनार किया गया हो। आईपीएल हो या यूपी टी20, लखनऊ को बार-बार प्रमुखता देने पर स्थानीय प्रशंसकों में गहरी नाराजगी है। कानपुर का इतिहास बताता है कि यहां के मैदान ने विजय हजारे, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव जैसे नाम दिए हैं। लेकिन जब बात मौकों की आती है, प्रशासन और एसोसिएशन की नजर सिर्फ नई सुविधाओं वाले लखनऊ पर टिक जाती है।
खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए ये स्थिति मायूसी का कारण बन गई है। कई स्थानीय कोच और क्रिकेटर मानते हैं कि इस तरह लगातार टूर्नामेंट हटने से न सिर्फ खिलाड़ी बल्कि ग्रीन पार्क का आकर्षण भी कम हो जाएगा। जबकि स्टेडियम में अब भी बेहतर सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर मौजदू है।
अधिकारियों की तरफ से वजह बताई जा रही है कि लखनऊ में आधुनिक फैसिलिटीज हैं, लेकिन फैंस सवाल कर रहे हैं कि UP T20 लीग जैसे बड़े टूर्नामेंट में कानपुर जैसे शहर को लगातार बाहर क्यों रखा जा रहा है? क्या ये सिर्फ बड़ी सुविधाओं की वजह है या अन्य कारण भी छुपे हैं?
कानपुर प्रीमियर लीग (KPL) 2025 मार्च में होनी है, जिसमें स्थानीय छह टीमों के बीच मैच होंगे। लेकिन इतने सीमित टूर्नामेंट से स्थानीय टैलेंट का भला कितना होगा? यही सवाल अगली पीढ़ी के क्रिकेटर्स के मन में घर कर गया है। जब स्टेडियम और दर्शक तैयार हैं, फिर उन्हें बड़े मुकाबलों से क्यों वंचित किया जा रहा है? फैंस का वही सवाल अब तेज होता जा रहा है—क्या ग्रीन पार्क का सुनहरा दौर यूं ही थम जाएगा, या कभी फिर वापसी होगी?