ओला ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) से पहले एंकर निवेशकों से ₹2,763 करोड़ जुटाए हैं। आईपीओ का मूल्य बैंड ₹72-₹76 प्रति शेयर तय किया गया है और इसका लक्ष्य ₹5,500 करोड़ जुटाने का है। इस आईपीओ के माध्यम से ओला अपने सेवाओं का विस्तार और बाजार की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
एंकर निवेशकों के लिए बेस्ट टिप्स – शेयर बाजार में कैसे बढ़ाएँ अपनी कमाई
अगर आप एंकर निवेशक हैं तो आपके पास काफी पूँजी है, लेकिन सही दिशा नहीं मिल रही हो सकती। इस लेख में हम सीधे‑साधे तरीके बताएंगे जिससे आपका पोर्टफोलियो मजबूत रहे और रिटर्न भी बेहतर मिले। चलिए देखते हैं कौन‑से कदम सबसे असरदार हैं।
निवेश के मौजूदा रुझान समझें
पहला काम है बाजार का टेम्पो देखना। 2024‑25 में टेक, हरी ऊर्जा और हेल्थकेयर सेक्टर ने तेज़ी दिखाई है। एंकर निवेशक अक्सर बड़े फंड्स को इन थीम्स में डालते हैं क्योंकि ये लम्बे समय तक बढ़ते रहते हैं। साथ ही छोटे‑बड़े कैप स्टॉक्स के मिश्रण से रिस्क कम होता है – बड़ी कंपनियों की स्थिरता और छोटे नामों का हाई‑ग्रोथ दोनों मिलते हैं।
डेटा बताता है कि पिछले पाँच साल में फाइनेन्सियल सेक्टर में 8‑10% CAGR रहा, पर हाल ही में रिगुलेशन के कारण थोड़ी गिरावट देखी गई। अगर आपका फोकस डिविडेंड वाले शेयरों पर है तो बैंकिंग और एनएफटीए स्टॉक्स अभी भी मजबूत हैं। इस तरह के आँकड़े देखकर आप अपने एंकर पोर्टफोलियो को सही सेक्टर में रीबैलेंस कर सकते हैं।
एंकर निवेशकों के लिए प्रैक्टिकल टिप्स
1. रिस्क मैनेजमेंट पहले रखें: हर बड़े इनवेस्टमेंट पर स्टॉप‑लॉस सेट करें, चाहे वो 5% या 10% हो। एंकर फंड्स में एक छोटा हिस्सा हाई‑रिस्क अल्फा स्ट्रैटेजी के लिए रख सकते हैं, बाकी को कम वोलैटिलिटी वाले ब्लू‑चिप स्टॉक्स में डालें।
2. डॉलर्स कॉस्ट एवरजिंग अपनाएँ: एक बार में पूरी पूँजी नहीं लगाएं, बल्कि हर महीने या क्वार्टरली छोटे‑छोटे हिस्सों में निवेश करें। इससे मार्केट के उतार‑चढ़ाव का असर कम हो जाता है और औसत कीमत घटती है।
3. पोर्टफोलियो को नियमित रूप से रीव्यू करें: हर 6 महीने में अपने स्टॉक्स की परफ़ॉर्मेंस देखें, कौन‑से लक्ष्य तक नहीं पहुँचे हैं, कौन‑से ओवरपरफ़ॉर्म कर रहे हैं। अगर कोई शेयर दो साल लगातार कम प्रदर्शन कर रहा है तो उसे हटाकर बेहतर विकल्प चुनें।
4. टैक्स इम्प्लीमेंटेशन पर ध्यान दें: एंकर निवेशकों को अक्सर कैपिटल गेंस टैक्स की बड़ी राशि देनी पड़ती है। लॉन्ग‑टर्म होल्डिंग (एक साल से अधिक) करने से 10% टैक्स स्लैब में रहना आसान रहता है, इसलिए लंबी अवधि के प्लान बनाएं।
5. अल्टरनेटिव एसेट क्लासेज़ का उपयोग करें: रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs), इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड या गोल्ड ETFs को अपने पोर्टफोलियो में मिलाएं। ये एंकर निवेशकों के लिए स्थिर आय और डाइवर्सिफिकेशन का अच्छा स्रोत हैं।
इन टिप्स को अपनाकर आप न केवल जोखिम कम करेंगे बल्कि रिटर्न भी बढ़ेगा। याद रखें, बड़े फंडों की शक्ति सिर्फ पूँजी में नहीं, बल्कि सही निर्णय लेने की क्षमता में है। अपने लक्ष्य, टाइमलाइन और रिस्क प्रोफ़ाइल को समझ कर ही एंकर निवेश करें – तभी आपको स्थायी सफलता मिलेगी।
अगर आप अभी भी अनिश्चित हैं तो एक वित्तीय सलाहकार से मिलें जो आपके पोर्टफोलियो को कस्टमाइज्ड प्लान दे सके। छोटे‑छोटे कदमों से बड़ा फर्क पड़ता है, और सही दिशा में चलना ही एंकर निवेशकों का असली मंत्र है।