विवाद की पृष्ठभूमि
Asia Cup 2025 के दूसरे ग्रुप मैच में Pakistan ने Bangladesh को 30 रनों से हराया। इस जीत के दौरान Haris Rauf ने 3 विकेट लेकर टीम को बंधक बनाया, लेकिन एक क्षण वह सभी की नज़रें अपनी ओर खींच गया। 28वें ओवर में Rauf ने Saif Hassan को लाया, जब बॉल पार्क में पहुंची तो फील्डर के हाथ में लगा। फील्डर ने तुरंत कैच का दावा किया, लेकिन स्कोरबोर्ड पर बिल्ड‑इन रिव्यू सिस्टम ने संकेत दिया कि बॉल जमीन पर बाउंस हो सकता है।
Umpire Decision Review System (DRS) को सक्रिय कर साक्ष्य भेजे गए, लेकिन स्क्रीन पर बॉल की ट्रेसिंग ने दो पक्षों को अलग-अलग संकेत दे दिए। कुछ कैमरों में बॉल को फील्डर की हथेली पर गिरते हुए दिखाया गया, जबकि अन्य एंगल में बॉल पहले जमीन से टकरा कर फिर फील्डर की पकड़ में आती दिखाई दी। इस तकनीकी असंगति ने त्वरित बहस को जन्म दिया।
प्रतिक्रियाएँ और आगे की सम्भावनाएँ
फील्डर का दावा जल्द ही रद्द कर दिया गया, लेकिन उसके बाद दोनों टीमों के कप्तानों ने इस निर्णय को ‘अनिर्णायक’ कहा। Pakistan के कप्तान Babar Azam ने कहा कि उनका मानना है कि बॉल फील्डर की पकड़ में ही थी और DRS को अधिक दृश्यमान होना चाहिए। वहीं Bangladesh के कप्तान Tamim Iqbal ने कहा कि टीम ने नियमों का सम्मान किया और उनका कोई इरादा नहीं था कि रिव्यू प्रणाली को चुनौती दी जाए।
इसी बीच दर्शकों के बीच यह चर्चा तेज थी। सोशल मीडिया पर #RaufCatchTrend टैग ट्रेंड करने लगा, जहाँ फैन पूछते रहे कि क्या यह कैच सच में ली गई थी या नहीं। कई क्रिकेट विश्लेषकों ने कहा कि इस प्रकार की अस्पष्टता को दूर करने के लिए कई कैमरों का समन्वय आवश्यक है, और आगामी टूर में ICC को तकनीकी मानकों को अपग्रेड करना चाहिए।
विचार‑विमर्श के बाद, ICC ने एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि इस मामले में रिव्यू प्रक्रिया ठीक से लागू हुई और अंतिम निर्णय का समर्थन किया गया। उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में सभी प्रमुख टournaments में अतिरिक्त हाई‑डेफ़िनिशन कैमरे लगाया जाएगा ताकि ऐसे विवादों से बचा जा सके।
- मैच का परिणाम: Pakistan ने Bangladesh को 30 रन से हराया।
- Rauf की बोली: 3 विकेट, 1/45 की औसत रन।
- विवादित कैच: Saif Hassan द्वारा लाया गया, लेकिन DRS ने इसे ‘Not Out’ कहा।
- ICC का कदम: अतिरिक्त कैमरों का उपयोग, रिव्यू प्रक्रिया का पुनरावलोकन।
RAKESH PANDEY
DRS का ये फैसला पूरी तरह सही था। बॉल की ट्रेसिंग में जमीन पर बाउंस का स्पष्ट संकेत था, चाहे कुछ कैमरों में हथेली पर लगता दिखा हो। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इसलिए होता है कि आँखों की भूल को कम किया जा सके। अगर ये कैच लिया गया होता, तो DRS का मतलब ही क्या?
Nitin Soni
अच्छा लगा कि दोनों कप्तानों ने समझदारी से प्रतिक्रिया दी। इस तरह के मामलों में गुस्सा नहीं, बल्कि समझ चाहिए। आगे के मैचों में ज्यादा कैमरे लगेंगे तो ऐसी बहसें कम हो जाएंगी। जय हिंद, जय क्रिकेट!
varun chauhan
बहुत अच्छा था कि ICC ने तुरंत बयान दे दिया 😊 अब लोग शांत हो जाएंगे। ये टेक्नोलॉजी बढ़िया है, बस थोड़ा और क्लियर हो जाए तो बेहतर होगा 💪
Prince Ranjan
ये DRS बकवास है भाई साहब बॉल जमीन पर नहीं लगा तो क्या हुआ अगर फील्डर ने उसे पकड़ लिया तो वो कैच है ना अब ये कैमरों का जाल क्या बना रखा है जिसमें एक कैमरा बोल रहा है बाउंस हुआ दूसरा कह रहा है पकड़ा हुआ ये टेक्नोलॉजी तो अब भी बच्चों के खिलौने की तरह है जिसे बेकार बना दिया गया और अब लोगों को भ्रम में डाल रहा है
Suhas R
ये सब फेक है भाई ये DRS भी फेक है और ICC भी फेक है ये सब बॉल बेंगल के लिए गिरा हुआ है ये भारत के खिलाफ षड्यंत्र है जिसमें हरिस राऊफ को नुकसान पहुंचाने के लिए सब कुछ बनाया गया है फील्डर ने बॉल को छू लिया था और फिर भी नॉट आउट दे दिया ये तो बिल्कुल जालसाजी है अगर ये वापस आया तो भारत के खिलाफ और भी ऐसे षड्यंत्र होंगे
Pradeep Asthana
अरे भाई ये सब लोग ज्यादा ही बड़ा बना रहे हैं ये तो बस एक कैच था और तुम इतना ड्रामा क्यों कर रहे हो? देखो ना बस एक बार अगर बॉल जमीन पर लगा हो तो फिर बात ही अलग है लेकिन अगर फील्डर के हाथ में थी तो वो कैच है बिल्कुल बस इतना ही और अब ये सब टेक्नोलॉजी का जाल भी बहुत ज्यादा हो गया है
Shreyash Kaswa
हरिस राऊफ ने जो किया वो बेहतरीन था। ये देश का गौरव है। DRS का फैसला जो आया वो नियमों के अनुसार था, लेकिन हम जानते हैं कि बॉल फील्डर के हाथ में थी। इसलिए आगे टेक्नोलॉजी को और बेहतर बनाना होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच का ये मैच हमें याद रहेगा।