एनआईआरएफ रैंकिंग 2024: भारत के शीर्ष विश्वविद्यालय
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने 2024 की अपनी बहुप्रतीक्षित रैंकिंग जारी कर दी है। इस बार भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने लगातार छठे साल शीर्ष स्थान पर कब्जा जमाया है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस रैंकिंग की घोषणा की। 2016 में एनआईआरएफ रैंकिंग की शुरुआत से ही, आईआईटी मद्रास ने अपना शीर्ष स्थान बनाए रखा है।
रैंकिंग के पैरामीटर
एनआईआरएफ रैंकिंग विभिन्न मानकों पर आधारित होती है, जो संस्थानों की समग्र गुणवत्ता को दर्शाते हैं। ये पैरामीटर हैं: शिक्षण, सीखने और संसाधन, शोध और पेशेवर अभ्यास, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशिता, और धारणा। इस विस्तृत विश्लेषण के जरिए हर साल देश के शीर्ष शिक्षा संस्थानों की योग्यता को अंकों के आधार पर आंका जाता है।
शिक्षण, सीखने और संसाधन
यह पैरामीटर संस्थानों में मौजूद अध्यापकों की गुणवत्ता, शिक्षण सुविधाओं और उपलब्ध संसाधनों का मूल्यांकन करता है। इसमें शिक्षकों की योग्यता, छात्र-शिक्षक अनुपात, लाइब्रेरी, लैब्स, और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति भी शामिल होती है।
शोध और पेशेवर अभ्यास
इस मापदंड का उद्देश्य संस्थानों में हो रहे शोध कार्यों और उनकी उपयोगिता को मापना है। इसमें प्रकाशित शोध पत्र, पेटेंट, परियोजनाएं और इंडस्ट्री के साथ साझेदारी शामिल होती है।
स्नातक परिणाम
स्नातक परिणाम पैरामीटर में प्रत्येक संस्थान में छात्रों की प्रदर्शन दर, पास होने की प्रतिशतता और प्लेसमेंट रेट शामिल होती है। इसमें यह भी देखा जाता है कि छात्रों को किस प्रकार के रोजगार या उच्च शिक्षा के अवसर मिलते हैं।
आउटरीच और समावेशिता
इस पैरामीटर के तहत विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय समूहों के छात्रों को दी जा रही सुविधाओं और अवसरों का मूल्यांकन होता है। इसका उद्देश्य सभी वर्गों के छात्रों तक शिक्षा की पहुंच को बढ़ावा देना है।
धारणा
इस मापदंड में संस्थान की सार्वजनिक, शिक्षण क्षेत्र और उद्योग जगत में प्रतिष्ठा को मापा जाता है। इसमें लोगों की राय और संस्थान के प्रति उनकी धारणा का आकलन किया जाता है।
आईआईटी मद्रास फिर से शीर्ष पर
आईआईटी मद्रास ने इस साल भी अपनी पहले की तरह प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थान बनाए रखा है। शिक्षण गुणवत्ता, शोध कार्य, स्नातक परिणाम और समग्र धारणा में आईआईटी मद्रास ने उच्च अंक प्राप्त किए। यह संस्थान अकेले ही नहीं, बल्कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया है।
अन्य शीर्ष संस्थान
इस साल की एनआईआरएफ रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे ने क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इनके अलावा सूची में अन्य प्रतिष्ठित संस्थान भी शामिल हैं, जैसे कि आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी गुवाहाटी और अन्ना विश्वविद्यालय।
विभिन्न श्रेणियां
एनआईआरएफ रैंकिंग विभिन्न श्रेणियों में जारी होती है, जिसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मा, कानून, वास्तुकला और डेंटल साइंस शामिल हैं। यह वर्गीकरण इसलिए किया गया है ताकि हर क्षेत्र में गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके।
रैंकिंग का महत्व
एनआईआरएफ रैंकिंग का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को प्रोत्साहित करना और शिक्षण संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। यह रैंकिंग विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा के लिए सही संस्थान चुनने में मदद करती है और संस्थानों को अपनी गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रेरित करती है।
वर्ष 2024 की एनआईआरएफ रैंकिंग ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि भारतीय शिक्षा संस्थान उच्च गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाए हुए हैं। पूरे देश में, इन रैंकिंग्स को छात्रों, अभिभावकों, और शिक्षा प्रेमियों द्वारा काफी संजीदगी से देखा जाता है, और यह शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Rahul Tamboli
आईआईटी मद्रास फिर नंबर 1? बस इतना ही? देखो ये रैंकिंग तो सिर्फ उन्हीं के लिए है जिनके पास लैपटॉप और एयर कंडीशनर वाला कैंपस है। गांव के छात्रों की क्या हालत है? 🤡
Jayasree Sinha
एनआईआरएफ रैंकिंग के पैरामीटर बहुत संतुलित हैं। शिक्षण, शोध, स्नातक परिणाम और समावेशिता जैसे मापदंडों को शामिल करना एक बहुत बड़ी बात है। यह रैंकिंग वास्तविक गुणवत्ता को दर्शाती है।
Vaibhav Patle
दोस्तों, ये रैंकिंग देखकर मेरा दिल खुश हो गया! 🥹 आईआईटी मद्रास ने छह साल लगातार शीर्ष पर बना रखा है, ये बात भारत के लिए गर्व की बात है। हर छात्र को ये देखकर प्रेरणा मिलनी चाहिए कि अगर हम मेहनत करें तो कुछ भी हो सकता है! जय हिंद! 🇮🇳
Garima Choudhury
ये सब रैंकिंग बस एक धोखा है। जो लोग इन्हें बनाते हैं वो स्वयं के बच्चे आईआईटी में हैं। आपको पता है आईआईटी के अंदर क्या होता है? वहां कुछ नहीं सीखते बस फेसबुक पर फोटो डालते हैं। ये सब नाटक है।
Hira Singh
वाह! ये रैंकिंग देखकर लगता है कि भारत की शिक्षा प्रणाली धीरे-धीरे दुनिया के सामने खड़ी हो रही है। आईआईटी मद्रास के छात्रों को बधाई! और जिन लोगों ने इस रैंकिंग के लिए काम किया है, उनका भी बहुत बहुत धन्यवाद! हम सब इस दिशा में आगे बढ़ेंगे!
Ramya Kumary
रैंकिंग तो एक आंकड़ा है, लेकिन शिक्षा का असली अर्थ तो वह है जो एक छात्र के अंदर जागृत होता है। क्या हम इतने व्यस्त हैं कि इस बात को भूल गए कि एक विश्वविद्यालय का असली मापदंड उसके छात्रों की सोच है? नहीं तो ये सब बस एक बाजार की चीज़ बन गई।
Sumit Bhattacharya
एनआईआरएफ रैंकिंग के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने का प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है। विश्वविद्यालयों को निरंतर सुधार के लिए प्रेरित करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
Snehal Patil
फिर वही आईआईटी? ये लोग तो हर साल एक ही चीज़ दोहराते हैं। बाकी सब जो भी हैं वो बस निराशाजनक हैं। क्या हम इतने गरीब हैं कि एक ही संस्थान के बारे में ही बात करें?
Nikita Gorbukhov
आईआईटी मद्रास का नंबर 1 होना कोई जीत नहीं है, ये तो एक नियमित अपराध है। जिन लोगों ने इस रैंकिंग को बनाया वो उन्हीं के दोस्त हैं। बाकी सब जो भी हैं वो फर्जी हैं। आईआईटी के छात्रों का क्या हुआ जो वो अपने घर पर बैठे बेकार के ट्रेनिंग लेते हैं? 🤬
RAKESH PANDEY
एनआईआरएफ रैंकिंग का वास्तविक महत्व इस बात में है कि यह विभिन्न संस्थानों के बीच गुणवत्ता के अंतर को दर्शाती है। इससे न केवल छात्रों को सही चयन करने में मदद मिलती है, बल्कि संस्थानों को अपने कमजोर पहलुओं की पहचान करने में भी सहायता मिलती है। इस तरह की प्रणाली को और विस्तार देना आवश्यक है।
Nitin Soni
हर साल यही बात आती है लेकिन ये रैंकिंग देखकर लगता है कि भारत की शिक्षा प्रणाली धीरे-धीरे बेहतर हो रही है। आईआईटी मद्रास को बधाई और बाकी संस्थानों को भी आगे बढ़ना होगा।
varun chauhan
इस रैंकिंग के बारे में बहुत सारी बातें हो रही हैं लेकिन एक बात भूल रहे हो जो छात्रों को वास्तविक ज्ञान मिल रहा है वो बहुत जरूरी है। आईआईटी मद्रास ने अच्छा काम किया है। 🙌
Prince Ranjan
ये रैंकिंग बस एक बड़ा झूठ है। जिन लोगों ने इसे बनाया वो खुद अपने बच्चों को आईआईटी में डालना चाहते हैं। गरीबों के बच्चे तो बस एक फोटो दिखाकर रो रहे हैं। इन रैंकिंग्स का कोई मतलब नहीं। ये तो एक बाजार का खेल है।
Suhas R
आईआईटी मद्रास को नंबर 1 देना? ये तो एक बड़ा धोखा है। ये लोग तो बस अपने बच्चों को बैठाकर फोटो खींचवाते हैं। बाकी जो भी हैं वो बस एक नाटक है। ये रैंकिंग किसी के लिए नहीं, बस एक बाजार की चीज़ है। किसी को भी नहीं पता कि वास्तव में क्या हो रहा है। 😡