मुंबई बारिश: रिकॉर्ड तोड़ अगस्त, जलभराव से ट्रेन-फ्लाइट-ट्रैफिक प्रभावित

मुंबई बारिश: रिकॉर्ड तोड़ अगस्त, जलभराव से ट्रेन-फ्लाइट-ट्रैफिक प्रभावित

मुंबई बारिश: रिकॉर्ड तोड़ अगस्त, जलभराव से ट्रेन-फ्लाइट-ट्रैफिक प्रभावित 31 अग॰

कैसा है हालात और असर

मुंबई बारिश ने इस अगस्त को पांच साल का सबसे भीगा महीना बना दिया है। 25 अगस्त से शुरू हुए स्पेल में कई इलाकों में 24 घंटे में 300 मिमी से ज्यादा पानी गिरा। एक हफ्ते से भी कम समय में शहर अगस्त के 566 मिमी औसत को पार कर चुका है और सिर्फ चार दिनों में 791 मिमी रिकॉर्ड हुआ—यह जुलाई 2025 के पूरे महीने के 798 मिमी के लगभग बराबर है। इतने कम समय में इतनी बारिश ने ड्रेनेज और ट्रैफिक सिस्टम पर भारी दबाव डाला है।

सबसे ज्यादा मार सड़कों और निम्न इलाकों पर है। ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर कई पॉकेट लंबे समय तक पानी में डूबे रहे, जिससे ऑफिस टाइम में गाड़ियां रेंगती रहीं। सियॉन के गांधी मार्केट, किंग्स सर्कल और पास के आवासीय इलाकों में घुटनों तक पानी भरने से लोगों की रोजमर्रा की जरूरतें भी अटक गईं। मिटी नदी का जलस्तर मंगलवार सुबह 3.90 मीटर तक पहुंचा—खतरे के निशान के करीब—और क्रांति नगर जैसे हिस्सों में पानी घुस आया।

एयरपोर्ट के पास vile parle-आधारित आर्टेरियल सड़कों पर जाम लगा रहा। ट्रैफिक पुलिस ने लो-लाइंग अंडरपास और सर्विस लेन से बचने की सलाह दी है और समय-समय पर डायवर्जन लागू किए जा रहे हैं। बीईएसटी की कई बस रूट अस्थायी तौर पर मोड़ दिए गए हैं ताकि पानी भरे खंडों से बचा जा सके।

लोकल ट्रेनें शहर की लाइफलाइन हैं, इसलिए उन पर निगाहें टिकी रहीं। सेंट्रल रेलवे की मेन और हार्बर लाइनों पर सेवाएं पहले आधे दिन सामान्य चलीं, लेकिन पटरियों पर 100–150 मिमी से ऊपर पानी चढ़ते ही सेफ्टी रूल्स के तहत स्पीड कम करनी पड़ी। लो-लाइंग स्टेशनों—कुर्ला, सियॉन, मस्जिद, चिकालवाड़ी-जैसे सेक्शनों—में गटर बैकफ्लो और ट्रैक-ड्रेनेज जाम होने पर देरी बढ़ सकती है। रेल कर्मियों की पैट्रोलिंग और पंपिंग टीमों को संवेदनशील स्पॉट पर तैनात किया गया है।

हवाई यात्रा भी अछूती नहीं रही। इंडिगो ने लगातार बारिश के चलते कुछ उड़ानों में देरी की बात कही और यात्रियों से एयरपोर्ट के लिए अतिरिक्त समय रखने व उड़ान स्टेटस जांचने को कहा। तेज बारिश और रनवे पर सतही पानी जमा होने पर एटीसी अक्सर सेफ्टी मार्जिन बढ़ाता है, जिससे टर्नअराउंड समय प्रभावित होता है।

बारिश का स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा पक्ष भी गंभीर है। पेड़ों के गिरने की घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत दर्ज हुई। तेज हवा और भीगी मिट्टी के कारण ओवरएज पेड़ों की जड़ें कमजोर पड़ती हैं—इसीलिए नगर निगम ने प्रूनिंग और रूट-ज़ोन निरीक्षण बढ़ाया है। खुले मैनहोल, ढीले बिजली तारों और जलभराव में छिपे गड्ढों से अतिरिक्त सावधानी जरूरी है।

शहर से बाहर भी असर बड़ा है। राज्य सरकार के अनुसार बीते दो दिनों में महाराष्ट्र के 12–14 लाख हेक्टेयर में बोई गई फसलें प्रभावित हुई हैं। विदर्भ के नांदेड़ जिले में सोमवार को बादल फटने की घटना में आठ लोगों की मौत हुई। लगातार भारी बारिश से कई जिलों में नदी-नालों का लेवल ऊंचा है और ग्रामीण सड़कों पर कटाव व पुलों पर ओवरटॉपिंग की खबरें आई हैं।

समुद्र किनारे का कचरा भी लहरों ने शहर में वापस धकेल दिया। 15 से 23 अगस्त के बीच बीएमसी ने बड़े पैमाने पर क्लीन-अप चलाया और गिरगाँव, दादर-माहिम, जुहू, वर्सोवा, मध-मार्वे और गोराई जैसी बीचों से 952 मीट्रिक टन कचरा उठाया। इस ऑपरेशन में 380 से ज्यादा कर्मचारी और छह मशीनें लगीं। हाई-टाइड के दौरान बैकवॉश से प्लास्टिक और जैविक कचरा तट पर आ टिकता है, जो मानसून में आम दृश्य बन चुका है।

तकनीकी कारण साफ हैं। मुंबई का स्टॉर्म-वॉटर ड्रेनेज नेटवर्क सामान्यतः 25–50 मिमी/घंटा की बारिश झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जब कुछ घंटों तक लगातार 60–80 मिमी/घंटा तक बरसता है या 24 घंटे में 300+ मिमी पहुंचता है, तो आउटफॉल पॉइंट पर समुद्री ज्वार के साथ बैकफ्लो होने लगता है और पंपिंग की क्षमता भी चोक हो जाती है। हाई टाइड के समय वाल्व बंद रखने पड़ते हैं, जिससे पानी सड़कों पर ठहरता है।

इस बार एक और पैटर्न दिखा—बारिश के सेल्स कई बार देर रात बनते और सुबह के पीक-ऑवर तक टिके रहे। इससे ऑफिस-स्कूल टाइम पर ट्रैफिक और लोकल नेटवर्क पर असमान दबाव पड़ा। अनौपचारिक बस्तियां, नदियों के फ्लड-प्लेन और मैन्ग्रोव-क्षेत्र के किनारे बसे घर सबसे पहले डूबते हैं, क्योंकि जमीन का नैचुरल स्पॉन्ज-इफेक्ट सालों में कम हुआ है।

बिजली और पानी की सप्लाई को लेकर भी सावधानियां जरूरी हैं। कई सोसाइटियों ने वॉटर पंप और बेसमेंट पार्किंग अस्थायी तौर पर बंद रखीं ताकि शॉर्ट-सर्किट और वाहन नुकसान से बचा जा सके। पीने के पानी में दूषित जल के घुसने का खतरा बढ़ता है, इसलिए उबालकर पीना और स्टोरेज टैंकों की सफाई कराने की सलाह दी जा रही है।

मौसम पूर्वानुमान, प्रशासन की तैयारी और आपकी चेकलिस्ट

मौसम पूर्वानुमान, प्रशासन की तैयारी और आपकी चेकलिस्ट

आईएमडी ने शहर के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी रखी है। पूर्वानुमान के मुताबिक 27 अगस्त को शहर और उपनगरों में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है, 28 अगस्त को बारिश मध्यम रहेगी, जबकि 29 अगस्त को फिर से कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बरसात के आसार हैं। इसका मतलब है कि कम-से-कम इस हफ्ते के अंत तक पानी भरने और ट्रैफिक में देरी का जोखिम बना रहेगा।

प्रशासन ने ग्राउंड रिस्पॉन्स बढ़ा दिया है। बीएमसी के वॉर-रूम 24x7 एक्टिव हैं, संवेदनशील पंपिंग स्टेशनों पर अतिरिक्त मोटरें चल रही हैं और डीसिल्टिंग टीमों को स्पॉट-डिप्लॉय किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन दल और एनडीआरएफ यूनिट्स को स्टैंडबाय पर रखा गया है। पुलिस और ट्रैफिक कंट्रोल ने लो-लाइंग पॉकेट्स की रीयल-टाइम मैपिंग के आधार पर डायवर्जन बनाये हैं। रेलवे ने कल्वर्ट/अंडर-ब्रिज की अतिरिक्त सफाई और ओवरहेड उपकरणों की जांच तेज की है, जबकि एयरपोर्ट ऑपरेटरों ने मानसून एसओपी के तहत रनवे फिक्शन टेस्ट और ड्रेनेज चेक बढ़ाए हैं।

स्कूल-कॉलेजों के लिए “स्थानीय स्थिति के आधार” पर निर्णय की सलाह दी गई है। कई कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम-होम की छूट दी ताकि पीक-ऑवर लोड कम हो। डिलीवरी और सप्लाई-चेन कंपनियां हब-टू-हब मूवमेंट रात या कम बारिश के स्लॉट में शिफ्ट कर रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग लेप्टोस्पायरोसिस, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और डेंगू जैसी बीमारियों पर नजर रखे हुए है। गड्ढों/कीचड़ भरे पानी में चलने के बाद पैरों को कीटाणुनाशक से धोना, गीले कपड़े तुरंत बदलना और बुखार/मांसपेशियों में दर्द पर डॉक्टर दिखाना जरूरी है। नगर अस्पतालों ने अतिरिक्त बेड और दवाइयों का स्टॉक तैयार रखा है।

आपके लिए व्यावहारिक चेकलिस्ट:

  • यात्रा से पहले ट्रैफिक और मौसम अपडेट देखें; हाई-टाइड स्लॉट में समुद्र के पास के मार्गों से बचें।
  • कार/बाइक से पानी भरे अंडरपास में हरगिज़ न उतरें; एग्जॉस्ट में पानी घुसते ही इंजन बंद करें।
  • फुटपाथ/सड़क पर चलते समय खुले मैनहोल और ढक्कन हटे नालों से सावधान रहें; भीड़ में धीमे चलें।
  • घर में मेन पावर स्विच और इलेक्ट्रिक सॉकेट्स को ऊंचाई पर रखें; वाटर-प्रूफ एक्सटेंशन का इस्तेमाल करें।
  • पीने का पानी उबालकर पिएं; ओआरएस और बेसिक मेड किट साथ रखें।
  • बारिश में मोबाइल पावर-बैंक चार्ज रखें; इमरजेंसी नंबर और परिवार/ऑफिस के कॉन्टैक्ट्स सेव करें।
  • जरूरी दस्तावेज़ व इलेक्ट्रॉनिक्स वाटरप्रूफ पाउच में रखें; बेसमेंट पार्किंग में गाड़ियां न छोड़ें।
  • बच्चों और बुजुर्गों की यात्रा टालें; गैर-जरूरी बाहर निकलना कम करें।

लंबी अवधि के समाधान पर भी चर्चा तेज है—ब्लू-ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पंज-सिटी डिज़ाइन, कैचमेंट की बहाली, नालों के किनारे अतिक्रमण हटाना और पंपिंग स्टेशनों की क्षमता बढ़ाना। 2005 जैसी चरम घटना ने सिखाया था कि अनहोनी “एक दिन” में हो सकती है; पिछले कुछ वर्षों में चरम वर्षा की आवृत्ति बढ़ी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि टाइड-लिंक्ड ऑपरेशंस, माइक्रो-ड्रेनेज मैपिंग और वार्ड-लेवल रेन-गेज नेटवर्क से रियल-टाइम रिस्पॉन्स और बेहतर होगा।

फिलहाल फोकस यही है: सतर्क रहना, अनावश्यक यात्रा टालना और आधिकारिक अलर्ट पर भरोसा करना। जैसे-जैसे बारिश के स्पेल थमते-चलते रहेंगे, सड़क और रेल नेटवर्क सामान्य करने में समय लगेगा। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों से बचें, आधिकारिक अपडेट देखें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना दें—यही सबसे तेज रास्ता है सुरक्षित और व्यवस्थित वापसी का।



टिप्पणि (15)

  • Sarvasv Arora
    Sarvasv Arora

    ये बारिश तो हर साल होती है, लेकिन बीएमसी का जवाबदेही का भाव ही नहीं है। जिस तरह से गटर बंद हैं, वैसे तो बच्चे भी ड्रेनेज को साफ कर देते। इतना पैसा खर्च करके भी कुछ नहीं होता, बस फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल देते हैं।

  • Jasdeep Singh
    Jasdeep Singh

    इस बार बारिश का आंकड़ा 791 मिमी है जो जुलाई 2025 के पूरे महीने के 798 मिमी के लगभग बराबर है - यह एक आंकड़ा है जिसे गणितीय रूप से देखा जाए तो यह एक अस्थिर जलवायु अवस्था का संकेत है जो ग्लोबल वार्मिंग के द्वितीयक प्रभावों के कारण उत्पन्न हुई है, जिसके लिए विश्व के उच्च उत्सर्जन वाले देशों को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

  • Rakesh Joshi
    Rakesh Joshi

    मुंबई हार नहीं मानती! बारिश आए तो लोग बस उसका इंतज़ार करते हैं और फिर खुद को बचाने के लिए तैयार हो जाते हैं। हमारी जड़ें इतनी गहरी हैं कि ये बारिश हमें नहीं डालती, बल्कि हमें और मजबूत बनाती है। जय मुंबई!

  • HIMANSHU KANDPAL
    HIMANSHU KANDPAL

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब तक हम अपने घरों के बाहर कचरा फेंकते रहेंगे, तब तक ये सब दोहराएगा? एक बार बारिश हुई तो दोबारा हुई... लेकिन हम नहीं बदले। ये सिर्फ बारिश नहीं है... ये हमारी लापरवाही का नतीजा है।

  • Arya Darmawan
    Arya Darmawan

    अगर आप बारिश के दौरान घर से बाहर निकलना ही जरूरी है, तो बेसिक चेकलिस्ट जरूर फॉलो करें! पानी भरे अंडरपास में न उतरें, पैर धोएं, बैटरी चार्ज रखें, और जरूरी दस्तावेज़ वॉटरप्रूफ पाउच में रखें। ये छोटी-छोटी बातें ही बड़े बचाव का काम करती हैं। आप अकेले नहीं हैं - हम सब मिलकर इसे संभाल सकते हैं!

  • Raghav Khanna
    Raghav Khanna

    प्रशासन द्वारा लिए गए उपायों को समझना आवश्यक है। वॉर-रूम का 24x7 सक्रिय होना, एनडीआरएफ की तैनाती, और रेलवे द्वारा कल्वर्ट की सफाई - ये सभी व्यवस्थित प्रतिक्रियाएं हैं। इनकी तारीफ करना भी जरूरी है, क्योंकि यही तंत्र हमें आगे बढ़ने का आधार बनता है।

  • Rohith Reddy
    Rohith Reddy

    बारिश नहीं बढ़ रही है भाई... बस टीवी चैनल्स ने इसे बढ़ा दिया है। जब तक तुम अपने घर में बैठे रहोगे तब तक ये सब फेक न्यूज है। मैंने देखा था जुहू बीच पर कोई कचरा नहीं था... बस एक कैमरा घूम रहा था। और वो भी बीएमसी का।

  • Vidhinesh Yadav
    Vidhinesh Yadav

    क्या इस बारिश में अनौपचारिक बस्तियों के लोगों की आवासीय स्थिति के बारे में कोई चर्चा हुई? जहां जमीन का स्पॉन्ज-इफेक्ट कम हुआ है, वहां जो लोग रहते हैं, उनकी जिंदगी कैसे बचेगी? हम तो बस आंकड़े देखते हैं... लेकिन उन आंकड़ों के पीछे के इंसान नहीं देखते।

  • Puru Aadi
    Puru Aadi

    मुंबई जिंदाबाद 🙌 बारिश हो रही है, लेकिन हम अभी भी चल रहे हैं! बस थोड़ा धीरे, थोड़ा सावधान, और बहुत ज्यादा दिल से। इस बार तो मैंने अपनी बाइक पर बरसात का मजा लिया 😎🌧️

  • Nripen chandra Singh
    Nripen chandra Singh

    बारिश एक अवधारणा है न कि एक घटना। यह इंसान के अहंकार के खिलाफ प्रकृति की एक चेतावनी है जिसे हम बार-बार नजरअंदाज कर रहे हैं। जब तक हम अपने शहर को एक बॉक्स में बंद नहीं कर देते तब तक ये चक्र चलता रहेगा।

  • Rahul Tamboli
    Rahul Tamboli

    बारिश के चलते ट्रेन देरी हुई तो लोगों ने ट्वीट किया 😅 जब तक तुम्हारा ऑफिस नहीं बंद होता तब तक ये सब नाटक है। जब तक बारिश नहीं बंद हो रही तब तक तुम्हारी जिंदगी भी बंद नहीं होगी 😏

  • Jayasree Sinha
    Jayasree Sinha

    स्वास्थ्य विभाग की ओर से लेप्टोस्पायरोसिस और गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बारे में चेतावनी देना बहुत जरूरी है। इस तरह के बीमारियों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए नगर निगम को धन्यवाद। बच्चों के लिए भी सावधानी बरतनी चाहिए।

  • Vaibhav Patle
    Vaibhav Patle

    हर बारिश के बाद हम बताते हैं कि अगली बार बेहतर करेंगे... लेकिन अगली बार भी वही होता है। अगर हम वास्तव में बदलना चाहते हैं, तो ब्लू-ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करना होगा। ये बारिश बस एक अवसर है - एक अवसर जिसे हम खो रहे हैं।

  • Garima Choudhury
    Garima Choudhury

    बीएमसी ने 952 टन कचरा उठाया... लेकिन क्या आप जानते हैं इसके आधे हिस्से बीच पर नहीं, बल्कि नगर के बाहर निकाले गए? ये सब नाटक है। वो जो कचरा निकाल रहे हैं, वो वास्तव में नदियों में जा रहा है। और वो भी तुम्हारे बच्चों के लिए।

  • Hira Singh
    Hira Singh

    हर कोई बारिश की बात कर रहा है... लेकिन क्या कोई बात कर रहा है कि हम इसे कैसे साझा कर सकते हैं? अगर आप बाहर निकल रहे हैं, तो अपने पड़ोसी को भी बताएं - ये छोटी बातें ही बड़े बदलाव ला सकती हैं। एक दिन में बदलाव नहीं... लेकिन एक बात से शुरुआत हो सकती है।

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