पेरिस 2024 पैरालिम्पिक खेलों का दिन दो: प्रमुख पैरालिफ्टिंग मुकाबले
पेरिस 2024 पैरालिम्पिक खेलों के दूसरे दिन, 5 सितम्बर को ला शापेल अरीना में पैरालिफ्टिंग के रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे। चार पैरालिम्पिक चैंपियन का चयन होने वाला है, जिसमें दो मुकाबले दोपहर में और दो शाम को होंगे। खेल प्रेमियों के लिए यह एक यादगार दिन साबित होगा।
पहला मुकाबला: महिलाओं का 50 किग्रा फाइनल
दिन के पहले मुकाबले की शुरुआत महिलाओं के 50 किग्रा फाइनल से होगी। यहां ग्रेट ब्रिटेन की ओलिविया ब्रोम पर सबकी नजरें होंगी, जो इस समय की विश्व चैंपियन हैं और टोक्यो 2020 में कांस्य पदक विजेता भी हैं। ओलिविया का लक्ष्य इस बार गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाना है।
हालांकि, हाल के विश्व कप्स में नए सितारे भी उभरे हैं। चीन की जिनपिंग शाओ ने त्बिलिसी में 123 किग्रा लिफ्ट के साथ नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया है, जो उन्हें एक मजबूत प्रतिद्वंदी बनाता है। इस वर्ग में अन्य खिलाड़ियों में नाइजीरिया की एसतेर ओयेमा और चीन की हू डंडन भी मौजूद होंगी। ओयेमा के पास विश्व रिकॉर्ड है, परन्तु वे इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले रही हैं।
दूसरा मुकाबला: पुरुषों का 59 किग्रा फाइनल
महिलाओं के मुकाबले के तुरंत बाद पुरुषों का 59 किग्रा फाइनल होगा। इस वर्ग में चीन के क्वी योंगकाई पर सबकी निगाहें होंगी, जो रक्षा के साथ-साथ विश्व चैंपियन भी हैं। वे इस प्रतियोगिता में साफ फेवरेट माने जा रहे हैं।
अन्य प्रमुख प्रतिस्पर्धियों में एल सल्वाडोर के हर्बर्ट असेतिनो शामिल हैं, जिन्होंने टोक्यो 2020 और दुबई 2023 वर्ल्ड्स में पदक जीते थे। ईरान के मोहसिन बख्तियार, जो इस सीजन में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, भी एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं। इस वर्ग का विश्व रिकॉर्ड मिस्र के शरीफ उस्मान के पास है, जो उन्होंने रियो 2016 में स्थापित किया था।
शाम के मुकाबले
शाम के सत्र में पहला मुकाबला महिलाओं के 55 किग्रा फाइनल का होगा। यहाँ यूक्रेन की मरियाना शेवचुक का दबदबा है, जो पिछले पैरालिम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता थीं और त्बिलिसी 2021 वर्ल्ड्स में भी स्वर्ण पदक जीता था। उनके साथ मुकाबले में मिस्र की रेहाब अहमद होंगी, जो वर्तमान विश्व चैंपियन और 135 किग्रा लिफ्ट के साथ विश्व रिकॉर्ड धारक भी हैं। अहमद टोक्यो 2020 में एक निचले वजन वर्ग में रजत पदक भी जीत चुकी हैं।
अंतिम मुकाबला पुरुषों का 65 किग्रा फाइनल होगा। इस वर्ग में चीन के झाओ यी पर सबकी नजरें होंगी, जो वर्तमान विश्व चैंपियन और विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। उन्होंने 222 किग्रा की भारी लिफ्ट के साथ यह रिकॉर्ड कायम किया है। ईरान के अमीर जाफरी अरांगेह भी एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं, जो टोक्यो 2020 और दुबई 2023 वर्ल्ड्स में रजत पदक जीत चुके हैं।
इन मुकाबलों के साथ, पेरिस 2024 पैरालिम्पिक खेलों का दूसरा दिन पैरालिफ्टिंग के चाहने वालों के लिए रोमांच और नई प्रतिभाओं के उभार का दिन होगा।
Arya Darmawan
ओलिविया ब्रोम का गोल्ड का सपना देखकर मुझे बहुत उत्साह हुआ! वो बस एक खिलाड़ी नहीं, एक इंस्पिरेशन हैं। और जिनपिंग शाओ का नया एशियाई रिकॉर्ड? वाह! ये लोग तो इंसानी सीमाओं को ही फिर से डिफाइन कर रहे हैं। बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं पैरालिफ्टिंग फेडरेशन और सभी एथलीट्स!
Raghav Khanna
प्रतियोगिता के आयोजन में उच्च स्तरीय व्यवस्था देखकर प्रसन्नता हुई। इस प्रकार के खेलों को समर्थन देना हम सभी की जिम्मेदारी है। विश्व रिकॉर्ड धारकों की उपलब्धियाँ न केवल खेल की सीमाओं को बढ़ाती हैं, बल्कि समाज के दृष्टिकोण को भी बदलती हैं।
Rohith Reddy
ये सब रिकॉर्ड और गोल्ड मेडल्स बस एक धोखा हैं... सब कुछ चीन और अमेरिका द्वारा नियंत्रित है... वो लोग दवाओं से लिफ्ट करते हैं और फिर उन्हें स्पोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन छुपा देते हैं... ये खेल अब असली नहीं रहा
Vidhinesh Yadav
मरियाना शेवचुक और रेहाब अहमद का मुकाबला देखने का बहुत बड़ा अवसर है। दोनों अलग-अलग रास्तों से आई हुईं, दोनों अपने अनुभवों से जीत रहीं। ये खेल असली ताकत का प्रतीक है - जो शरीर नहीं, दिमाग और दिल से आता है।
Puru Aadi
झाओ यी का 222 किग्रा?! 😱🔥 ये तो कोई जादू है ना! इंसान ऐसा कैसे कर देता है? देखने का बहुत बड़ा मौका है भाईयों और बहनों! जय हिंद, जय पैरालिम्पिक्स! 🙌💪
Nripen chandra Singh
क्या वाकई ये सब खेल है या बस एक बड़ा नाटक है जिसमें देश अपनी शक्ति दिखाना चाहते हैं? हर रिकॉर्ड के पीछे एक राष्ट्रीय प्रचार अभियान छिपा है और हम सब उसके शिकार बन रहे हैं। खेल का मूल उद्देश्य क्या है? जीतना? या बस बाहरी दिखावा?
Rahul Tamboli
ओलिविया ब्रोम ने टोक्यो में कांस्य लिया था अब गोल्ड चाहती है... बस एक लड़की का सपना नहीं बल्कि एक ड्रामा है जिसका ट्रेलर टीवी पर चल रहा है 😏👑 #ParalympicDrama
Jayasree Sinha
रेहाब अहमद का विश्व रिकॉर्ड 135 किग्रा वास्तव में अद्भुत है। उनकी लगन और निरंतरता को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए। इस प्रकार की उपलब्धियाँ खेल के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं।
Vaibhav Patle
मैं तो इस दिन के लिए बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था! 🤩 जब भी ये लोग लिफ्ट करते हैं, मुझे लगता है कि ये सिर्फ भार नहीं, बल्कि असंभव को भी उठा रहे हैं। ये खेल दिल को छू जाता है। देखोगे तो आँखें भर आएंगी। बहुत बहुत बधाई इन सभी असली हीरोज़ को! 💪❤️
Garima Choudhury
ये सब रिकॉर्ड बनाने वाले लोग असल में फेक हैं... वो सब कुछ AI से ट्रेन किया गया है... ये खेल अब रोबोट्स का हो गया है... आप सब ने ये नोटिस नहीं किया? ये तो एक बड़ा फ्रॉड है
Hira Singh
हर एक लिफ्ट एक जीत है। ये खिलाड़ी न सिर्फ वजन उठा रहे हैं, बल्कि समाज के पूर्वाग्रहों को भी। बहुत बहुत बधाई! जय भारत! 🇮🇳
Ramya Kumary
इस खेल में हर लिफ्ट एक कविता है - शारीरिक सीमाओं के ऊपर उठती हुई, आत्मविश्वास के बिना जीवन के अर्थ को फिर से लिखती हुई। जिन्होंने अपने शरीर को अस्वीकार कर दिया, वो अभी तक जीवन का सच नहीं जानते। ये खिलाड़ी नहीं, दर्शन हैं।