अफगानिस्‍तान – आज की मुख्य खबरें और गहराई से समझ

आप अफगानिस्तान के बारे में क्या जानना चाहते हैं? यहाँ हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी, सरकार की नई नीतियों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को आसान भाषा में बताते हैं। अगर आप भारत‑अफगान रिश्ते या मानवीय मदद पर अपडेट चाहते हैं तो इस पेज को बुकमार्क कर लें।

राजनीतिक स्थिति का ताज़ा अपडेट

तालीबन ने पिछले दो साल में कई बार अपनी नीति बदल दी है, लेकिन सबसे बड़ा बदलाव अभी तक नहीं आया। हाल ही में काबुल में आयोजित शांति वार्ता में अफगान सरकार ने पड़ोसी देशों को आर्थिक सहयोग की पेशकश की, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मानवीय सहायता की माँग भी जारी रखी। इस दौरान भारत ने दो नई विकास परियोजनाओं के लिए फंड अनुकूलित किया, जिससे स्थानीय स्तर पर सड़क निर्माण और जल‑संचालन बेहतर होगा।

पाकिस्तान‑अफगान सीमा पर सुरक्षा स्थितियों में थोड़ा सुधार दिख रहा है; दोनों देशों की सेनाएँ अब सीमावर्ती इलाकों में मिलकर पट्रोलिंग कर रही हैं। इससे व्यापारियों को सामान ले जाना आसान हो गया है और स्थानीय बाजार में वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहने लगी हैं। लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में आतंकवादी समूह सक्रिय हैं, इसलिए सतर्कता जरूरी है।

आर्थिक व सामाजिक माहौल

अफगानिस्तान का जीडीपी अब तक वार्षिक 3 % ही बढ़ रहा है, पर नई नीतियों से खेती और छोटे उद्योगों को मदद मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने देश को अतिरिक्त ऋण की मंजूरी दी है, जिससे ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश तेज़ होगा। इससे ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुँचाने का काम जल्द पूरा हो सकता है।

महिलाओं के शिक्षा स्तर पर भी धीरे‑धीरे सुधार दिख रहा है। पिछले साल 150 हजार से अधिक लड़कियों ने प्राथमिक स्कूल में दाखिला लिया, और कई NGOs मुफ्त ट्यूशन क्लास चला रहे हैं। हालांकि, महिलाओं की रोजगार दर अभी कम है; सरकार अब छोटे सिलाई इकाइयों के लिए अनुदान दे रही है जिससे घर‑घर काम पैदा हो सके।

मानवीय मदद का बड़ा हिस्सा खाद्य सुरक्षा से जुड़ा है। यूएन ने इस साल 200 हजार टन आटा और दालें वितरित कीं, जबकि स्थानीय NGOs ने स्वास्थ्य कैंप चलाकर टीकाकरण दर बढ़ाई। अगर आप स्वयंदान या स्वेच्छा सेवा करना चाहते हैं तो सत्था खबर पर उपलब्ध लिंक से संपर्क कर सकते हैं।

भविष्य में अफगानिस्तान को स्थिरता पाने के लिए दो चीज़ें ज़रूरी होंगी—पहली, सुलह की प्रक्रिया का निरंतर पालन; दूसरी, आर्थिक विकास को तेज करने हेतु निजी निवेश को प्रोत्साहन देना। जब ये दोनों मिलेंगे तो देश न केवल अपने लोगों की रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा कर पाएगा, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग में भी एक प्रमुख खिलाड़ी बन जाएगा।

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अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में 19 अप्रैल, 2025 को आए 5.8 तीव्रता के भूकंप के झटकों ने दिल्ली-एनसीआर, कश्मीर और पाकिस्तान को भी हिला दिया। लोगों में घबराहट फैल गई, लेकिन जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। क्षेत्रीय भूकंपीय जोखिम फिर चर्चा में है।

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अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच खेले गए टी20 वर्ल्ड कप 2024 के सुपर 8 मुकाबले में अफगानिस्तान ने रोमांचक जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। बांग्लादेश को सिर्फ आठ रनों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। नवीण उल हक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मैच को अफगानिस्तान के पक्ष में मोड़ दिया।

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अफगानिस्तान ने T20 विश्व कप में पदार्पण करने वाली युगांडा को गयाना में एक तरफा मुकाबले में मात दी। युगांडा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया, लेकिन अफगान गेंदबाजों ने प्रभावी प्रदर्शन किया। फज़लहक फ़ारूक़ी ने रोनाक पटेल और रोजर मुकासा को लगातार गेंदों पर आउट किया, जिससे युगांडा की टीम लड़खड़ा गई।

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