AAP सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया, यह दावा करते हुए कि उन्हें पहले की हिरासत अवधि के दौरान इंसुलिन नहीं दी गई थी। दिल्ली मंत्री आतिशी ने केजरीवाल के स्वास्थ्य और तिहाड़ जेल में जीवन की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को हिरासत में लिया था।
अरविंद केजरीवाल: राजनीति में नया सोच
अगर आप दिल्ली या भारत की राजनीति देखते हैं तो अरविंद केजरीवाल का नाम सुनते ही दिमाग में ‘बदलाव’ आ जाता है। एक समय कॉर्पोरेट प्रोफ़ाइल वाले वे, अब एंटी‑कॉरप्शन और जनता‑के‑लिए‑सेवा पर फोकस करने वाले नेता बन गए हैं। इस पेज पर हम उनके शुरुआती दिनों से लेकर आज तक की मुख्य घटनाओं को सरल भाषा में समझाते हैं।
राजनीतिक सफ़र
अरविंद ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) से एमबीए किया और फिर मैकडॉनल्ड्स जैसी बड़ी कंपनियों में काम किया। 2010 में उन्होंने ‘ऑक्सिस’ नाम की एक एनजीओ शुरू की, जो शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम करती थी। इस दौर में उन्हें आम लोगों की ज़रूरतें करीब से दिखीं। यही कारण था कि 2012 में वे भारत आंदोलन (AAP) के संस्थापकों में शामिल हुए।
2015 में AAP ने पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव जीता, और अरविंद को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य बनाया गया। उनका प्रमुख काम ‘पावर‑टू‑पीपल’ मॉडल को लागू करना था – यानी सरकारी सेवाएँ सीधे लोगों तक पहुँचें, बेकार खर्च कम हो। 2017 में उन्होंने दिल्ली के मुख्य मंत्री पद की घोषणा नहीं की; बल्कि अपने आप को नेता के रूप में रखकर पार्टी को आगे बढ़ाया।
2020 में फिर से चुनाव आए और AAP ने दो‑तीन बार जीत हासिल की, जिससे अरविंद केजरीवाल का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चमका। उनका ‘पानी, बिजली, स्वास्थ्य’ वाला स्लोगन अब कई शहरों में लागू हो रहा है। साथ ही उन्होंने शिक्षा सुधार, महिला सुरक्षा और पर्यावरणीय पहलें भी शुरू कीं।
हाल की खबरें
2024 के अंत में अरविंद ने ‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजेक्ट लॉन्च किया, जिसमें डिजिटल भुगतान प्रणाली को सभी सरकारी सेवाओं में लागू करने का लक्ष्य है। इस कदम से नागरिकों को क्यूं‑क्यूं में खड़े होने की ज़रूरत नहीं रही और पारदर्शिता बढ़ी।
अभी हाल ही में उनका एक बयान वायरल हुआ जहाँ उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना हर भारतीय का अधिकार है।” इस पर कई राजनेताओं ने समर्थन किया, जबकि विपक्षियों ने सवाल उठाए कि क्या यह वादा पूरा हो पाएगा। फिर भी जनता की प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक रही – सोशल मीडिया पर #KejriwalForChange ट्रेंड कर रहा था।
एक और बड़ी खबर में अरविंद ने नई शिक्षा नीति के तहत ‘स्कूल‑टू‑जॉब’ प्लान शुरू किया, जिससे छात्रों को कौशल प्रशिक्षण मिल सके और उन्हें नौकरी मिलने की संभावना बढ़े। इस पहल को कई कंपनियों ने सराहा और सहयोग दिया।
अगर आप उनके बारे में गहराई से पढ़ना चाहते हैं तो यहाँ पर पिछले लेखों के लिंक देखिए – जैसे ‘मुंबई बाढ़’ या ‘Amazon Prime Day’ जैसी ख़बरें, जहाँ अरविंद की टिप्पणी या पहल का उल्लेख है। ये पोस्ट आपको उनकी सोच और कार्यशैली को समझने में मदद करेंगे।
संक्षेप में कहें तो अरविंद केजरीवाल एक ऐसे नेता हैं जो जनता‑के‑लिए‑काम करने पर विश्वास रखते हैं, चाहे वह बुनियादी सुविधाएँ हों या तकनीकी बदलाव। उनका लक्ष्य है कि हर दिल्ली वाला व्यक्ति बिना किसी बाधा के सरकार की सेवाओं का लाभ उठा सके। इस पेज पर आप उनके बारे में सभी अपडेटेड समाचार, विश्लेषण और राय पढ़ सकते हैं – बस स्क्रॉल करें और जानें क्या चल रहा है।