पेरिस 2024 पैरालिम्पिक खेलों के दूसरे दिन के पैरालिफ्टिंग मुकाबलों का पूर्वावलोकन, जिसमें चार पैरालिम्पिक चैंपियन का चयन होगा। दिन के पहले मुकाबले में ब्रिटेन की ओलिविया ब्रोम मुख्य दावेदार होंगी, जबकि अन्य मुकाबलों में चीन, नाइजीरिया और ईरान के खेले हुए एथलीटों पर नजर रहेगी।
पेरालिफ्टिंग: आसान तरीका, बड़े फायदे
क्या आपने कभी सुना है "पेरालिफ्टिंग"? अगर नहीं, तो यह आपका मौका है इस उपयोगी फिटनेस तकनीक को समझने का। पेरालिफ्टिंग मूलतः एक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग विधि है जिसमें आप शरीर के दो हिस्सों को समानांतर रूप से उठाते हैं – जैसे दोनों हाथ या पैर एक साथ उठाना। इससे मांसपेशियों की ताकत और संतुलन दोनों बेहतर होते हैं, और रूटीन में नई चुनौती भी मिलती है।
कैसे शुरू करें?
सबसे पहले हल्के वजन से शुरुआत करना चाहिए। अगर आपके पास डंबल या केटलबेल नहीं है, तो पानी की बोतलें काम चलाएँगी। दो हाथ में समान वजन पकड़ें, पैरों को कंधे‑चौड़ाई पर रखें और कमर को सीधा रखते हुए धीरे‑धीरे नीचे झुकें। फिर शरीर को ऊपर ले जाएँ, जैसे आप दोनो डंबल एक साथ उठाते हों। इस समय सांस को बाहर निकालें और नीचे उतरते वक्त हवा अंदर लें।
पहले पाँच‑से‑सात रेप्स से शुरू करें, फिर धीरे‑धीरे सेट की संख्या बढ़ाएँ। अगर आपको दर्द या असहजता महसूस हो, तो वजन घटा दें या ब्रेक ले लें। याद रखें, सही फॉर्म ही सबसे बड़ा सुरक्षा उपाय है – कंधे और कमर को स्थिर रखकर मूवमेंट करना चाहिए, नहीं तो चोट लग सकती है।
पेरालिफ्टिंग के मुख्य फायदे
1. संतुलन में सुधार: दोनो पक्षों का साथ‑साथ काम करने से शरीर की समरूपता बढ़ती है, जिससे दैनिक कार्यों में स्थिरता आती है।
2. मांसपेशियों की शक्ति दो गुना: एक ही समय में दो समूह पर काम करने से ताकत जल्दी विकसित होती है, खासकर छाती, कंधा और पैर की मसल्स।
3. कैलोरी बर्न अधिक: शरीर को एक साथ दो भागों को सक्रिय करना ऊर्जा खपत बढ़ाता है, इसलिए वजन घटाने में मदद मिलती है।
4. समय बचत: एक एक्सरसाइज़ में दो मसल ग्रुप काम करते हैं, तो वर्कआउट कम समय में पूरा हो जाता है।
इन फायदों को देखते हुए कई जिम और फिटनेस ऐप्स ने पेरालिफ्टिंग को अपना मुख्य मोड्यूल बना दिया है। आप भी इसे अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं, चाहे घर पर हों या जिम में।
अंत में एक छोटा टिप: वॉर्म‑अप के बिना कभी भी भारी वजन न उठाएँ। 5‑10 मिनट का हल्का कार्डियो और स्ट्रेचिंग आपके मसल्स को तैयार करेगा, जिससे चोट का जोखिम कम होगा। अगर आप शुरुआती हैं तो ट्रेनर की guidance लेना फायदेमंद रहेगा।
अब जब आपको पेरालिफ्टिंग के बारे में पूरी जानकारी मिल गई है, तो अगले वीकेंड पर अपने डंबल निकालें और इस आसान तकनीक को आज़माएँ। देखिए कैसे आपका शरीर तेज़ी से मजबूत होता है और आप खुद को नया ऊर्जा महसूस करेंगे।