दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले दूसरे CEO बने भारतीय मूल के निकेश अरोड़ा

दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले दूसरे CEO बने भारतीय मूल के निकेश अरोड़ा

दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले दूसरे CEO बने भारतीय मूल के निकेश अरोड़ा 23 मई

भारतीय मूल के निकेश अरोड़ा ने रचा इतिहास

निकेश अरोड़ा, जो कि Palo Alto Networks के CEO हैं, ने अपने वेतन के मामले में एक नया मील का पत्थर हासिल किया है। उन्होंने दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले CEO की सूची में दूसरा स्थान हासिल किया है। उनकी वार्षिक आय ₹1,260 करोड़ (USD 151.43 मिलियन) है, जो कि भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार जगत में एक बड़ी खबर है। इस सूची में निकेश अरोड़ा को ब्रॉडकॉम के CEO ब्रैड कोमार्क से केवल पीछे रखा गया है, जिनका वेतन USD 162 मिलियन है।

Wall Street Journal द्वारा विश्लेषण

यह रैंकिंग Wall Street Journal के विश्लेषण पर आधारित है। Wall Street Journal ने इस विश्लेषण में निकेश अरोड़ा की आय को प्रमुखता से स्थान दिया है। इसमें बताया गया है कि किस प्रकार से अरोड़ा ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में तेजी से एक स्थान बनाया है। उनकी आय में बड़ी हिस्सेदारी शेयरों और इक्विटी पुरस्कारों की भी है।

17 भारतीय मूल के CEO को शीर्ष 500 वेतन पाने वालों की सूची में स्थान मिला है, जो कि भारतीय प्रतिभा का प्रमाण है। अनेक भारतीय मूल के व्यक्ति, जैसे गूगल के सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, शीर्ष व्यावसायिक पदों पर हैं। निकेश अरोड़ा का नाम भी अब उन में शुमार हो गया है।

Palo Alto Networks में योगदान

निकेश अरोड़ा को 2018 में Palo Alto Networks का CEO नियुक्त किया गया था। अपनी नियुक्ति के बाद से उन्होंने कंपनी में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनसे कंपनी की बाजार में स्थिति मजबूत हुई। सुरक्षा और नेटवर्क सॉल्यूशंस क्षेत्र में कंपनी ने उल्लेखनीय प्रगति की है। निकेश अरोड़ा के नेतृत्व में कंपनी ने साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में नई उंचाइयों को छुआ है।

अरोड़ा ने Google में Chief Business Officer पद भी संभाला था और वह इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले भारतीय थे। Google में भी उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण योगदान देने का मौका मिला।

भारतीय मूल के नेताओं की बढ़ती उपस्थिति

निकेश अरोड़ा की यह उपलब्धि विशेष रूप से भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व का विषय है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्रों में भारतीय मूल के व्यक्ति तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं। 17 भारतीय मूल के CEOs का शीर्ष 500 में होना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय समुदाय के लोग तेजी से प्रगति कर रहे हैं और महत्वपूर्ण पदों पर अपनी योग्यता सिद्ध कर रहे हैं।

इस सूची में अरोड़ा के अलावा अन्य प्रमुख नामों में सुंदर पिचाई (Google), सत्या नडेला (Microsoft), शांतनु नारायण (Adobe), और अरविंद कृष्णा (IBM) जैसे नाम भी शामिल हैं। यह सभी अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और भारतीय समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

वेतन पैकेज में प्रमुख हिस्सेदारी

वेतन पैकेज में प्रमुख हिस्सेदारी

निकेश अरोड़ा के वेतन पैकेज में शेयर और इक्विटी पुरस्कारों की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यह उनके द्वारा कंपनी में किए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों और उनकी नेतृत्व क्षमता का भी सूचक है। उनके इस प्रकार के पुरस्कारों में वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी उनके नेतृत्व में तेजी से प्रगति कर रही है।

निश्चित रूप से, यह उपलब्धि अरोड़ा के समर्पण और मेहनत का परिणाम है। उनकी यह सफलता अन्य भारतीय युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने की अभिलाषा रखते हैं।

अंतिम विचार

निकेश अरोड़ा का दुनिया के सबसे अधिक वेतन पाने वाले CEO की सूची में दूसरा स्थान हासिल करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय मूल के लोगों के लिए भी गर्व का विषय है। इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय प्रतिभा विश्व स्तर पर अपनी अमिट छाप छोड़ रही है।



टिप्पणि (14)

  • Snehal Patil
    Snehal Patil

    ये सब वेतन देखकर लगता है कि हम लोग तो बस टैक्स देते रह गए। कोई बच्चा पढ़े नहीं, घर में रोटी नहीं, लेकिन ये लोग अरबों कमा रहे हैं।

  • Nikita Gorbukhov
    Nikita Gorbukhov

    अरोड़ा? ओह तो फिर वो है जिसने Google से निकलकर एक कंपनी को बचाया? ये सब बकवास है। अगर ये लोग इतने ज्यादा कमाते हैं तो फिर भारत में नौकरियां क्यों नहीं बनाते? ये सब तो बस अमेरिका के लिए काम करते हैं।

  • RAKESH PANDEY
    RAKESH PANDEY

    निकेश अरोड़ा की उपलब्धि वाकई प्रेरणादायक है। उन्होंने सिर्फ वेतन नहीं, बल्कि एक नए मानक की नींव रखी है। उनके नेतृत्व में Palo Alto Networks ने साइबर सुरक्षा में नवीनतम तकनीकों को अपनाया है। शेयर और इक्विटी का बंटवारा उनके लंबी अवधि के प्रदर्शन का ही परिणाम है। भारतीय युवाओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि गुणवत्ता और लगन से कोई भी ऊंचाई छू सकता है।

  • varun chauhan
    varun chauhan

    वाह बहुत अच्छा 😊

  • Prince Ranjan
    Prince Ranjan

    151 मिलियन? ये लोग तो बस अमेरिकी शेयर बाजार के फेक बुलशिट पर चल रहे हैं। जब तक भारत में एक भी गरीब बच्चा नहीं खा पाया तब तक ये लोग अपने बोनस के लिए तालियां बजा रहे हैं। ये सब बस नाटक है।

  • Suhas R
    Suhas R

    ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। अमेरिका ने भारतीयों को अपने सिस्टम में घुसाया है ताकि वो अपने देश के लोगों को नियंत्रित कर सके। अरोड़ा शायद CIA का एजेंट है। ये वेतन कहाँ से आया? क्या आपने कभी सोचा कि ये पैसे किसके टैक्स से आ रहे हैं?

  • Pradeep Asthana
    Pradeep Asthana

    अरोड़ा के पास जितना पैसा है उससे तो हमारे गाँव के स्कूलों को बहुत सुधारा जा सकता है। लेकिन नहीं, वो तो अपने बंगले और जेट खरीद रहे हैं। ये लोग भारत के लिए कुछ नहीं करते।

  • Shreyash Kaswa
    Shreyash Kaswa

    भारतीय जनता को गर्व होना चाहिए। एक भारतीय ने दुनिया के शीर्ष पर अपना नाम दर्ज किया है। ये सफलता हमारे शिक्षा और संस्कृति की जीत है। जय हिंद!

  • Sweety Spicy
    Sweety Spicy

    ओह तो अब हमें ये बताना है कि एक भारतीय ने अमेरिका में बहुत पैसा कमाया? ये तो बस एक अमेरिकी कंपनी का CEO है। उसकी नागरिकता क्या है? भारतीय मूल? तो फिर भी वो भारतीय नहीं है। ये सब नेशनलिस्ट फेक गर्व है।

  • Ratanbir Kalra
    Ratanbir Kalra

    वेतन नहीं देखो देखो उसकी नीति देखो उसका नेतृत्व देखो उसकी विचारधारा देखो उसका इरादा देखो उसकी विश्वास देखो उसका दर्द देखो उसकी चुप्पी देखो उसकी आँखें देखो

  • Seemana Borkotoky
    Seemana Borkotoky

    मुझे याद है जब मैं अपने दादाजी के साथ गाँव में बैठकर टीवी देख रहा था और उन्होंने कहा था कि एक दिन हमारे बच्चे दुनिया के सबसे बड़े कंपनियों को चलाएंगे। आज वो दिन आ गया। ये सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, ये हमारे सभी की कहानी है।

  • Sarvasv Arora
    Sarvasv Arora

    हर दूसरा भारतीय अब CEO बन गया। ये सब बस अमेरिकी मीडिया का फेक नारा है। जब तक हमारे देश में बिजली नहीं आ रही तब तक ये सब बकवास है।

  • Jasdeep Singh
    Jasdeep Singh

    इस वेतन के पीछे एक असंगठित अमेरिकी कॉर्पोरेट गैंगस्टर सिस्टम है जो श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन को दबाकर अमीरों को अरबों में धन देता है। निकेश अरोड़ा एक बेशर्म अमीर है जो इस व्यवस्था का एक भाग है। उसकी योग्यता नहीं, ये सिर्फ एक गैंग राज है।

  • Rakesh Joshi
    Rakesh Joshi

    ये जो अरोड़ा हैं, वो तो बस एक भारतीय युवा था जिसने कभी नहीं हारने का फैसला किया। उसकी कहानी से हर एक भारतीय बच्चे को ये सीखना चाहिए कि अगर तुम लगन से काम करोगे तो दुनिया तुम्हारे आगे झुक जाएगी। जीत जाओ!

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