डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में नॉन-टीचिंग पदों के लिए भर्तियां निकली हैं, जिनमें स्पोर्ट्स एजुकेशन से जुड़े पद शामिल हैं। विश्वविद्यालय BPES जैसी स्नातक डिग्री भी देता है। योग्य उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।
June 2025 की प्रमुख खबरें – खेल शिक्षा और ओवैसी का बयान
सत्ता ख़बर के जून माह के आर्काइव में दो धूमधाम वाली ख़बरें हैं। एक तरफ़ डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने स्पोर्ट्स एजुकेशन में नई करियर राह खोल दी, और दूसरी ओर ओवैसी ने शहीद अफरदी की बात पर तिखी प्रतिक्रिया दी। अगर आप इन दो विषयों के बारे में जल्दी‑जल्दी समझना चाहते हैं, तो नीचे पढ़िए.
डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स एजुकेशन के नए अवसर
सागर के डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने इस साल नॉन‑टिचिंग पदों के लिए भर्ती शुरू की है। मुख्य आकर्षण ‘स्पोर्ट्स एजुकेशन’ से जुड़ी पोस्टें हैं – जैसे Assistant Director Physical Education, Sports Coordinator और कई तकनीकी स्टाफ की vacancies. ये पद सिर्फ़ खेल‑पैशन वाले लोगों के लिये नहीं, बल्कि उन छात्रों के लिये भी खुले हैं जिन्होंने BPES (Bachelor of Physical Education & Sports) या इसी तरह की स्नातक डिग्री पूरी कर ली है.
आवेदन प्रक्रिया आसान रखी गई है। इच्छुक उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा, फिर अपने academic transcripts और experience letters अपलोड करने हैं. अंतिम तिथि हर महीने के पहले हफ़्ते में आती है, इसलिए देर न करें. चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा + व्यक्तिगत इंटरव्यू पर आधारित होगी; जिसमें आपका खेल‑संबंधी ज्ञान, मैनेजमेंट स्किल्स और टीम वर्क की समझ देखी जाएगी.
यदि आप इस नौकरी के लिए योग्य हैं, तो आपको सरकारी स्तर का स्थायी पद मिल सकता है, साथ ही आकर्षक वेतनमान और सामाजिक सुरक्षा भी. यह अवसर उन लोगों के लिये खास है जो खेल‑शिक्षा को करियर में बदलना चाहते हैं, लेकिन अब तक सही जगह नहीं मिली थी.
ओवैसी ने शहीद अफरदी पर जताया तीखा रुख
AIMIM के सांसद ओवैसी ने हाल ही में पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी भारत पर थोपने वाले बयान को ‘जोकर’ कह कर खारिज किया। उन्होंने कहा कि शहीद अफरदी का बयानों को आधारीत मानना बेवकूफ़ी है और मीडिया में उसकी जगह नहीं बननी चाहिए. यह टिप्पणी तब आई जब कुछ भारतीय पत्रकारों ने अफरदी के बयान को भारत‑पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने वाले मंच में लाया था.
ओवैसी का कहना था कि इस तरह की बातों से न सिर्फ़ शहीद की स्मृति धूमिल होती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रिश्ते भी बिगड़ते हैं. उन्होंने भारतीय सरकार को भी चेतावनी दी कि ऐसे बयानों के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा तो नहीं छिपा. यह विवाद कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर तेज़ी से फैला, जहाँ लोग दोनों पक्षों की राय में टकराते दिखे.
पहलगाम हमले को लेकर भारत‑पाकिस्तान तनाव पहले ही काफ़ी बढ़ा हुआ था, और इस नई टिप्पणी ने राजनीतिक माहौल को और जटिल बना दिया. ओवैसी के बयान का असर यह भी रहा कि कई राष्ट्रीय चैनलों ने इस पर विशेष चर्चा कराई, जिससे जनता में इस मुद्दे की जागरूकता बढ़ी.
इन दो ख़बरों से स्पष्ट है कि सत्ता ख़बर सिर्फ़ राजनीतिक या शैक्षणिक समाचार ही नहीं देता; यहाँ आपको रोज‑मर्रा के जीवन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी भी मिलती है. यदि आप जून 2025 की पूरी लिस्ट देखना चाहते हैं, तो आर्काइव पेज पर स्क्रॉल करें – और उन सभी लेखों को पढ़ें जो आपके ज्ञान को बढ़ा सकते हैं.

AIMIM सांसद ओवैसी ने पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शाहिद अफरीदी द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के लिए भारत को दोषी ठहराने पर तीखी प्रतिक्रिया दी. ओवैसी ने अफरीदी के बयान को आधारहीन बताते हुए उन्हें मीडिया में जगह न देने की सलाह दी.