हाफिज सईद के करीबी अबू कतल की हत्या के बाद, दाऊद इब्राहिम पर मंडरा सकता है खतरा

हाफिज सईद के करीबी अबू कतल की हत्या के बाद, दाऊद इब्राहिम पर मंडरा सकता है खतरा

हाफिज सईद के करीबी अबू कतल की हत्या के बाद, दाऊद इब्राहिम पर मंडरा सकता है खतरा 16 मार्च

अबू कतल की हत्या और आतंकवादी नेटवर्क पर असर

पाकिस्तान में हाफिज सईद के करीबी सहयोगी अबू कतल की हत्या ने वहां के आतंकवादी नेटवर्क में हड़कंप मचा दिया है। अबू कतल, जो लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख ऑपरेटिव था, और जम्मू-कश्मीर के राजौरी हमले और 2024 के रासी तीर्थयात्री बस हमले का जिम्मेदार था, उसे पंजाब प्रांत में गोलियों से भून दिया गया। इस घटना ने पाकिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठान को झकझोर कर रख दिया है।

हाफिज सईद, जो खुद इस हमले में घायल हो गए, से जुड़ी इस घटना ने आतंरिक शक्ति संघर्ष की ओर इशारा किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला उच्च-प्रोफ़ाइल आतंकवादी नेताओं के खिलाफ एक लक्षित अभियान का हिस्सा हो सकता है। हालांकि हमलावरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ इसे भारतीय खुफिया ऑपरेशन्स का हिस्सा मानते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह आतंरिक गुटीय संघर्षों का नतीजा हो सकता है।

दाऊद इब्राहिम का संभावित खतरा

दूसरी ओर, दाऊद इब्राहिम, जो 1993 के मुंबई धमाकों के लिए भारत में ज़िम्मेदार ठहराए जाते हैं, को लेकर अटकलें इस बात पर हैं कि वह अगला संभावित लक्ष्य हो सकते हैं। यह घटनाक्रम पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क को अस्थिर करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा हो सकता है। पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवादियों को पनाह देने के आरोपों को खारिज करता आया है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं उसकी दावों को कमजोर करती हैं और वैश्विक दबाव को बढ़ाती हैं।

इन घटनाओं का असर पाकिस्तान के ऊपर और भी कड़ा अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींच सकता है, खासकर तब जब उसके आतंकवादियों के साथ संबंधों का मामला उठता है। यह देखना होगा कि पाकिस्तान इन चुनौतियों से कैसे निपटता है और उसकी अंतर्राष्ट्रीय छवि पर इसका क्या असर होता है।



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