वित्तीय स्थिरता: क्या है, क्यों जरूरी और कैसे बनाएं

आपको कभी ऐसा लगा है कि पैसे की स्थिति हमेशा उधड़‑उधड़ रहती है? असल में वित्तीय स्थिरता सिर्फ बड़े numbers या जटिल चार्ट नहीं, बल्कि रोज़मर्रा के छोटे‑छोटे फैसलों का परिणाम होती है। आज हम समझेंगे कि इस टैग पर मिलने वाली ख़बरें कैसे आपकी जेब को सुरक्षित रख सकती हैं और बजट 2025‑26 जैसी बड़ी खबरों से क्या सीख लेनी चाहिए।

बजट 2025‑26 में क्या बदला?

निर्मला सीतारमन का केंद्रीय बजट 1 फ़रवरी को पेश हुआ, और इसका मुख्य फोकस था मध्यम आय वर्ग के लिए कर राहत, निवेश बढ़ावा और महँगाई नियंत्रण। सबसे बड़ी खबर थी टैक्स‑सेविंग स्कीम – सालाना ₹5 लाख तक की आय पर 10% छूट। इसका मतलब है कि अगर आप अपनी सैलरी या व्यापारिक आय को सही तरीके से रिपोर्ट करेंगे तो काफी बचत होगी।

बजट में नई ‘डिजिटल वित्तीय शिक्षा’ पहल भी शामिल थी। सरकार ने छोटे‑शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मुफ्त ऑनलाइन कोर्स शुरू किए हैं, जिससे लोगों को बजट समझने और निवेश करने की क्षमता मिलेगी। यह आपके बचत पर सीधे असर डाल सकता है – आप सही समय पर फिक्स्ड डिपॉज़िट या म्युचुअल फ़ंड चुन सकेंगे।

एक और महत्वपूर्ण बिंदु था ‘स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर’ फंड, जो निर्माण सेक्टर में निवेश को आकर्षित करेगा। इसका असर सीधे रियल एस्टेट बाजार पर पड़ेगा – अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं तो इस फ़ंड के लॉन्च से कीमतों में स्थिरता आ सकती है।

व्यक्तिगत वित्तीय स्थिरता के आसान टिप्स

अब बजट की बातें सुन लीं, लेकिन रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे लागू करें? सबसे पहले अपने खर्चे को ट्रैक करना शुरू करें। मोबाइल ऐप या साधारण नोटबुक से हर ख़र्च लिखें – खाने‑पीने, यात्रा, मनोरंजन – सबको रिकॉर्ड रखें। इससे आपको पता चलेगा कि कहाँ बचत का मौका है।

दूसरा कदम: आपातकालीन फंड बनाएं। कम से कम 3–6 महीने के खर्चे को एक अलग खाता में जमा करें। अगर अचानक नौकरी चली जाए या मेडिकल इमरजेंसी हो, तो यह फंड आपका सहारा बनेगा और कर्ज़ लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

तीसरा – निवेश को विविध बनाएं। सिर्फ बचत खाते में पैसे रखने से महँगाई आपके धन का मूल्य घटा देती है। एक छोटा हिस्सा म्यूचुअल फंड, दूसरा SIP (Systematic Investment Plan) या PPF में लगाएँ। अगर आप जोखिम ले सकते हैं तो इक्विटी फ़ंड भी देखें, लेकिन हमेशा अपनी उम्र और लक्ष्य के हिसाब से चुनें।

चार: कर बचत को नज़रअंदाज़ ना करें। बजट में बताई गई टैक्स‑सेविंग स्कीम जैसे सेक्शन 80C, 80D आदि का पूरा फायदा उठाएँ। यदि आप सालाना ₹1.5 लाख तक की बीमा प्रीमिक या पेंशन प्लान पर खर्च करते हैं तो आपके टैक्स बिल में सीधे कटौती होगी।

अंत में, वित्तीय समाचारों को नियमित पढ़ना फायदेमंद रहता है। सत्ता खबर के ‘वित्तीय स्थिरता’ टैग में आप बजट अपडेट, RBI की नई पॉलिसी और बाजार रुझान आसानी से समझ सकते हैं। जब जानकारी सही हो, तो फैसले भी स्मार्ट बनते हैं।

तो आज ही अपने खर्चों को नोट करें, एक छोटी बचत योजना शुरू करें और बजट के बड़े चित्र को समझें – यही है वित्तीय स्थिरता की असली कुंजी।

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुभकामनाएं 1 जुल॰

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स डे पर सभी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में आर्थिक परिदृश्य में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने उनके विशेषज्ञता और रणनीतिक दृष्टिकोण की प्रशंसा की, जो देश की आर्थिक वृद्धि और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

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