YouTube की पूर्व CEO Susan Wojcicki का 56 वर्ष की आयु में कैंसर से निधन हो गया है। वह Google की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली और सिलिकॉन वैली की प्रभावशाली महिलाओं में से एक थीं। Wojcicki ने YouTube को विश्व के सबसे लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म में परिवर्तित कर दिया।
कैंसर क्या है? लक्षण, कारण और इलाज की पूरी गाइड
अगर आपको या आपके आस-पास किसी को कैंसर का डर सताता है तो आप अकेले नहीं हैं। हर साल लाखों लोग इस बीमारी से जूझते हैं, पर सही जानकारी होने से बहुत कुछ बदल सकता है। यहाँ हम आसान शब्दों में बताएँगे कि कैंसर असल में क्या होता है, कौन‑से लक्षण अक्सर दिखते हैं और इलाज के विकल्प कैसे काम करते हैं।
कैंसर के आम प्रकार
सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले कैंसर में स्तन, फेफ़ड़े, कोलन, प्रोस्टेट और त्वचा का कैंसर शामिल है। ये सब अलग‑अलग अंगों से शुरू होते हैं लेकिन मूल कारण एक ही रहता है – शरीर की कोशिकाओं का अनियंत्रित बढ़ना। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी महिला में लगातार साइड ब्रेस्ट में गांठ दिखे या स्तन में दर्द हो रहा हो, तो वह लक्षण गंभीर हो सकते हैं और डॉक्टर को दिखाना चाहिए। फेफ़ड़े का कैंसर अक्सर धूम्रपान करने वालों में मिलता है; खांसी या सांस की तकलीफ अगर महीनों से नहीं जा रही तो जांच करानी चाहिए।
कोलन कैंसर के शुरुआती संकेतों में पेट दर्द, कब्ज़ या मल में रक्त देखना शामिल हो सकता है। प्रोस्टेट कैंसर अक्सर पुरुषों में पेशाब करने में कठिनाई या रात में बार‑बार उठकर पेशाब करना जैसे लक्षण दिखाता है। त्वचा का कैंसर यानी मेलानोमा तब पैदा होता है जब कोई असामान्य दाने, खरोंच या रंग बदलती हुई धब्बे दिखाई दे। इन सब संकेतों को अनदेखा न करें; समय पर जांच से बचाव में बड़ा अंतर आता है।
रोकथाम और शुरुआती जांच
कैंसर का 30‑40% केस जीवनशैली के कारण होते हैं, इसलिए कुछ आसान कदम अपनाकर आप जोखिम कम कर सकते हैं। तंबाकू छोड़ना सबसे बड़ा उपाय है – चाहे सिगरेट हो या पान. धूम्रपान से फेफ़ड़े, मुंह और कई अन्य अंगों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। दूसरा महत्वपूर्ण कदम है सही खान‑पानी: हरी सब्ज़ियाँ, फल और कम तेल वाला भोजन शरीर को मजबूत बनाता है। नियमित व्यायाम भी इम्यून सिस्टम को तेज करता है जिससे अनजाने में पैदा होने वाले कैंसर कोशिकाएँ जल्दी पहचान कर नष्ट हो जाती हैं।
हर साल एक बार कैंसर स्क्रीनिंग करवाना बहुत फायदेमंद रहता है। महिलाओं के लिए मैमोग्राम, पुरुषों के लिए प्रोस्टेट‑स्पेसिफ़िक एंटीजन (PSA) टेस्ट और सभी के लिए कोलोनोस्कोपि या फीकल इम्पैक्ट टेस्ट कराना चाहिए। ये जांचें शुरुआती चरण में ही कैंसर पकड़ लेती हैं जब इलाज आसान होता है। अगर कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक करें, क्योंकि देर होने पर उपचार कठिन हो सकता है।
अंत में यही कहेंगे – कैंसर डरावना शब्द नहीं, बल्कि एक बीमारी है जिसे समझदारी और सही जानकारी के साथ मात दी जा सकती है। अगर आप या आपका कोई परिचित इन संकेतों को देख रहा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, स्क्रीनिंग करवाएँ और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ी रोकथाम है।