ओला आईपीओ क्या है और क्यों देख रहे लोग?

ओला अब सिर्फ राइड‑शेयर नहीं रह गया, वो शेयर बाजार में भी कदम रख रहा है। इसका मतलब है कि आम आदमी को कंपनी के हिस्से खरीदने का मौका मिल रहा है। कई लोग सोचते हैं ‘IPO कब खुलता है?’ या ‘कितना निवेश करना चाहिए?’, इसलिए हमने आसान भाषा में सब समझाया है।

ऑफ़र की टाइमलाइन और एंट्री प्रक्रिया

ओला का आईपीओ आम तौर पर दो‑तीन चरणों में खुलता है – बुकबिल्डिंग, फाइनल ऑफर और लिस्टिंग. बुकबिल्डिंग में सबसे पहले संस्थागत निवेशकों को शेयर मिलते हैं, फिर रिटेल निवेशकों के लिए ऑफ़र जारी होता है।

अगर आप पहली बार आईपीओ खरीद रहे हैं तो ये कदम अपनाएँ:

  • एक भरोसेमंद डिमैट अकाउंट खोलें – अगर आपका डीमैट पहले से नहीं है, तो बैंक या ब्रोकरेज कंपनी में जाएँ।
  • ऑफ़रिंग की तारीखों को नोट कर लें. आमतौर पर बुकबिल्डिंग 10‑12 दिन चलती है.
  • अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पर्याप्त फंड रखें, क्योंकि आवेदन के साथ पैसे लॉक हो जाते हैं.
  • ऑनलाइन एप्लिकेशन फॉर्म भरें – कंपनी का नाम, शेयर की मात्रा और बिड प्राइस डालें. रिटेल निवेशकों को बिड प्राइस की जरूरत नहीं होती, बस ‘समान रूप से आवंटित’ होते हैं.
  • सबमिशन के बाद पुष्टि स्क्रीन कैप्चर करके सुरक्षित रखें.

ऑफ़र बंद होने के 2‑3 दिन में आपका allotment तय हो जाता है और शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। फिर आप रख सकते हैं या ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

सफल निवेश के लिए जरूरी टिप्स

ओला जैसा हाई‑ग्रोथ स्टार्टअप अक्सर बहुत आकर्षक लगता है, पर सही निर्णय लेने के लिये कुछ बातों का ख्याल रखें:

  • बिजनेस मॉडल समझें: ओला की रेवेन्यू कैसे बनती है – राइड्स, फूड डिलीवरी, फ़ाइनेंस आदि. अगर इन सगमेंट में लगातार बढ़ोतरी दिख रही है तो शेयर के लिए बेहतर आधार मिल सकता है.
  • प्रॉफिटेबिलिटी देखें: कई स्टार्टअप शुरुआती सालों में नुकसान देते हैं, पर क्या उनका लास्ट-एक्स‑क्वार्टर सुधार दिखा रहा है? निरंतर घाटे से बचें जब तक स्पष्ट टर्नओवर न हो.
  • वैल्यूएशन पर ध्यान: ओला का इश्यू प्राइस प्रति शेयर कितनी वैल्यू रखता है, इसका तुलना समान कंपनी जैसे Uber या Lyft से करें. बहुत ज्यादा प्रीमियम पे करना जोखिम बढ़ा सकता है.
  • प्रोस्पेक्टस पढ़ें: इसमें रिस्क फॅक्टर्स लिखे होते हैं – नियामक मुद्दे, प्रतियोगी दबाव, टेक्निकल चुनौतियां. इन्हें नजरअंदाज न करें.
  • एंट्री‑ऐंड‑एक्ज़िट प्लान बनाएं: तय कर लें कि आप कितनी देर तक रखेंगे या कौन सा प्राइस टार्गेट होगा जब बेचेंगे. भावनात्मक निर्णय अक्सर नुकसान में बदलते हैं.

इन टिप्स को फॉलो करके आप ओला आईपीओ से बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ा सकते हैं। याद रखें, हर निवेश में रिस्क रहता है – इसलिए केवल उतना ही पैसा लगाएँ जो आप खोने के लिये तैयार हों।

आखिरकार, अगर आपको लगता है कि ओला का भविष्य मजबूत है और ऊपर बताए गए बिंदु आपके साथ मेल खाते हैं, तो आईपीओ में भाग लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन जल्दबाजी न करें; अच्छी तरह रिसर्च कर के ही कदम बढ़ाएँ।

ओला आईपीओ ने एंकर निवेशकों से जुटाए ₹2,763 करोड़; मूल्य बैंड ₹72-₹76 तय 3 अग॰

ओला आईपीओ ने एंकर निवेशकों से जुटाए ₹2,763 करोड़; मूल्य बैंड ₹72-₹76 तय

ओला ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) से पहले एंकर निवेशकों से ₹2,763 करोड़ जुटाए हैं। आईपीओ का मूल्य बैंड ₹72-₹76 प्रति शेयर तय किया गया है और इसका लक्ष्य ₹5,500 करोड़ जुटाने का है। इस आईपीओ के माध्यम से ओला अपने सेवाओं का विस्तार और बाजार की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।

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