DHS ने प्रस्तावित किया F‑1 छात्र वीज़ा में 4‑साल की सीमा, OPT ग्रेस घटेगी

DHS ने प्रस्तावित किया F‑1 छात्र वीज़ा में 4‑साल की सीमा, OPT ग्रेस घटेगी

DHS ने प्रस्तावित किया F‑1 छात्र वीज़ा में 4‑साल की सीमा, OPT ग्रेस घटेगी 6 अक्तू॰

जब U.S. Department of Homeland Security ने 28 अगस्त 2025 को एक नया नियम ड्राफ्ट जारी किया, तो अंतरराष्ट्रीय छात्रों के भविष्य को लेकर धूम मचा गया। इस प्रस्तावित नियम में मौजूदा "Duration of Status" (स्थिति‑समय) ढांचे को खत्म कर, F‑1 छात्र वीज़ा और J‑1 एक्सचेंज वीज़ा पर चार साल की अधिकतम रहने की सीमा लगाई जाएगी। इससे कई छात्रों को अपने कोर्स पूरे करने के लिए बार‑बार विस्तार के लिए आवेदन करना पड़ेगा, और कुछ प्रमुख नौकरियों की उपलब्धता भी घट सकती है।

पृष्ठभूमि और मौजूदा प्रणाली

अमेरिका में 1985 से चल रहा "Duration of Status" सिस्टम छात्रों को उनके शैक्षणिक प्रोग्राम की समाप्ति तक और सहायक प्रशिक्षण (जैसे OPT) की अवधि तक वैध रहने की छूट देता है। अब DHS और U.S. Immigration and Customs Enforcement इस लचीले मॉडल को स्थिर, चार साल की सीमा में बदलना चाहते हैं। प्रस्ताव के अनुसार, F‑1 या J‑1 छात्र अपनी एंट्री के समय ही अपने फ़ॉर्म I‑20 या DS‑2019 पर लिखे प्रोग्राम समाप्ति तिथि तक ही रहेंगे, चाहे असल में कोर्स का समय अधिक हो।

प्रस्तावित परिवर्तन के मुख्य बिंदु

  • सभी F‑1 और J‑1 प्रवेश के शुरुआती अवधि को प्रोग्राम समाप्ति तिथि तक सीमित, अधिकतम चार साल।
  • "Program stacking" – यानी एक ही स्तर की दो डिग्री (जैसे दो मास्टर) करने को प्रतिबंधित, जिससे Day‑1 CPT जैसी नौकरी सुविधाएँ लगभग समाप्त होंगी।
  • OPT के बाद 60‑दिन की ग्रेस पिरीयड को 30‑दिन तक घटाया जाएगा।
  • विदेशी छात्र 30 दिन से कम पहले यू.एस. में प्रवेश नहीं कर पाएंगे; पहले आना हो तो B‑वीज़ा लेकर बदलाव करना पड़ेगा।

इन बदलावों का उद्देश्य इस बात को रोकना है कि कुछ छात्र केवल काम के लिए दोहराव वाला डिग्री कोर्स चुनें, जबकि वास्तविक शैक्षणिक या शोध‑उद्देश्य नहीं रखते।

शैक्षणिक संस्थानों की प्रतिक्रिया

फ़्लोरिडा में University of Illinois system ने बताया कि इस नियम के लागू होने पर उन्हें 13 पुरे‑समय और एक अंश‑समय कर्मचारी को नियुक्त करना पड़ेगा, जिसका पहला‑साल का खर्च $2 मिलियन से अधिक अनुमानित है। प्रोफेसर और प्रशासनिक स्टाफ दोनों ने कहा कि यह अतिरिक्त बोझ छोटे‑मोटे कॉलेजों के लिए असहनीय हो सकता है।

इसी तरह नेशनल एसोसिएशन ऑफ फ़ॉरेन स्टूडेंट एडवाइज़र्स (NAFSA) ने बताया कि यू.एस. सिटिज़नशिप अंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) को एक विस्तार आवेदन प्रोसेस करने में औसतन 6.5 महीने लगते हैं। नए नियम से आवेदनों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी होगी, जिससे प्रोसेसिंग टाइम और भी लंबा हो सकता है।

छात्रों और शोधकर्ताओं की चिंताएँ

छात्रों और शोधकर्ताओं की चिंताएँ

येल विश्वविद्यालय की पोस्ट‑डॉक्टोरल रिसर्चर Grace Swaim ने कहा, "बहु‑वर्षीय शोध प्रोजेक्ट को चार साल की सीमा में सीमित करना विज्ञान को बुरी तरह नुकसान पहुँचा सकता है। न्यूरोसाइंस जैसे क्षेत्र में प्रयोगों को सेट‑अप करने, डेटा इकट्ठा करने और पेपर प्रकाशित करने में अक्सर पाँच‑छह साल लगते हैं।"

ओल्ड डोमिनियन यूनिवर्सिटी के फिज़िक्स विभाग के प्रमुख Sebastian Kuhn ने जोड़ा, "अंतरराष्ट्रीय स्नातकोत्तर छात्रों के बिना कई राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ और औद्योगिक परियोजनाएँ सफल नहीं हो पातीं। यह नियम न केवल अमेरिकी विज्ञान को ठेस पहुँचाएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी घटाएगा।"

आर्थिक और प्रशासनिक प्रभाव

एक सर्वेक्षण में बताया गया कि लगभग 45 % अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने पहले से ही छात्रों के वीज़ा विस्तार से जुड़ी अतिरिक्त लागत को बजट में शामिल कर लिया है। अनुमान है कि राष्ट्रीय स्तर पर यह खर्च $300 मिलियन से अधिक हो सकता है। इसके अलावा, कई छोटे‑बड़े कॉलेजों ने कहा कि संभावित अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कमी के कारण ट्यूशन राजस्व में गिरावट आ सकती है।

साथ ही, उद्योग जगत को भी असर पड़ेगा। कई टेक कंपनियां और स्टार्ट‑अप्स, जो अक्सर F‑1 छात्र‑ग्रेजुएट को नौकरी पर रखते हैं (ऑप्ट‑बेस्ड H‑1B स्पॉन्सरशिप), उन्हें भर्ती टाइमलाइन को घटाना पड़ेगा। 30‑दिन की सीमित ग्रेस पिरीयड का मतलब है: स्नातक होने के दो‑तीन हफ्ते में नौकरी की पुष्टि और वीज़ा प्रक्रिया पूरी करनी होगी, नहीं तो छात्र को वैध स्थिति खोनी पड़ेगी।

आगे क्या हो सकता है?

आगे क्या हो सकता है?

वर्तमान में सार्वजनिक टिप्पणी का समय 30 सितंबर 2025 तक है। कई विश्वविद्यालय, गैर‑सरकारी संगठन और छात्र समूह इस प्रस्ताव पर उछाल दे रहे हैं। यदि फीडबैक में पर्याप्त विरोध होता है, तो DHS को नियम में बदलाव या नरमी करने की संभावना है। वैकल्पिक सुझावों में चार‑साल की सीमा को ‘डिग्री‑बेस्ड’ रखने की यानी केवल उन छात्रों को शामिल करने की बात है जो वास्तव में चार साल से कम में कोर्स पूरा कर सकते हैं।

हालांकि, अगर नियम अंतिम रूप से लागू हो जाता है, तो यह दृष्टिकोण अमेरिकी इमिग्रेशन नीति को अन्य वीज़ा वर्गों (जैसे H‑1B) के साथ अधिक समन्वित बनाता दिखेगा। यह बदलाव तब तक नहीं आएगा जब तक राष्ट्रपति या कांग्रेस द्वारा इसे मंज़ूर नहीं किया जाता, और इस बीच वर्तमान नियम प्रभावी ही रहेंगे।

समापन

संक्षेप में, DHS का नया प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक बड़ा मोड़ हो सकता है। यह न केवल शैक्षणिक निरंतरता को चुनौती देगा, बल्कि शोध‑उत्पादन, आर्थिक राजस्व और अमेरिकी विश्वविद्यालयों के वैश्विक प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करेगा। इस मुद्दे पर दीर्घकालिक असर का आकलन तभी संभव है जब सार्वजनिक प्रतिक्रिया को ध्यान में रखकर अंतिम नियम तैयार किया जाए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यह नया नियम F‑1 छात्र वीज़ा धारकों को कैसे प्रभावित करेगा?

छात्रों को अपने कोर्स समाप्ति तिथि के बाद वैध रहने के लिए प्रत्येक बार वीज़ा विस्तार के लिए आवेदन करना पड़ेगा। साथ ही, यदि उनका प्रोग्राम चार साल से लंबा है, तो उन्हें अतिरिक्त अनुमतियों के बिना जारी नहीं रहेगा, जिससे कई शोध‑प्रोजेक्ट्स में बाधा आ सकती है।

OPT ग्रेस पिरीयड में कमी का क्या मतलब है?

स्नातक होने के बाद छात्रों को अब 60 दिन के बजाय केवल 30 दिन ही मिलेगा नौकरी खोजने या वर्क वोट के लिए बदलाव करने का। इससे कई अंतरराष्ट्रीय स्नातकों को जल्दी‑जल्दी नियोक्ता खोजने या H‑1B प्रक्रिया शुरू करने का दबाव रहेगा।

विश्वविद्यालयों को इस नियम से आर्थिक रूप से कितना नुकसान हो सकता है?

University of Illinois system ने पहले ही अनुमान लगाया है कि केवल प्रशासनिक कार्य के लिए $2 मिलियन से अधिक खर्च आएगा। राष्ट्रीय स्तर पर यह लागत $300 मिलियन तक पहुँच सकती है, साथ ही ट्यूशन राजस्व में घटाव की भी संभावना है।

क्या इस प्रस्ताव पर कोई वैकल्पिक सुझाव सामने आया है?

कई संस्थानों ने चार‑साल की सीमा को केवल उन कोर्सों तक सीमित करने का प्रस्ताव दिया है जिनकी अवधि वास्तव में चार साल से कम है, और "program stacking" की अनुमति रखने के लिए अलग अपवाद बनाने की माँग की है।



टिप्पणि (1)

  • ARPITA DAS
    ARPITA DAS

    लगता है DHS ने इस फ़ैसले को किसी गुप्त षड्यंत्र के तहत पब्लिश किया है, जैसे कि लाबर मार्केट को कंट्रोल करना हो। इस प्रस्ताव को देखें तो बस एक बड़ी दिखावटी नीतियों की राइफल है, जिसका मकसद छात्रों को डराकर काम पर कमज़ोर बनाना है। चार साल की सीमा तय करने से कई शोध‑प्रोजेक्ट बायलॉजी या न्यूरो‑साइंस में मार्गडेड हो जाएंगे। यूएस की शिक्षा सिस्‍टम का शिल्प अभी भी कच्ची बेकरी में नाच रहा है, और यह नया नियम वह बेकरी के ओवन को और गर्म कर देगा। चाहे जो भी हो, ये एक ऐतिहासिक मोड़ है, क्योंकि अब स्टूडेंट वीज़ा भी 'अवेंजेडर' की तरह फ़िक्स्ड टाइम हो रहा है।

एक टिप्पणी लिखें