सaraswati इंटर कॉलेज ने जिला कबड्डी टूर्नामेंट में चमकाया जेंडर पैराडाईम

सaraswati इंटर कॉलेज ने जिला कबड्डी टूर्नामेंट में चमकाया जेंडर पैराडाईम

सaraswati इंटर कॉलेज ने जिला कबड्डी टूर्नामेंट में चमकाया जेंडर पैराडाईम 25 सित॰

डिस्ट्रिक्ट कबड्डी प्रतियोगिता का सारांश

उतर प्रदेश के एक प्रमुख जिले में आयोजित जिला स्तर की कबड्डी प्रतियोगिता इस साल कई कारणों से चर्चा में रही। कुल 12 कॉलेजों ने भाग लिया, जिनमें से अधिकांश पुरुष और महिला दोनों टीमों ने भागीदारी दर्ज कराई। प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण था सaraswati इंटर कॉलेज की महिला टीम का शानदार प्रदर्शन, जिसने न सिर्फ टाइटल जीता बल्कि महिला खेलों के प्रति नई उम्मीदें भी जगाई।

प्रतियोगिता दो दिनों में पूरी हुई। पहले दिन में ग्रुप स्टेज के मैच हुए, जहाँ हर टीम को कम से कम दो बार खेलना था। इस चरण में कई रोमांचक नज़ारे देखने को मिले, जैसे कि ड्र. बीआर अंबेडकर कॉलेज की महिला टीम ने दो लगातार जीत कर अपने विरोधियों को चौंका दिया। फिर भी, सaraswati इंटर कॉलेज की टीम ने अपने रक्षात्मक और आक्रामक खेल से सभी को चकित कर दिया।

सaraswati इंटर कॉलेज की जीत की कहानी

सaraswati इंटर कॉलेज की जीत की कहानी

काबड्डी कोर्ट पर सaraswati इंटर कॉलेज की महिला टीम ने दो मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया: तेज़ रेफ़री फॉर्मेशन और सामूहिक रक्षा। कप्तान अर्पिता सिंह, जो पिछले साल के राज्य स्तर की प्रतियोगिता में भी मग्न रह चुकी थीं, ने टीम को दृढ़ता और सक्रियता से खेलते हुए दिखाया। उनका प्रमुख खिलाड़ी, राधिका कौर, ने पैंटेक (पाँच पॉइंट) से टीम को कई बार बढ़त दिलाई।

सेमीफ़ाइनल में सaraswati इंटर कॉलेज ने अंबेडकर कॉलेज को 5-3 से हराया। इस मैच में रक्षात्मक रणनीति ने अहम भूमिका निभाई, जहाँ अधिकांश बिंदु प्रतिद्वंद्वी की बारी से कम किए गए। फाइनल में सaraswati ने दूसरे मजबूत दावेदार, डॉ. मकरध्वज कॉलेज, को 6-4 से मात दी। इस जीत के बाद छात्रा टीम को जिला कुश्ती मंच पर विशेष सम्मान दिया गया।

इन जीतों ने केवल ट्रॉफी नहीं दिलाई, बल्कि छात्राओं की आत्मविश्वास को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। कई अभिभावकों और शिक्षकों ने कहा कि यह जीत स्थानीय स्तर पर महिला खेल विकास का नया अध्याय लिखेगी। स्कूल प्रबंधन ने इस पर एक छोटी सी समारोह आयोजित कर टीम को सराहा और आगे भी ऐसे मंच प्रदान करने का वादा किया।

  • मुख्य खिलाड़ी: अर्पिता सिंह (कप्तान), राधिका कौर, नेता (रक्षा) सुमन जी.
  • कोच: श्रीमती पूजा वर्मा, जिन्होंने प्रशिक्षण में आधुनिक तकनीकों को अपनाया।
  • पुरस्कार: ट्रॉफी, स्वर्ण पदक, और सबसे बेहतर रक्षा टीम का विशेष प्रमाणपत्र।

आने वाले महीने में सaraswati इंटर कॉलेज ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगियों में भाग लेने की तैयारी शुरू कर दी है। कोचिंग सत्रों में एनालिटिकल सॉफ्टवेयर और फिटनेस ट्रेनिंग को प्रमुखता दी जा रही है, ताकि टीम का प्रदर्शन और भी बेहतर हो सके।



टिप्पणि (15)

  • Garima Choudhury
    Garima Choudhury

    ये सब नाटक है। इन लड़कियों को कबड्डी खेलने दो, पर उनकी पढ़ाई तो बंद कर दो। जिले में बस इतना ही बचा है कि लड़कियों के लिए ट्रॉफी बनाई जाए।

  • Hira Singh
    Hira Singh

    वाह! ये लड़कियां तो बिल्कुल जानवर निकलीं! राधिका कौर का पैंटेक तो देखकर दिल धड़क गया। ऐसे खिलाड़ियों को स्कूल ने सही दिशा दी है। बधाई हो!

  • Ramya Kumary
    Ramya Kumary

    इस जीत में केवल जीत नहीं, एक नए विचार का जन्म हुआ है। जब एक लड़की खेल में अपनी शक्ति को दिखाती है, तो वह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, एक नए संस्कार की निर्माता बन जाती है। ये ट्रॉफी धातु की नहीं, बदलाव की है।

  • Snehal Patil
    Snehal Patil

    अरे भाई, ये सब लड़कियों को बहकाने का नाटक है। घर में रोटी बनाना नहीं आएगा तो कबड्डी खेलने लग गईं। बस इतना ही है।

  • RAKESH PANDEY
    RAKESH PANDEY

    सरस्वती इंटर कॉलेज की टीम ने खेल के मानकों को बदल दिया है। रक्षात्मक रणनीति, समय प्रबंधन, और टीमवर्क का यह उदाहरण अन्य स्कूलों के लिए मॉडल बन सकता है। कोच पूजा वर्मा का नेतृत्व विशेष रूप से प्रशंसनीय है।

  • Suhas R
    Suhas R

    ये सब जो बड़बड़ा रहे हैं वो जानते ही नहीं कि ये टीम कितने लाखों रुपये के स्पॉन्सरशिप और राजनीतिक दबाव से बनी है। ये जीत नहीं, बजट की जीत है। बस लोगों को भांड रहे हैं।

  • Nitin Soni
    Nitin Soni

    मुझे लगता है ये जीत सिर्फ टीम के लिए नहीं, बल्कि पूरे जिले के लिए एक प्रेरणा है। जब लड़कियां खेल में आगे आती हैं, तो समाज भी आगे बढ़ता है।

  • varun chauhan
    varun chauhan

    अच्छा लगा। बहुत अच्छा खेल दिखाया। कोच और छात्राओं को बधाई।

  • Prince Ranjan
    Prince Ranjan

    हर बार जब लड़कियों की टीम जीतती है, तो लोग इसे 'जेंडर पैराडाईम' बता देते हैं। लेकिन जब लड़के जीतते हैं तो वो बस 'अच्छा खेल' हो जाता है। ये द्विमानता तो बस एक बड़ा झूठ है।

  • Pradeep Asthana
    Pradeep Asthana

    मैंने इस टीम के बारे में पहले ही बता दिया था कि ये बस एक शो है। अब देखो लोग इसे फेसबुक पर शेयर कर रहे हैं। जब तक लड़कियों को बाजार में नहीं बेचा जाता, तब तक ये सब बातें बस चलती रहेंगी।

  • Sumit Bhattacharya
    Sumit Bhattacharya

    सरस्वती कॉलेज की टीम ने खेल की भावना को बहाल किया है। इस जीत का असली महत्व यह है कि यह एक छोटे से गांव के कॉलेज से आई है। यह दिखाता है कि संसाधन नहीं इच्छाशक्ति है जो वास्तविक अंतर लाती है

  • Nikita Gorbukhov
    Nikita Gorbukhov

    इन लड़कियों को खेलने दो तो घर का काम नहीं होगा। अभी तो ट्रॉफी मिल गई अब शादी के लिए तैयार हो जाओ। ये सब नाटक है भाई। 😒

  • Shreyash Kaswa
    Shreyash Kaswa

    ये जीत हमारे देश के युवाओं के लिए गर्व का विषय है। जब लड़कियां खेल में देश का नाम रोशन कर रही हैं, तो हमें उनका समर्थन करना चाहिए। ये भारत की नई पीढ़ी है।

  • Maj Pedersen
    Maj Pedersen

    मैं इस टीम के कोच के बारे में जानना चाहूंगी। उन्होंने कैसे इतनी छोटी टीम को इतना बड़ा लक्ष्य दिया? क्या उन्होंने किसी विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया?

  • Garima Choudhury
    Garima Choudhury

    अरे ये लड़कियां तो अब इंग्लैंड जा रही हैं ना? अब वहां उनकी फिल्म भी बनेगी। जब तक ये लोग नहीं बैठे तो ये सब बातें चलती रहेंगी।

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