वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया। बजट का उद्देश्य मध्यम वर्ग के लिए कर कटौती और ग्रामीण क्षेत्रों में राहत देना है। इस बजट में राजनीतिक पूंजी की कमजोरी, असमान वृद्धि, और कमजोर उपभोग जैसी चुनौतियों का सामना है। सेंसेक्स और निफ्टी ने बजट के बाद सुधार दिखाया।
सेंसेक्स की ताज़ा खबरें – अब समझना आसान
नमस्ते! अगर आप शेयर बाजार में रुचि रखते हैं तो सेंसेक्स (जैसा कि हम इसे अक्सर लिखते हैं) आपका पहला दोस्त होना चाहिए। ये 30 बड़ी कंपनियों का एक ग्रुप है जो भारत के आर्थिक माहौल को दिखाता है। आजकल हर रोज़ इस इंडेक्स में उतार‑चढ़ाव देखते हैं, इसलिए मैं आपको सरल शब्दों में बता रहा हूँ कि क्या चल रहा है और क्यों।
पिछले हफ़्ते सेंसेक्स ने कैसे किया?
पिछले हफ़्ते सेंसेक्स लगभग 400 अंक बढ़ा, क्योंकि रिटेल और आयटी सेक्टर के शेयरों में खरीदारी हुई। आई.एम.डीि (इंडियन मनीड्रॉ) ने भी ब्याज दर की उम्मीद कम कर दी थी, जिससे निवेशकों का भरोसा फिर से बढ़ गया। इस कारण लोग बड़े‑बड़े कंपनियों के स्टॉक में पैसा लगाए। अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि यह क्यों मायने रखता है – सोचना आसान नहीं, लेकिन जब बाजार ऊपर जाता है तो आपका पोर्टफोलियो भी अक्सर बेहतर दिखता है।
कौन से कारक सेंसेक्स को हिला सकते हैं?
सेंसेक्स सिर्फ भारत की खबरों से नहीं चलता; विदेश के इवेंट्स भी बड़ा असर डालते हैं। यू.एस. फेडरल रिज़र्व की नीति, तेल के दाम और यूरोप में आर्थिक रिपोर्टें सभी इस इंडेक्स को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही देश में मौद्रिक नीति – जैसे RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) का रिवॉल्यूशनरी रेपो दर या नीतिगत दर में बदलाव – सीधे शेयरों की कीमत पर असर डालता है।
उदाहरण के तौर पर, जब RBI ने मौजूदा वर्ष में महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा की, तो कई निवेशक सुरक्षित बांड्स की ओर चले गए और सेंसेक्स थोड़ा गिरा। वहीं अगर विदेशी पूंजी भारत में आयी – जैसे कि बड़े फ़ंड ने भारतीय टेक कंपनियों में शेयर खरीदे – तो इंडेक्स तुरंत ऊपर चला जाता है।
एक और बात जो अक्सर नजरअंदाज हो जाती है, वह है कंपनी‑स्तर की खबरें। अगर किसी बड़ी कंपनी का क्वार्टरली रिजल्ट अच्छा आता है या नई प्रोडक्ट लॉन्च होती है, तो उस सेक्टर के शेयर तेज़ी से बढ़ते हैं और सेंसेक्स को भी खींच ले जाते हैं। इसलिए जब आप बाजार देख रहे हों, तो बड़े‑बड़े कंपनियों की आधिकारिक बयानों पर ध्यान दें।
अब सवाल आता है – इस जानकारी से आपको क्या करना चाहिए? अगर आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो छोटे-छोटे उतार‑चढ़ाव में घबराने की जरूरत नहीं। बस अपने पोर्टफोलियो को विविधता रखें: बैंकिंग, आईटी, हेल्थकेयर और उपभोक्ता वस्तुएं सब मिलाकर रखें। इससे एक सेक्टर गिरने पर भी आपका कुल नुकसान कम रहेगा।
यदि आप ट्रेडर हैं और रोज़ाना के मूवमेंट से पैसा कमाने की सोच रहे हैं, तो तकनीकी चार्ट्स देखें, समर्थन‑प्रतिरेखाएँ पहचानें और स्टॉप‑लॉस सेट करें। लेकिन याद रखें – तेज़ी से लाभ उठाने में अक्सर जोखिम भी बढ़ता है, इसलिए हमेशा रिस्क मैनेजमेंट को प्राथमिकता दें।
अंत में, एक छोटा टिप: हर महीने के पहले दिन सेंसेक्स की ओपनिंग प्राइस देखें और देखिए कि क्या पिछले महीनों में कोई खास पैटर्न बना है। कई बार आप पाएँगे कि बाजार का मूड महंगाई या चुनाव जैसे बड़े इवेंट्स से पहले बदलता है, इसलिए इस जानकारी को अपनी ट्रेडिंग या निवेश योजना में शामिल करें।
तो अब जब आप सेंसेक्स की ताज़ा खबरों और उसके पीछे के कारणों को समझते हैं, तो बाजार देखना आपके लिए थोड़ा आसान हो जाएगा। याद रखें – सरल रहें, लगातार सीखें और अपने पोर्टफोलियो को सही तरीके से बँधाएँ। शुभ निवेश!