NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने घोषणा की है कि वह जुलाई 8, 2024 को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिनमें राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (NEET-UG) 2024 परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है। यह याचिकाएं परीक्षा में संभावित अनियमितताओं और पेपर लीक की घटनाओं के आरोपों को लेकर दाखिल की गई हैं।
पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप
इन याचिकाओं में कहा गया है कि NEET-UG 2024 की परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं, और इससे परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठे हैं। याचिकाकर्ताओं का मानना है कि इन घटनाओं के कारण लाखों ईमानदार छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सरकार और NTA का पक्ष
दूसरी ओर, केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) का तर्क है कि यह घटनाएं अलग-अलग और सूक्ष्म स्तर पर हुई हैं, और पूरी परीक्षा को रद्द करना एक बहुत बड़ा कदम होगा जो लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इन अनियमितताओं की पूरी जांच की गई है और संबंधित लोगों पर उचित कार्रवाई की गई है।
1563 छात्रों के परिणाम रद्द
NTA ने पहले ही घोषणा की थी कि 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के बाद उनके स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे। इन छात्रों को पुनः परीक्षा देने का विकल्प भी प्रदान किया गया है, जो कि 23 जून को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे।
काउंसलिंग की प्रक्रिया
आगे की प्रक्रिया के तहत, NTA ने बताया कि वे 6 जुलाई से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में किसी भी निर्णायक परिवर्तन का असर आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
सुनवाई की तारीख और न्यायधीशों का पैनल
इस महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करने वाले न्यायधीशों के पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल हैं। यह पैनल याचिकाओं के सभी पहलुओं पर गहन विचार करने के बाद अपना निर्णय सुनाएगा।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि पेपर लीक और अनियमितताओं की घटनाओं ने परीक्षा की संयोगिता और परिणाम की निष्पक्षा को प्रभावित किया है। जबकि सरकार और NTA का कहना है कि ये परीक्षाएँ लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ी हैं और उनका रद्द होना हानिकारक होगा।
यह देखना बाकी है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय लेता है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसका निर्णय देश भर के लाखों छात्रों के जीवन को प्रभावित करेगा।
Arya Darmawan
इस फैसले का इंतजार कई लाख छात्र और उनके परिवार कर रहे हैं। अगर अनियमितताएं वाकई बड़ी हैं तो परीक्षा रद्द करना ही न्यायसंगत होगा। लेकिन अगर ये सिर्फ कुछ अलग-अलग मामले हैं, तो नया टेस्ट देने का ऑप्शन देना पहले से ही एक बड़ा सुधार है। अब बस कोर्ट का फैसला इंतजार है।
Raghav Khanna
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक उचित और विचारशील कदम है। शिक्षा के क्षेत्र में न्याय और पारदर्शिता का अत्यंत महत्व है। यदि कोई अनियमितता हुई है, तो उसका उचित मापदंड द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए। छात्रों के भविष्य के लिए न्याय का विकल्प कोई अन्य नहीं है।
Rohith Reddy
पेपर लीक बस शुरुआत है भाई साहब ये सब नियोजित है ताकि कुछ चुनिंदा बच्चे चुने जा सकें और बाकी सब को फेल कर दिया जाए अगर आपको लगता है कि NTA सच बोल रहा है तो आप बहुत निरीह हैं
Vidhinesh Yadav
क्या वो 1563 छात्र जिनके स्कोर रद्द हुए, उन्हें वाकई फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा? या ये भी सिर्फ एक शोर है जिससे लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है? मुझे लगता है कि इसकी गहराई में जाना जरूरी है।
Puru Aadi
हां भाई ये बात बहुत बड़ी है 😤 लेकिन अगर कोर्ट फैसला कर देता है कि रद्द नहीं करना है तो भी बात बन जाएगी क्योंकि फिर से देने का ऑप्शन तो है ही 😊 हम लोगों को बस आशा और धैर्य रखना है 🙏
Nripen chandra Singh
सब कुछ एक बड़े व्यवस्था के भीतर चल रहा है जिसका उद्देश्य बहुत छोटा है यानी कि इस देश में बहुत से लोगों को एक निश्चित रास्ते पर ले जाना जिसमें कोई व्यक्ति का चयन या असफलता एक बहुत बड़ी संस्था के नियमों पर निर्भर करती है जो शायद उसके जीवन की गुणवत्ता को नहीं जानती
Rahul Tamboli
बस इतना ही नहीं भाई... ये सब नाटक है 😎 जब तक एक बड़ा बॉस नहीं बदलेगा तब तक कोई चीज़ नहीं बदलेगी 🤷♂️ ये परीक्षा तो एक राजनीतिक खेल है जिसमें छात्र बस टॉक बॉक्स हैं 😂
Jayasree Sinha
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा करना आवश्यक है, क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में न्याय की अवधारणा अत्यंत संवेदनशील है। यदि अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो उचित कार्रवाई की आवश्यकता है। यदि नहीं, तो अनावश्यक अस्थिरता से बचना चाहिए।
Vaibhav Patle
मैं तो इस बारे में बहुत उत्साहित हूँ कि आखिरकार कोई बड़ा फैसला हो रहा है 🤗 लाखों बच्चों के जीवन पर ये निर्णय असर डालेगा, और अगर ये न्यायपालिका की ओर से सही रास्ता दिखाती है, तो ये सिर्फ NEET के लिए नहीं, बल्कि भारत की शिक्षा प्रणाली के लिए एक नया अध्याय शुरू हो जाएगा 💪✨