प्रसिद्ध यूट्यूबर ध्रुव राठी ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि उन्होंने लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला की बेटी अंजलि बिड़ला के बारे में झूठे दावे किए थे कि उन्होंने बिना परीक्षा दिए यूपीएससी परीक्षा पास कर ली है। यह पोस्ट एक पैरोडी अकाउंट से बनाई गई थी। राठी ने स्पष्ट किया है कि यह पोस्ट उनके आधिकारिक अकाउंट से नहीं की गई थी।
साइबर अपराध – आज की सबसे बड़ी डिजिटल खतरे
हर दिन हम फोन या कंप्यूटर से कुछ न कुछ करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सुविधा के साथ साइबर अपराधियों का खेल भी बढ़ रहा है? बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया और सरकारी डेटा सब लक्ष्य बन चुके हैं। नीचे हम देखेंगे कौन‑कौन सी धुंधली चालें चल रही हैं और कैसे आप खुद को बचा सकते हैं।
साइबर अपराध के प्रमुख प्रकार
सबसे पहले, हैकिंग की बात करें तो यह सिर्फ बड़े सरकारी सर्वर तक ही सीमित नहीं रहा। छोटे‑छोटे व्यापारों, स्कूलों और यहाँ तक कि व्यक्तिगत फ़ोन तक भी घुसपैठ हो रही है। एक recent केस में कई ई‑कॉमर्स साइट्स के यूज़र डेटा लीक हुए थे, जिससे लाखों लोग फ़िशिंग मैसेज का शिकार बने।
दूसरा आम खतरा फिशिंग है – वह नकली ई‑मेल या SMS जो आपके लॉगिन डिटेल माँगते हैं। अक्सर ये बैंक या लोकप्रिय ऐप के लोगो से सजाए होते हैं, इसलिए पहचान मुश्किल हो जाती है। फ़्रॉड भी बढ़ रहा है; ऑनलाइन शॉपिंग में कर्ज़े कार्ड की जानकारी चोरी होकर अजनबी खरीदारी कर लेते हैं।
रैंसमवेयर अब सिर्फ बड़े कंपनियों तक नहीं पहुँचता, छोटे व्यवसाय और घरों को भी निशाना बनाते हैं। एक बार आपका कंप्यूटर लॉक हो जाता है, फिर वाई-फाई पासवर्ड बदल दिया जाता है, और आपसे फिरौती की मांग की जाती है।
कैसे बचें – आसान सुरक्षा टिप्स
पहला कदम – पैassword को मजबूत बनाइए. छोटे‑छोटे शब्द या जन्म तिथि नहीं, बल्कि अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह मिलाकर 12 से अधिक कैरेक्टर का पासवर्ड चुनिए। हर साइट के लिए अलग पासवर्ड रखें; अगर एक गड़बड़ी हो तो बाकी सुरक्षित रहेंगे।
दूसरा – दो‑फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) जरूर एक्टिव करें। चाहे वह SMS कोड हो या एप्प से जेनरेटेड टोकन, यह अतिरिक्त सुरक्षा परत है जो हॅकर्स के लिए मुश्किल बनाती है।
तीसरा – अनजान लिंक न खोलिए और अटैचमेंट नहीं डाउनलोड कीजिए। अगर कोई ई‑मेल में आपका बैंक स्टेटमेंट मांगे तो सीधे ऐप या वेबसाइट से लॉगिन करके देखिये, न कि उस लिंक पर क्लिक करके।
चौथा – अपने सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें। ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउज़र और एंटीवायरस सभी नियमित रूप से नए सुरक्षा पैच लाते हैं। अगर आप इन्हें छोड़ देंगे तो आपका डिवाइस आसानी से घुसपैठ का शिकार बन सकता है।
आख़िरी में, डेटा बैकअप रखें. बाहरी हार्ड ड्राइव या क्लाउड स्टोरेज पर नियमित रूप से अपने फ़ाइलों की कॉपी बना लीजिए, ताकि रैंसमवेयर के मामले में भी आप अपनी फ़ाइलें पुनः प्राप्त कर सकें।
साइबर अपराध का दायरा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सही कदम उठाकर हम इसे काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। आज ही इन टिप्स को अपनाएं और अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित बनाएं। यदि आप किसी भी संदेहजनक activity देखते हैं तो तुरंत संबंधित प्लेटफ़ॉर्म या पुलिस को रिपोर्ट करें। याद रखें, सुरक्षा आपके हाथ में है।