ओवैसी ने अफरीदी की बयानबाजी पर साधा निशाना
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद फिर से विवाद छेड़ दिया. अफरीदी ने भारत सरकार और सेना पर इस हमले की साजिश रचकर पाकिस्तान को बदनाम करने का आरोप लगाया. उनके बयान ने देशभर में गुस्से की लहर दौड़ा दी. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अफरीदी की इन बातों को 'आधारहीन और गैरजिम्मेदाराना' करार दिया. ओवैसी ने कहा कि अफरीदी को मीडिया में तवज्जो मिलनी ही नहीं चाहिए. देश जिस दौर से गुजर रहा है, ऐसे में अफवाहें और सनसनीखेज बातें केवल माहौल खराब करती हैं.
ओवैसी ने इसी बहाने यह भी कह दिया कि अफरीदी जैसे विवादित चेहरों को देखकर युवा भटक सकते हैं. उन्होंने कहा- 'कुछ लोगों को लगता है कि इस तरह की बातें करके वे चर्चा में बने रह सकते हैं, लेकिन किसी का दुख-दर्द मजाक का विषय नहीं होना चाहिए.' ओवैसी ने मीडिया से आह्वान किया कि ऐसे 'जोकरों' को हीरो बनाने से बचा जाए. उनके मुताबिक, हमें अब बेतुकी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप की जगह Pahalgam Attack जैसे अहम मुद्दों पर ठोस चर्चा करनी चाहिए.
घटना के बाद देश में गुस्सा, पाकिस्तान को घेरे में लिया गया
पहलगाम में आतंकी हमले में 26 जानें गईं, जिनमें सैलानी भी शामिल हैं. यह हमला एक बार फिर भारत-पाक रिश्तों में तनाव की वजह बना. केंद्र सरकार इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की नई कड़ी मान रही है. वहीं, हमले के तुरंत बाद अफरीदी के बयानों ने विवाद को नया मोड़ दे दिया.
क्रिकेट जगत से भी प्रतिक्रिया आई. बल्लेबाज शिखर धवन ने अफरीदी को उन्हीं के अंदाज में जवाब देते हुए पाकिस्तान की 1999 की करगिल हार की याद दिलाई. कहने का मतलब- पड़ोसी मुल्क ने तो पहले भी जेहाद, आतंक और जंग में भारत का सामना किया है और मुंह की खाई है. इस बहस में सोशल मीडिया पर भी दोनों देशों के लोगों ने कड़ा रुख अपनाया.
- अफरीदी के आरोपों की देश में भारी आलोचना हुई।
- ओवैसी ने अफरीदी को 'जोकर' बताते हुए कड़ा जवाब दिया।
- शिखर धवन सहित खिलाड़ी एवं राजनीतिक हस्तियों ने पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाए।
- मीडिया में ऐसे विवादित चेहरों को ज्यादा मंच देने का विरोध हुआ।
कश्मीर मुद्दे पर हमेशा से ही कुछ लोग राजनीति और सस्ती लोकप्रियता की खातिर बिना मतलब की बातें कर देते हैं. ओवैसी ने साफ कहा- ऐसे मुश्किल वक्त में जिम्मेदार लोगों और मीडिया को सावधानी बरतनी चाहिए. अफरीदी के बयान और उसके पीछे की राजनीति पर मंथन चल ही रहा है, लेकिन असली कसौटी आतंक के खिलाफ साझा एकजुटता की है.
Arya Darmawan
इस तरह के बयानों से कोई फायदा नहीं, बस भावनाएं घायल होती हैं। हमें असली समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए - सुरक्षा, जागरूकता, और सामाजिक एकता। अफरीदी को बस एक क्रिकेटर मानो, न कि राजनीतिक विश्लेषक।
हमारी शक्ति इस बात में है कि हम शांति से आगे बढ़ते हैं, न कि शोर में।
Raghav Khanna
एक निष्पक्ष विश्लेषण के अनुसार, शाहिद अफरीदी के बयान विवादास्पद हैं, लेकिन उन्हें निष्कर्ष निकालने का अधिकार भी है। हालाँकि, भारतीय सार्वजनिक जीवन में ऐसे बयानों की अनुपयुक्तता स्पष्ट है। ओवैसी का प्रतिक्रिया सही दिशा में है, लेकिन उनकी भाषा थोड़ी अतिशयोक्तिपूर्ण है।
Rohith Reddy
क्या आपने कभी सोचा कि ये सब भारतीय मीडिया की रचना है जो पाकिस्तान को बुरा दिखाने के लिए बनाई गई है? अफरीदी तो बस एक सच बोल रहा है। पहलगाम हमला असल में भारतीय एजेंसियों का अपने लोगों को डराने का नाटक था। कोई भी आतंकवादी इतना स्पष्ट रूप से नहीं हमला करता। ये सब राजनीति है। कोई भी जानता है लेकिन कोई बोलता नहीं
Vidhinesh Yadav
मुझे लगता है कि हम इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे एक व्यक्ति का बयान पूरे देश को विभाजित कर सकता है। क्या हम इस तरह के बयानों को बहुत गंभीरता से लेने की आदत में नहीं आ गए हैं? क्या हम अपने भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित नहीं कर पा रहे?
Puru Aadi
ओवैसी ने बिल्कुल सही कहा 😊 अफरीदी को जोकर बोलना ठीक नहीं है लेकिन उनका बयान तो बिल्कुल जोकर जैसा था 😅 हमें अपनी ऊर्जा वास्तविक समस्याओं पर लगानी चाहिए। क्रिकेट तो खेल है, राजनीति नहीं। हम अपने देश के लिए एकजुट होने का समय है! 💪❤️
Nripen chandra Singh
सारा मुद्दा इस बात पर टिका है कि हम किस चीज़ को सच मानते हैं और किसे नहीं और इसका जवाब कोई नहीं दे पाया क्योंकि सच तो यह है कि हम सब अपने अहंकार के शिकार हैं और जिस भी किसी का बयान हमारे अहंकार के खिलाफ होता है उसे हम जोकर या दुश्मन बना देते हैं और इस तरह हम अपने दिमाग को बंद कर लेते हैं और फिर बहस शुरू हो जाती है जिसका कोई अंत नहीं होता क्योंकि कोई भी सच नहीं बोलना चाहता बस अपनी बात साबित करना चाहता है
Rahul Tamboli
अफरीदी जोकर है? ओवैसी तो बस अपनी फोटो चलाना चाहते हैं 😏 इस देश में जो भी बड़ी बात करता है वो ट्रेंड कर जाता है। अफरीदी ने तो बस एक बात कही, लेकिन ओवैसी ने तो एक पूरा सीजन बना दिया। मीडिया भी तो इसे बढ़ा रही है। क्या हम सब इस रियलिटी शो के एपिसोड देख रहे हैं? 🤡
Jayasree Sinha
ओवैसी के बयान में विचारों की गहराई है और भाषा में संयम। शाहिद अफरीदी के बयान में जानबूझकर अनुचित निष्कर्ष निकाले गए हैं। यह न केवल गलत है, बल्कि अपराधी बनाने का एक तरीका है। हमें ऐसे बयानों को उचित रूप से चुनौती देनी चाहिए, लेकिन अतिशयोक्ति से नहीं।
Vaibhav Patle
मैं ओवैसी से पूरी तरह सहमत हूँ। हमें इस तरह के बयानों को बहुत बड़ा मतलब नहीं देना चाहिए। अफरीदी तो एक अच्छा खिलाड़ी थे, लेकिन अब वो बस ध्यान खींचने के लिए बातें कर रहे हैं। हमें अपने देश के लिए कुछ करना है, बस बातें नहीं। हम सब एक साथ खड़े हो सकते हैं। ये वक्त है एकजुटता का। 💪❤️
Garima Choudhury
अफरीदी को जोकर कहना तो बहुत हल्का शब्द है... ये तो सब एक बड़ा साजिश है। पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए भारत ने खुद ही हमला किया है। आपको यकीन है कि ये हमला असली था? मुझे लगता है इसमें कुछ और है। आप सब जो ओवैसी के साथ हैं वो भी उनके लिए बनाए गए लोग हैं। ये सब एक बड़ा खेल है।
Hira Singh
ये सब बहस बेकार है। हमें बस यही याद रखना है कि जिन लोगों के परिवार इस हमले में नष्ट हुए, उनकी दर्द को कोई नहीं बदल सकता। चाहे अफरीदी हो या ओवैसी, दोनों की बातें उनके लिए बेकार हैं। हमें उनके लिए श्रद्धांजलि देनी चाहिए, न कि बहस करनी।
Ramya Kumary
एक विचार के रूप में, जब एक व्यक्ति एक दुखद घटना को अपने अहंकार के लिए उपयोग करता है, तो वह न केवल उस घटना का अपमान करता है, बल्कि उसके पीछे के सभी व्यक्तियों का भी। ओवैसी का जवाब इसी भावना का अभिव्यक्ति है। हमें इस तरह की बातों को राजनीतिक उपकरण नहीं, बल्कि मानवीय विफलता के रूप में देखना चाहिए।
Sumit Bhattacharya
इस घटना के आधार पर निष्कर्ष निकालना उचित नहीं है। शाहिद अफरीदी के बयान एक व्यक्तिगत राय है, लेकिन उसका व्यापक प्रभाव देशीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता पैदा कर रहा है। ओवैसी के बयान ने इस अस्थिरता को संतुलित करने का प्रयास किया है। यह एक जिम्मेदार नेतृत्व का उदाहरण है। हमें ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो शांति और सामंजस्य की ओर ले जाएं।