कमला हैरिस ने DNC भाषण में अपने माता-पिता का किया उल्लेख, परिवार और मूल्यों पर ज़ोर

कमला हैरिस ने DNC भाषण में अपने माता-पिता का किया उल्लेख, परिवार और मूल्यों पर ज़ोर

कमला हैरिस ने DNC भाषण में अपने माता-पिता का किया उल्लेख, परिवार और मूल्यों पर ज़ोर 24 अग॰

कमला हैरिस: परिवार और मूल्य

डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन (DNC) 2024 में कमला हैरिस ने एक ऐसा भाषण दिया जिसने उनके माता-पिता श्यामला गोपालन और डोनाल्ड हैरिस की कहानियों को सामने लाया। यह भाषण न केवल उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को दर्शाता है बल्कि उनके माता-पिता के महत्वपूर्ण मूल्य और उनके संघर्षों को भी उजागर करता है। हैरिस ने मतदाताओं से सीधे जुड़ने का प्रयास किया, उन्हें अपने जीवन और करियर में परिवार की भूमिका के बारे में बताया।

श्यामला गोपालन: भारतीय प्रवासी की एक प्रेरणादायक यात्रा

श्यामला गोपालन, कमला हैरिस की मां, एक भारतीय प्रवासी थीं जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका आई थीं। एक कैंसर शोधकर्ता बनने का उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। हैरिस ने भाषण में बताया कि कैसे उनकी मां ने अपने जीवन के संघर्षों से सीख लेकर अपने बच्चों को मेहनत, धैर्य और सार्वजनिक सेवा के मूल्यों से परिचित कराया। यह कहानी भारतीय प्रवासियों और उनके संघर्षों की एक जीती-जागती मिसाल है।

डोनाल्ड हैरिस: जमैका से आए अर्थशास्त्री

कमला हैरिस के पिता, डोनाल्ड हैरिस, जमैका से आए थे। एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी यात्रा भी किसी प्रेरणा से कम नहीं थी। हैरिस ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें संघर्ष और मेहनत से अपने लक्ष्यों को पाने की महत्वता सिखाई। यह संदेश विशेष रूप से उन परिवारों या व्यक्तियों के लिए प्रासंगिक है जिन्होंने अपने जीवन में चुनौतियों का सामना किया है।

पारिवारिक मूल्य: हैरिस का अभियान रणनीति

हैरिस ने अपने भाषण में परिवार और मूल्यों पर विशेष ज़ोर दिया, जो उनके व्यापक अभियान रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि कैसे एक विविध पृष्ठभूमि से आने वाले लोग भी अमेरिकी सपने को साकार कर सकते हैं। विशेष रूप से, उन्होंने दिखाया कि कैसे उनके माता-पिता के संघर्षों और बलिदानों ने उन्हें वह अवसर दिए जिनसे वह आज यहां पहुंचीं हैं।

मतदाताओं से सीधा संवाद

हैरिस ने इस भाषण के माध्यम से मतदाताओं से सीधे जुड़ने का प्रयास किया। उन्होंने अपनी पारिवारिक कहानी सुनाते हुए, राजनीति में अपना पद हासिल करने के अपने संघर्षों और अनुभवों को साझा किया। यह एक व्यक्तिगत और महत्वपूर्ण संवाद था, जिसने कई मतदाताओं को प्रेरित किया और उनके साथ एक भावनात्मक जुड़ाव स्थापित किया।

अमेरिकी सपना और प्रवासियों का योगदान

अमेरिकी सपना और प्रवासियों का योगदान

हैरिस का यह भाषण अमेरिका में प्रवासियों की महत्ता को भी उजागर करता है। उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि कैसे उनके माता-पिता की जैसे प्रवासियों के योगदान से अमेरिका सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बना है। यह संदेश विशेष रूप से उन प्रवासी समुदायों के लिए प्रेरणादायक है जिन्होंने अपने जीवन में असाधारण योगदान दिया है।



टिप्पणि (18)

  • Rakesh Joshi
    Rakesh Joshi

    ये भाषण सिर्फ एक राजनेता का नहीं, बल्कि एक प्रवासी परिवार की जीत की कहानी है। श्यामला दीदी की मेहनत और डोनाल्ड भैया का दर्शन असली अमेरिकी सपना है।
    इस तरह के नेता हमें गर्व करने का कारण बनते हैं।

  • Jasdeep Singh
    Jasdeep Singh

    अरे यार ये सब बकवास है। एक भारतीय महिला अमेरिका में वाइस प्रेसिडेंट बन गई तो क्या हुआ? हमारे देश में तो आज भी लाखों बच्चे बिना शिक्षा के रह रहे हैं। इस बात पर कोई चुप क्यों है? ये सब बस एक बड़ा PR ट्रिक है।
    कमला के पिता तो जमैका के थे, माँ भारतीय थीं, तो वो किसकी बेटी है? इंडिया की नहीं, अमेरिका की। हमारी जड़ें यहाँ हैं, उनकी नहीं।

  • HIMANSHU KANDPAL
    HIMANSHU KANDPAL

    मैं तो बस यही सोच रहा था... क्या ये सब बस एक नाटक है? एक ऐसी औरत जिसने अपने बच्चे को अमेरिकी स्कूलों में पाला, अब अपने माता-पिता की कहानी बाजार में बेच रही है?
    क्या ये नहीं जानती कि भारत में भी लाखों माँएं अपने बच्चों को नौकरी के लिए तैयार कर रही हैं? लेकिन उनकी कहानियाँ किसी के लिए फिल्म नहीं बनतीं।
    हमें बस इतना बताओ कि अगर ये भारत में होतीं, तो क्या वो यहाँ तक पहुँच पातीं? क्या कोई उनके लिए एक भी बस नहीं रुकता?

  • Arya Darmawan
    Arya Darmawan

    देखो, ये भाषण बहुत ज़रूरी था। बहुत से लोगों को लगता है कि सफलता का रास्ता आसान है। लेकिन कमला ने दिखाया कि एक अकेली माँ, एक अजनबी देश में, जहाँ उसे न तो भाषा आती थी, न ही सम्मान, फिर भी वो एक कैंसर रिसर्चर बन गईं।
    और उनके पति, एक जमैकन अर्थशास्त्री, जिन्होंने अपने बच्चों को विचारों की शक्ति सिखाई।
    ये सिर्फ एक राजनेता की कहानी नहीं, ये एक नयी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक है।
    हमें भी अपने बच्चों को ऐसा ही वातावरण देना चाहिए।
    संघर्ष को गर्व से नहीं, बल्कि एक शिक्षा के रूप में देखना चाहिए।
    हर भारतीय परिवार को ये कहानी सुनानी चाहिए।
    क्योंकि जब तक हम अपने बच्चों को डर नहीं दिखाएंगे, तब तक हम असली सफलता नहीं पा सकते।
    माँ का दिल, पिता का दिमाग, और बेटी की इच्छाशक्ति - यही तो असली शक्ति है।
    ये भाषण बस एक नेता का नहीं, बल्कि हर ऐसे माँ-बाप का भाषण है जो अपने बच्चों के लिए अपना सब कुछ दे देते हैं।

  • Raghav Khanna
    Raghav Khanna

    मैं इस भाषण को एक ऐतिहासिक घटना के रूप में देखता हूँ। एक भारतीय-जमैकन वंश की महिला, जिसके माता-पिता दो अलग-अलग संस्कृतियों से आए थे, अमेरिका के दूसरे सबसे ऊँचे पद पर पहुँच गईं।
    यह केवल एक व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का प्रतीक है।
    हमें अपने बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि जाति, धर्म, या राष्ट्रीयता के आधार पर किसी को नहीं देखना चाहिए।
    केवल गुण, मेहनत और नैतिकता का मापदंड होना चाहिए।
    यह भाषण एक नए युग की शुरुआत का संकेत है।

  • Rohith Reddy
    Rohith Reddy

    सब ठीक है लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब बस एक धोखा है? अमेरिका के लिए एक भारतीय बेटी बनाना बहुत आसान है जब उनके पास दोनों पिता-माता के राष्ट्रीयता के लिए बहुत ज्यादा राजनीतिक लाभ है
    क्या आपको पता है कि उनकी माँ के लिए भारत ने उसे क्या किया? कुछ नहीं
    और अब वो भारत की गर्व की बात बन गई?
    बस एक बड़ा धोखा है

  • Vidhinesh Yadav
    Vidhinesh Yadav

    मैंने ये भाषण सुना, और मुझे लगा कि ये एक ऐसी माँ की कहानी है जिसने अपने बच्चे को अपने सपनों के बजाय, उनके सपनों के लिए जीना सिखाया।
    मैं भी एक माँ हूँ, और मैं जानती हूँ कि एक अजनबी देश में अपने बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाना कितना मुश्किल होता है।
    कमला के माता-पिता ने उसे न सिर्फ जीवन दिया, बल्कि उसे जीने का तरीका भी सिखाया।
    हमें भी अपने बच्चों को यही सिखाना चाहिए - अपने अंदर की आवाज़ को सुनो, बाहर की आवाज़ों को नहीं।

  • Puru Aadi
    Puru Aadi

    वाह यार ये भाषण तो दिल छू गया 😭
    माँ की मेहनत, पिता का ज्ञान, बेटी का दमन - ये तो बिल्कुल एक बॉलीवुड फिल्म है, लेकिन असली!
    मैं अपने बेटे को ये कहानी सुनाऊँगा और उसे कहूँगा - तू भी इतना बड़ा बन सकता है।
    परिवार ही सब कुछ है ❤️

  • Nripen chandra Singh
    Nripen chandra Singh

    संघर्ष का मतलब है अपनी जड़ों को भूलना और दूसरे के सपने को अपना लेना
    माँ का संघर्ष था लेकिन बेटी का संघर्ष क्या था? एक नौकरी के लिए नहीं बल्कि एक नाम के लिए
    अमेरिका का सपना है या भारत का नहीं ये बात अभी तक साफ नहीं हुई
    सब कुछ बस एक नाटक है

  • Rahul Tamboli
    Rahul Tamboli

    कमला ने अपनी माँ की कहानी बेच दी 😂
    अब तो हर भारतीय अमेरिका जा रहा है क्योंकि अब वो बस एक 'प्रेरणा' है
    माँ का नाम श्यामला गोपालन - अब इसका एक नया ब्रांड बन गया है
    अमेरिका के लिए एक भारतीय माँ अब ट्रेंड है 😎
    मैं तो अपनी माँ को भी एक डॉक्टर बनाने के लिए एक फिल्म बनवाना चाहता हूँ

  • Jayasree Sinha
    Jayasree Sinha

    कमला हैरिस के भाषण का सार यह है कि एक परिवार के मूल्य, जो विविधता में जन्मे हैं, अमेरिकी सामाजिक संरचना को नए आयाम दे सकते हैं।
    इसका विश्लेषण करने के लिए हमें यह समझना चाहिए कि शिक्षा, सामाजिक न्याय और नैतिकता के माध्यम से व्यक्ति कैसे अपनी पहचान बनाता है।
    इस भाषण का उद्देश्य एक व्यक्तिगत उपलब्धि को नहीं, बल्कि एक सामाजिक आदर्श को प्रस्तुत करना है।

  • Vaibhav Patle
    Vaibhav Patle

    ये भाषण मुझे बहुत प्रेरित कर रहा है। मैं भी एक छोटे शहर से आया हूँ, मेरी माँ ने रातों को बुनाई करके मेरी पढ़ाई का खर्च चलाया।
    मैंने आज एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया हूँ।
    कमला की माँ जैसी ही लड़कियाँ हमारे देश में लाखों में हैं, लेकिन उनकी कहानियाँ किसी को नहीं सुनतीं।
    हमें भी अपनी माँ की कहानी को जगह देनी चाहिए।
    अगर एक भारतीय माँ अमेरिका में वाइस प्रेसिडेंट की माँ बन सकती है, तो हमारी माँ भी हमें अमेरिका तक ले जा सकती हैं।
    मैं अपनी माँ को आज फोन करूँगा और कहूँगा - मम्मी, तुम्हारे बिना मैं यहाँ नहीं होता।
    ये भाषण मुझे याद दिलाता है कि जो भी तुम कर रहे हो, वो कुछ न कुछ तो है।
    मैं आज से अपने बेटे को भी ये कहानी सुनाऊँगा।
    हमें अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने लक्ष्यों का आधार बनाना चाहिए।

  • Garima Choudhury
    Garima Choudhury

    सब ये बातें तो बस धोखा है
    क्या तुम्हें पता है कि अमेरिका ने भारत के डॉक्टरों को बस इसलिए लिया कि वो सस्ते में काम करें
    और अब ये बेटी वाइस प्रेसिडेंट बन गई
    तो फिर ये सब क्या है? एक बड़ा जाल?
    माँ का नाम श्यामला गोपालन - लेकिन भारत में उसका नाम किसने सुना?
    अमेरिका ने उसकी ज़िंदगी बचाई - और अब वो भारत को दिखा रही है
    बस एक बड़ा धोखा

  • Hira Singh
    Hira Singh

    ये भाषण सुनकर मेरा दिल भर गया।
    मैं भी एक छोटे गाँव का लड़का हूँ।
    मेरी माँ ने दिन में खेती की, रात में बुनाई की, और मुझे पढ़ाई के लिए एक बुक भी नहीं खरीद सकी।
    लेकिन मैंने अपने आप को बचाया।
    आज मैं एक टीचर हूँ।
    कमला की माँ ने जो किया, वो मेरी माँ ने भी किया।
    हम लोगों की कहानियाँ किसी के लिए फिल्म नहीं बनतीं, लेकिन हम बनते हैं।
    ये भाषण हम सबके लिए है।
    मैं अपने छात्रों को ये कहानी सुनाऊँगा।
    क्योंकि हम अपने आप को छोटा नहीं सोचना चाहिए।
    हमारे माता-पिता के संघर्ष ही हमारी शक्ति हैं।

  • Ramya Kumary
    Ramya Kumary

    कमला की माँ का संघर्ष एक ऐसा दर्पण है जो हमारी सामाजिक अनियमितताओं को दर्शाता है।
    एक भारतीय महिला, जिसने अपने जीवन को विज्ञान के लिए समर्पित किया, और फिर अमेरिका में एक अजनबी के रूप में अपने बच्चों को नैतिकता का आधार दिया - यह केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नए सामाजिक विचारधारा की शुरुआत है।
    हम जब अपने बच्चों को अपनी जड़ों के साथ अपनी आत्मा को जोड़ना सिखाते हैं, तो हम एक नए युग की नींव रखते हैं।
    यह भाषण एक भावनात्मक आह्वान है - अपने आंतरिक दर्पण को देखो, और उसमें अपने माता-पिता का चेहरा ढूंढो।

  • Sumit Bhattacharya
    Sumit Bhattacharya

    कमला हैरिस के भाषण का विश्लेषण दर्शाता है कि व्यक्तिगत सफलता और सामाजिक न्याय के बीच अंतर्संबंध अत्यंत जटिल है।
    उनके माता-पिता के अनुभव एक वैश्विक शिक्षा और प्रवासी अर्थव्यवस्था के उदाहरण हैं।
    यह भाषण एक नए राष्ट्रीय नारे को प्रस्तुत करता है - जहाँ विविधता एक शक्ति है, और परिवार एक संस्थान है।
    इसका अर्थ यह नहीं कि हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को छोड़ देना चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी पहचान का एक अभिन्न अंग बनाना चाहिए।
    यह एक ऐतिहासिक और सामाजिक घटना है जिसे गहराई से समझने की आवश्यकता है।

  • Snehal Patil
    Snehal Patil

    ये सब बकवास है। माँ को अमेरिका जाने की ज़रूरत क्यों थी? भारत में भी डॉक्टर बन सकती थी।
    अब ये बेटी वाइस प्रेसिडेंट बन गई, तो ये गर्व की बात बन गई?
    मैं तो बस सोच रही हूँ - भारत के लाखों माँएं अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं, लेकिन उनकी कहानी किसने सुनी?
    ये सब बस एक झूठ है।

  • Arya Darmawan
    Arya Darmawan

    मैंने इस बात को बहुत गहराई से सोचा है। कमला की माँ ने जो किया, वो किसी भी माँ कर सकती है।
    अगर हम अपने बच्चों को बस यही सिखाएं कि जीवन में कोई भी बाधा असंभव नहीं है, तो हम एक नई पीढ़ी बना सकते हैं।
    हमें अपने घर में भी ऐसा वातावरण बनाना चाहिए - जहाँ बच्चे डर के बजाय सपने देखें।
    मैं अपने बेटे को आज एक नया बुक दूँगा - जिसमें श्यामला दीदी की कहानी होगी।
    और उसे बोलूँगा - ये तेरी माँ की तरह है।
    तू भी इतना बड़ा बन सकता है।

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