हरीयाणा स्‍टीलर्स ने बेंगलुरु बुल्स को ध्वस्त किया: PKL‑11 में शानदार जीत

हरीयाणा स्‍टीलर्स ने बेंगलुरु बुल्स को ध्वस्त किया: PKL‑11 में शानदार जीत

हरीयाणा स्‍टीलर्स ने बेंगलुरु बुल्स को ध्वस्त किया: PKL‑11 में शानदार जीत 24 सित॰

हरियाणा स्‍टीलर्स की जीत के प्रमुख कारक

प्रो कबड्डी लीग के ग्यारहवें सीज़न में हरियाणा स्‍टीलर्स ने बेंगलुरु बुल्स के खिलाफ एक दमदार प्रदर्शन किया। जीत की नींव टीम की कठोर रक्षा में निहित थी, जहाँ जएदीप कुलदीप ने चार महत्वपूर्ण टैग पॉइंट्स लेकर बुल्स की हमले को जाम कर दिया। मोहित नडाल और अन्य कोर डिफेंडर्स ने भी बराबर का दबाव बनाए रखा, जिससे बॉल्स के आक्रमणियों को लगातार रिफ्लेक्ट करना पड़ा।

रक्षा के साथ साथ, आक्रमण में भी स्‍टीलर्स ने संतुलन दिखाया। मानजीत ने चार अंक जुटाए – एक टच पॉइंट और दो बोनस पॉइंट्स के साथ। उनका टैक्स्टिकली साउंड प्ले बॉल्स की रैडिंग को दाबते हुए टीम को निरंतर स्कोर करने का मौका देता रहा। इस प्रकार, हरियाणा की हरीयाणा स्‍टीलर्स ने जितनी जल्दी हो सके रक्षात्मक मजबूती और आक्रमणिक कुशलता का मिश्रण पेश किया, जो उनके चैंपियनशिप खिताब का मुख्य कारण है।

बुल्स के लिए स्थिति उतनी आसान नहीं थी। सुषिल ओम ने दो टच पॉइंट्स मारे, पर यह भी नहीं पर्याप्त रहा क्योंकि टीम की समग्र रैडिंग असंगत रही। बॉल्स का पारंपरिक आक्रमण भव्य था, लेकिन लगातार टैग और स्ट्रैटेजिक फॉरमैशन ने उनके रैडर्स को घुटन में डाल दिया। परिणामस्वरूप, बॉल्स का स्कोर अपेक्षा से नीचे रहा, जबकि हरियाणा ने कम स्कोर में ही जीत पक्की कर ली।

  • रक्षा में चार मुख्य टैग पॉइंट्स – जएदीप कुलदीप, मोहित नडाल, और दो अन्य डिफेंडर्स।
  • रैडिंग में मानजीत के चार अंक (1 टच, 2 बोनस)।
  • बुल्स की रैडिंग असंगत, सुषिल ओम ने दो टच पॉइंट्स।

सीज़न 9‑11 के बीच दोनों टीमों का हेड‑टू‑हेड रिकॉर्ड बराबर‑बराबर है – प्रत्येक ने छह‑छह जीत दर्ज की है। हालांकि, हरियाणा ने अक्सर नीचे स्कोर करने पर भी जीत हासिल की, क्योंकि उनकी रक्षा कभी गिरती नहीं। बॉल्स की ओर से 59 अंक का हाई स्कोर दिखाने वाले मैच भी रहे, पर स्थिरता उनकी कमी रही। यह मैच साफ़ दर्शाता है कि कबड्डी में आजकल रक्षा की रणनीति ही जीत की कुंजी बनती जा रही है।

तेलुगु टाइटन्स की लगातार सफलताएँ

तेलुगु टाइटन्स की लगातार सफलताएँ

हरियाणा की जीत के साथ ही, इस सीज़र में तेलुगु टाइटन्स ने भी अपने खुद के हाथ में जीत पक्की कर ली। टाइटन्स की जीत ने इस बात को दोहराया कि लीग अब सिर्फ चैंपियन टीमों की ही नहीं, बल्कि सभी टीमों की रणनीतिक क्षमताओं का परीक्षण है। टाइटन्स ने हाल ही में कई मैचों में अच्छी डिफेंस और तंग रैडिंग को एक साथ जोड़ कर दिखाया, जिससे वे लीग में तेजी से ऊपर उठ रहे हैं।

टाइटन्स के मुख्य खिलाड़ी विनय, शिवम पाटरे और नवीण कुमार ने लगातार पॉइंट्स जुटाए। उनका सामंजस्य और मैच‑टू‑मैच सुधार ने टीम को कठिन पड़ावों में भी स्थिर रखा। उनके बलैंस्ड अटैक‑डिफेंस प्ले ने कई विरोधियों को अभिभूत कर दिया, विशेषकर टीमों की उन छोटी‑छोटी गलतीयों को उजागर किया जिससे वे हार के कगार पर आ गए।

कुल मिलाकर, PKL‑11 का यह चरण दर्शाता है कि कबड्डी का खेल अब सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि दिमागी खेल भी बन गया है। टीमों को अपने विरोधी की प्ले‑स्टाइल को समझकर उसी हिसाब से अपना फॉर्मेशन बदलना पड़ता है। हरियाणा और टाइटन्स दोनों ने इस बात को सिद्ध किया कि सही टाइमिंग, हाई एंटेंसिटी डिफेंस और सूझ‑बूझ वाले रैडिंग से कोई भी टीम जीत की राह पर निकल सकती है।

आगे के मैचों में भी यह दांव चलने की संभावना है कि वे टीमें, जो आज का खेल खेल रही हैं, वही कल की भी जीत की गारंटी होंगी। कबड्डी प्रशंसक इस बात को बखूबी समझते हैं कि एक ही सीज़र में कई कहानी के मोड़ आते हैं और हर मोड़ पर टीम की रणनीति तय करती है कि कौन आधी रेस जीतेगा।



टिप्पणि (10)

  • Seemana Borkotoky
    Seemana Borkotoky

    ये मैच देखकर लगा जैसे कबड्डी अब शतरंज का एक रूप बन गई है। हरियाणा की डिफेंस ने बुल्स के रैडर्स को इतना घुटनों पर ला दिया कि वो बस बैठ गए। असली जीत तो उनकी शांति और जिद थी।

  • Jasdeep Singh
    Jasdeep Singh

    ये सब बकवास है। रक्षा बस एक ट्रेंड है जो टीवी एक्सपर्ट्स बना रहे हैं। असली कबड्डी तो वो है जब एक आदमी छह दुश्मनों को एक बार में फेंक दे। ये सब टैग पॉइंट्स और स्ट्रैटेजिक फॉरमैशन बस एक बड़ा धोखा है जिससे लोगों को बाज़ार में बेचा जा रहा है।

  • Arya Darmawan
    Arya Darmawan

    हरियाणा की डिफेंस ने तो एक नया इतिहास लिख दिया! जयदीप कुलदीप ने जो किया वो बस भगवान की तरह था। और मानजीत का टच जब आया तो लगा जैसे बारिश की पहली बूंद ने सूखी धरती को जिंदा कर दिया। ये टीम चैंपियनशिप के लिए बनी है। जय हरियाणा!

  • Sweety Spicy
    Sweety Spicy

    ओह बस रक्षा बढ़िया थी? तो फिर बुल्स के सुषिल ओम के दो टच पॉइंट्स को कैसे नज़रअंदाज़ कर रहे हो? ये सब नाटक है जो टीवी नेटवर्क चला रहे हैं। कबड्डी का मज़ा तो रैडिंग में है, न कि जमीन पर लेटे रहने में। अगर ये ट्रेंड चलता रहा तो अगले सीज़न में खिलाड़ी बस घुटनों के बल बैठ जाएंगे।

  • Rakesh Joshi
    Rakesh Joshi

    दोस्तों ये बस शुरुआत है। जब तक तेलुगु टाइटन्स ने अपनी रणनीति दिखाई वो भी बहुत बड़ी बात है। विनय का टाइमिंग और शिवम का डिफेंस एक लाइव लेक्चर है। ये टीमें नए युग का निर्माण कर रही हैं। हम इसके गवाह हैं।

  • Sarvasv Arora
    Sarvasv Arora

    इतनी रक्षा क्यों? अगर रैडर्स बेकार हैं तो खेल ही क्या है? ये सब फैक्ट्री जैसा खेल हो गया है। बस एक आदमी लेट जाए और दूसरा बैठ जाए। ये कबड्डी नहीं बल्कि एक बॉडी गार्ड ट्रेनिंग है।

  • Raghav Khanna
    Raghav Khanna

    मैं इस खेल को लगभग तीस सालों से देख रहा हूँ। आज का खेल वास्तव में एक नए युग की शुरुआत है। रक्षा की भूमिका अब अत्यधिक महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आक्रमण को नज़रअंदाज़ किया जाए। हरियाणा और तेलुगु टाइटन्स ने दोनों तत्वों का संतुलन बनाया है। यह वास्तविक विकास है।

  • Rohith Reddy
    Rohith Reddy

    क्या आपने कभी सोचा कि ये सब एक बड़ा जाल है? टीवी और लीग ने एक नए नियम बना दिए हैं जिससे छोटे राज्यों के खिलाड़ियों को छिपा दिया जाए। जयदीप कुलदीप? वो तो बस एक अच्छा फिल्मी नायक है। असली राज ये है कि बुल्स के रैडर्स को गलत टाइमिंग पर फिल्मी धमकी दी गई।

  • Ratanbir Kalra
    Ratanbir Kalra

    खेल बदल गया है ये तो सच है पर क्या ये बदलाव खेल को बेहतर बना रहा है या बस दर्शकों को रोकने के लिए बनाया गया है ये सवाल है जो हर एक बॉल के बाद उठता है

  • HIMANSHU KANDPAL
    HIMANSHU KANDPAL

    हरियाणा की जीत ने तो बहुत सारे लोगों के दिल तोड़ दिए। बुल्स के फैन्स को देखो वो बस चुप हैं। लेकिन ये जीत असली नहीं है। ये तो बस एक भावनात्मक ठोकर है जो लोगों को अपने देश के बारे में गलत अहसास देती है। कबड्डी तो बस एक खेल है।

एक टिप्पणी लिखें