जब आईसीसी ने 4 नवंबर, 2025 को महिला विश्व कप की टीम ऑफ द टूर्नामेंट घोषित की, तो दुनिया ने एक नाम को अलग तरह से चिह्नित किया — स्मृति मंधाना। ये कोई साधारण प्रशंसा नहीं थी। ये एक ऐतिहासिक पल था — जब एक भारतीय खिलाड़ी ने विश्व कप के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाए और टूर्नामेंट की सबसे बड़ी खिलाड़ी बन गई। उन्होंने केवल 8 पारियों में 434 रन बनाए, जिसका औसत 54.25 था, और एक बार भी आउट नहीं हुईं। ये आंकड़े बस आंकड़े नहीं हैं — ये एक अविश्वसनीय लगातारता का प्रमाण हैं।
कैसे बनीं स्मृति मंधाना टूर्नामेंट की बेस्ट?
मंधाना ने टूर्नामेंट के शुरू होने से लेकर फाइनल तक कोई झुकाव नहीं दिखाया। ओपनिंग बैट्समैन के रूप में, उन्होंने हर मैच की शुरुआत ऐसे की जैसे वो खेल का दिल बन गई हों। उनके 434 रनों में एक अनपूर्ण पारी भी शामिल थी — जिसका मतलब है कि वो 7 बार आउट हुईं, लेकिन हर बार जब बल्लेबाजी करने गईं, तो टीम के लिए आधार बन गईं। इस टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी के 327 रन थे — यानी मंधाना ने अपने आप को 107 रनों से अलग कर दिया। ये वो अंतर है जो एक विशेषज्ञ और एक असाधारण खिलाड़ी के बीच का होता है।
आईसीसी और भारतीय क्रिकेट की ताकत
ये उपलब्धि केवल मंधाना की नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) की भी सफलता है। बोर्ड के अध्यक्ष रोजर बिन्नी के नेतृत्व में, भारतीय महिला टीम ने पिछले तीन सालों में अपनी बाहरी नीति को बदल दिया है — अब युवा खिलाड़ियों को अधिक मौके मिल रहे हैं, और अनुभवी खिलाड़ियों को अधिक समर्थन। मंधाना ने अपने आप को इस नीति का सबसे बड़ा प्रतीक बना लिया है। वह अब आईसीसी महिला ओडीआई बैटिंग रैंकिंग में नंबर एक हैं — जुलाई 2024 से इस पद पर बनी हुई हैं। उनका यह नेतृत्व अब बस एक टूर्नामेंट की बात नहीं, बल्कि एक लंबे समय की निरंतरता है।
विश्व कप के बाद क्या आएगा?
अभी तक का सबसे बड़ा बाकी बचा है — आईसीसी अवार्ड्स 2025। ये इवेंट 15 से 20 दिसंबर, 2025 तक दुबई में होने वाला है। मंधाना इस बार न केवल टूर्नामेंट की बेस्ट प्लेयर बनी हैं, बल्कि अक्टूबर 2025 के लिए आईसीसी महिला प्लेयर ऑफ द मंथ के नामांकित भी हैं। ये पुरस्कार अगले 7-10 दिनों में घोषित होने वाला है। अगर वो इसे भी जीत लेती हैं, तो वो ऐसी पहली भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगी जिन्होंने एक ही महीने में दो बड़े अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों का नाम लिया हो।
क्यों ये खबर भारत के लिए बड़ी है?
भारत में महिला क्रिकेट का दृश्य पिछले 10 सालों में बदल गया है। अब बच्चे नहीं बस सचिन या विराट के बारे में बात करते — वो स्मृति, पूजा या लक्ष्मी के बारे में भी बात करते हैं। ये बदलाव केवल टीम के प्रदर्शन से नहीं, बल्कि उनकी दृढ़ता और लगन से आया है। जब मंधाना ने फाइनल में अपना आखिरी ओवर खेला, तो उनकी आंखों में आंसू थे — लेकिन वो आंसू निराशा के नहीं, बल्कि अपने अतीत के दिनों के लिए थे, जब लड़कियों के लिए क्रिकेट एक अपमानजनक खेल माना जाता था।
क्या आगे कुछ और आएगा?
मंधाना के लिए अगला लक्ष्य स्पष्ट है — अगले विश्व कप तक अपनी रैंकिंग बनाए रखना, और युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करना। अब उनके नाम के साथ एक नया अध्याय जुड़ गया है: वो भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक विश्व कप में 400+ रन बनाए हैं। ये आंकड़ा अब एक मानक बन गया है। और जब अगली बार कोई लड़की अपने घर के बाहर बल्ला उठाएगी, तो वो शायद मंधाना की तरह खेलना चाहेगी। और ये ही वास्तविक जीत है।
WION की भूमिका: जब खबर बन गई दर्शन
ये खबर सिर्फ आईसीसी की वेबसाइट पर नहीं, बल्कि WION के एक 2 मिनट 48 सेकंड के वीडियो रिपोर्ट के जरिए भी दुनिया तक पहुंची। नई दिल्ली स्थित इस न्यूज चैनल ने इसे 'PULSE' सेगमेंट में प्रसारित किया, जहां उन्होंने इसे केवल एक खेल की खबर नहीं, बल्कि एक सामाजिक विजय के रूप में प्रस्तुत किया। उनके एडिटर-इन-चीफ रोहित गांधी के शब्दों में, "ये खबर केवल रनों की नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी की आशा की है।"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्मृति मंधाना ने विश्व कप में कितने रन बनाए और उनका औसत क्या है?
स्मृति मंधाना ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 में 8 पारियों में 434 रन बनाए, जिसमें एक अनपूर्ण पारी शामिल है। उनका औसत 54.25 है, जो टूर्नामेंट में सभी बल्लेबाजों में सबसे ऊंचा है। ये आंकड़ा उनकी निरंतरता और दबाव में खेलने की क्षमता को दर्शाता है।
क्या स्मृति मंधाना आईसीसी महिला बैटिंग रैंकिंग में नंबर एक हैं?
हां, 4 नवंबर, 2025 को आईसीसी ने घोषणा की कि मंधाना ने अपनी बैटिंग रैंकिंग में अपना अग्रणी स्थान बढ़ा लिया है। वो जुलाई 2024 से इस पद पर बनी हुई हैं, और इस विश्व कप के बाद उनका अंतर और बढ़ गया है। अब वो दूसरे नंबर पर रही खिलाड़ी से लगभग 100 रेटिंग पॉइंट्स आगे हैं।
क्या स्मृति मंधाना आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ के लिए नामांकित हैं?
हां, अक्टूबर 2025 के लिए आईसीसी ने स्मृति मंधाना को महिला प्लेयर ऑफ द मंथ के लिए नामांकित किया है। ये नामांकन उनके विश्व कप प्रदर्शन के साथ-साथ अक्टूबर में खेले गए अन्य ओडीआई मैचों के आधार पर किया गया। विजेता की घोषणा 11-14 नवंबर तक होने की उम्मीद है।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए ये उपलब्धि क्यों महत्वपूर्ण है?
ये उपलब्धि भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया मील का पत्थर है। ये पहली बार है जब एक भारतीय महिला खिलाड़ी ने विश्व कप में सबसे अधिक रन बनाए हैं। इससे युवा लड़कियों के लिए एक नया लक्ष्य बनता है, और बोर्ड को अधिक निवेश के लिए प्रेरित करता है।
अगला बड़ा इवेंट क्या है जिसमें स्मृति मंधाना शामिल होंगी?
अगला बड़ा इवेंट 15-20 दिसंबर, 2025 को दुबई में होने वाला आईसीसी अवार्ड्स 2025 है। यहां वो विश्व कप की बेस्ट प्लेयर के साथ-साथ वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी के लिए भी नामांकित हैं। अगर वो इसे जीत लेती हैं, तो वो भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन जाएंगी जिन्होंने दोनों पुरस्कार एक साथ जीते हों।
क्या ये उपलब्धि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए नए अवसर लेकर आएगी?
बिल्कुल। इस उपलब्धि ने भारतीय महिला क्रिकेट के लिए ब्रांडिंग और स्पॉन्सरशिप के नए अवसर खोल दिए हैं। अब निजी कंपनियां भी खिलाड़ियों के साथ लंबे समय के समझौते करने के लिए तैयार हो रही हैं। ये एक ऐसा मोड़ है जहां खेल सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक करियर बन रहा है।
Neelam Khan
स्मृति ने जो किया, वो सिर्फ रन नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के सपनों को हवा दी। मैं अपनी बेटी को उनका वीडियो दिखाती हूँ, और बोलती हूँ - देखो, ये तुम भी कर सकती हो।
Jitender j Jitender
स्मृति का औसत 54.25 बेहद रिलेवेंट है क्योंकि ओपनिंग बैट्समैन के लिए स्ट्राइक रेट और कंसिस्टेंसी का कॉम्बिनेशन टूर्नामेंट विनिंग स्ट्रैटेजी का कोर है। ये एक नया नॉर्म सेट कर रही हैं।
Jitendra Singh
इस तरह की उपलब्धि तो हर देश में होती है, लेकिन भारत में इसे एक धार्मिक अनुष्ठान की तरह बढ़ाया जाता है। असली ताकत तो टीम की है, न कि एक व्यक्ति की।
VENKATESAN.J VENKAT
इस देश में लड़कियों को खेलने की इजाजत ही नहीं है, फिर भी वो इतना कर दिखाती हैं? ये नहीं कि वो अच्छी हैं, बल्कि ये कि दूसरे बहुत बुरे हैं।
Amiya Ranjan
अब ये सब बहुत बढ़िया है, लेकिन जब तक गांव में लड़कियों के लिए बल्ला खरीदने के लिए पैसे नहीं मिलेंगे, तब तक ये सब बस टीवी पर का नाटक है।
vamsi Krishna
434 runs? yaar ye kya number hai, kya koi check kiya? maine toh ek match dekha tha, usmein toh uski strike rate bhi 70 se kam thi
Narendra chourasia
ये सब बहुत बढ़िया है... लेकिन ये कौन सा देश है जहां एक लड़की को विश्व कप जीतकर भी विज्ञापन में नहीं दिखाया जाता? ये नहीं कि वो नहीं जीत रही, बल्कि ये कि तुम उसे देखना नहीं चाहते!
Sumit singh
मंधाना के लिए बहुत बधाई। लेकिन अगर आप असली टॉप लेवल क्रिकेट देखना चाहते हैं, तो ऑस्ट्रेलिया की टीम को देखिए। वो तो दूसरी दुनिया में हैं।
fathima muskan
क्या आपने सुना? WION ने इसे 'PULSE' में डाला... लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके ऑफिस में कितने लड़के हैं जो इस खबर को लिख रहे हैं? ये सब बस एक ब्रांडिंग ट्रिक है।
Devi Trias
स्मृति मंधाना के औसत 54.25 की गणना उनके 8 पारियों में 434 रनों के आधार पर की गई है, जिसमें एक अनपूर्ण पारी शामिल है। इसका अर्थ है कि उन्होंने 7 पारियों में आउट होकर औसत बनाया है। यह आंकड़ा उच्च स्तरीय निरंतरता को दर्शाता है।
Kiran Meher
मैं अपने बच्चों को बताता हूँ कि जब तक तुम खुद पर विश्वास रखोगे, तब तक कोई तुम्हें रोक नहीं सकता। स्मृति ने यही साबित किया। अब तुम भी बाहर जाओ और बल्ला उठाओ।
Tejas Bhosale
जब तक खेल की बात हो तो सब बढ़िया लगता है पर जब असली जिंदगी शुरू होती है तो देखो कौन साथ देता है। ये जो अवार्ड्स हैं वो तो बस एक लाइट शो है।
Asish Barman
मंधाना बेस्ट प्लेयर? तो फिर ओपनिंग बैट्समैन के लिए बैटिंग रेटिंग क्यों नहीं बदली? क्योंकि ये सब बस नाम का खेल है।
Abhishek Sarkar
ये सब बहुत अच्छा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इन खिलाड़ियों को जितना ध्यान दिया जा रहा है, उतना उनके बच्चों को नहीं दिया जा रहा? उनकी बेटियां आज घर पर बल्ला उठा रही हैं, लेकिन कल क्या होगा? क्या उनके लिए स्कूल के बाद खेलने का जगह होगा? या फिर वो भी वहीं रुक जाएंगी जहां हम रुक गए?
Niharika Malhotra
एक खिलाड़ी के रूप में उनकी निरंतरता तो अद्भुत है, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता और युवा खिलाड़ियों के प्रति उनका समर्पण उन्हें एक असली आइकॉन बनाता है। ये एक ऐसी व्यक्तित्व है जो खेल के बाहर भी असर डालती है।
Baldev Patwari
434 रन? बहुत अच्छा है... लेकिन जब तक इनके लिए गाड़ियां नहीं आतीं, तब तक ये सब बस एक फोटो शूट है।
harshita kumari
इस विश्व कप के बाद जो भी खबरें आ रही हैं, वो सब एक बड़े प्लान का हिस्सा है। बोर्ड और WION ने मिलकर ये सब चला रखा है। अगला कदम क्या होगा? शायद महिलाओं के लिए टी-20 फ्रैंचाइजी लीग बनाना? या फिर उनके लिए अलग से रेटिंग सिस्टम?
SIVA K P
तुम लोग इतना उत्साह क्यों दिखा रहे हो? जब तक ये लड़कियां अपने घर में बल्ला उठाएंगी, तब तक ये सब बस एक शो है। और तुम इसके लिए तालियां बजा रहे हो? शर्म आनी चाहिए।
Mohit Parjapat
भारत की लड़की ने दुनिया को दिखा दिया! अब देखो कौन कहता है हम बेकार हैं! 🇮🇳🔥