भारत ने घोषित किया अपना सुपर‑4 XI
एशिया कप 2025 के सुपर‑4 स्टेज में मुकाबला करने वाले देशों में भारत का India Super-4 XI सबसे अधिक चर्चा में रहा। दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 26 सितंबर को सऊदी अरब की धूप और स्टेडियम की तेज़ आवाज़ें इस टीम को मिलीं। ओपनिंग जॉड़ी में अभिषेक शर्मा और शुबमन गिल को भरोसा दिया गया, जबकि मध्य क्रम में कप्तान सूर्यकुमार यादव और तिलक वर्मा को जिम्मेदारी सौंपा गया।
विकेट‑कीपर के लिए सान्जु सैमसन ने अपना जगह बरकरार रखी, और हार्दिक पंड्या को ऑल‑राउंडर के तौर पर दोनों ओर से मदद करने के लिये चुना गया। अगर आप टीम के बॉलिंग विकल्पों का जिक्र करें तो अक्षर पटेल, हर्षित राणा, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्थी और अर्शदीप सिंह ने क्वालिफ़ाए किया—एक ऐसा मिश्रण जो स्पिन और पेस दोनों में संतुलन बनाता है।
मैچ की कहानी: सुपर ओवर तक का संघर्ष
भारत के लिए यह मैच ‘डेड रबर’ कहलाता, क्योंकि फाइनल की जगह पहले ही सुरक्षित हो चुकी थी। दूसरी ओर, स्रीलंका टीम ने पहले के दो हार से बाहर हो चुका था, फिर भी इस एचएफलीटेड मैच में सबको दिखाना चाहा कि उनका दिल अभी भी धड़क रहा है। पथुम निस्संका ने जब 58 गेंदों में 107 रन बनाकर शतक तयार किया, तो सारा स्टेडियम उनके नाम झूम उठा—सात चार और छः सिक्स, बोल्ड, तेज़ और बिल्कुल कमाल की पिच पर।
इसी बीच भारत ने शुरुआती ओवर में अभिषेक के आक्रमण और कुलदीप के लुभावने स्पिनों से दबाव बनाये रखा। लेकिन स्रीलंका के तेज़ बॉलर डुश्मन्था चमेहरा ने दो-तीन ओवर में महत्वपूर्ण विकेट लेकर संतुलन बिगाड़ दिया। जब स्कोर बराबर हो गया, तो दोनों टीमों को सुपर ओवर खेलने का मौका मिला—क्रिकट के इतिहास में शायद सबसे रोमांचक समाप्ति।
सुपर ओवर में भारत ने पहले बैटिंग करने का फैसला किया। सान्जु ने दो तेज़ रन बनाए, फिर हार्दिक पंड्या ने दो सीमस के साथ तेज़ी लायी और अंत में गिल ने दो रन मार कर जीत की पावती दी। स्रीलंका को बॉलिंग में थोड़ा अटकना पड़ा, जिसके कारण भारत ने 15 रनों से जीत दर्ज की। इस जीत से भारत की टूर्नामेंट में अब तक की पाँच जीत का रिकॉर्ड निरंतर बना रहा और फाइनल में पाकिस्तान के साथ मुलाकात तय हो गई।
इस जीत के पीछे टीम के रणनीतिक चयन और खिलाड़ियों की मनोस्थिति का बड़ा हाथ है। कोच और कप्तान ने मैच को एक तैयारियों के सत्र के रूप में उपयोग किया, जहाँ खिलाड़ी अपने फॉर्म को परख सके और फाइनल के लिए मानसिक दृढ़ता बना सके। विश्लेषकों ने कहा कि इस तरह की ‘डेड रबर’ जीतें टीम की गहराई और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती हैं।
स्रीलंका की ओर से भी कई सकारात्मक बातें रह गईं—निस्संका का शतक और कुछ बॉलरों की उतार‑चढ़ाव वाली फॉर्म। लेकिन अंततः यह दर्शाता है कि एशिया कप के सुपर‑4 चरण में भारत ने अपनी बेमिसाल श्रेष्ठता सिद्ध कर दी है, और अब फाइनल तक का सफ़र सिर्फ एक कदम दूर है।