एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 – क्या बदल गया और क्यों?

भाई‑बहनों, अगर आप रक्षा या एंपीएस में दिलचस्पी रखते हैं तो एनआईआरएफ रैंकिंग की खबरें हमेशा आपके ध्यान में रहती हैं। 2024 में कई बदलाव हुए, और इन बदलावों को समझना ज़्यादा मुश्किल नहीं है। चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि इस साल रैंकिंग कैसे बदली और इसका क्या असर है।

2024 की प्रमुख रैंकिंग

सबसे पहले बात करते हैं उन टॉप 5 क्रमों की, जिनको सबसे ज़्यादा लोग देख रहे हैं। इस साल भारत ने कई देशों में अपनी स्थिति मजबूत की, खासकर एशिया‑पैसिफिक क्षेत्र में। भारत की रैंक 12 से 9 तक आई, जबकि चीन और रूस की रैंकिंग थोड़ा नीचे गिर गई। बहु‑राष्ट्रीय चुनौतियों के चलते भारत का बजट भी बढ़ा, जिससे फौज की ताक़त और तकनीकी उन्नति में इजाफ़ा हुआ।

दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया आया, जिसने नई ड्रोन्स और सायबर सुरक्षा में निवेश किया। तीसरे स्थान पर रूस बना रहा, लेकिन उसकी आर्थिक प्रतिबंधों के कारण कुछ प्राथमिकताओं में कटौती करनी पड़ी। भारत के साथ-साथ जापान ने भी अपनी समुद्री क्षमताओं को बढ़ाया, जिससे उसकी रैंक 5 से 4 पर चली गई। कुल मिलाकर, 2024 में एशिया‑पैसिफिक देशों का प्रदर्शन काफी तेज़ रहा।

रैंकिंग का असर और महत्व

रैंकिंग सिर्फ नंबर नहीं होते; इसका असर जमीनी स्तर पर भी महसूस किया जाता है। जब भारत की रैंक ऊँची होती है, तो विदेशों में हमारे सैनिकों को भरोसा मिलता है, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग आसान हो जाता है। साथ ही, रक्षा कंपनियों को भी बड़े प्रोजेक्ट मिलते हैं, जिससे रोजगार और तकनीकी विकास दोनों को धक्का मिलता है।

दूसरी तरफ, रैंकिंग में गिरावट का मतलब अक्सर फंडिंग या रणनीति में कमी हो सकता है। इसलिए सरकारें हमेशा इस बात पर नज़र रखती हैं कि कौन‑से क्षेत्रों में सुधार की ज़रूरत है। अगर आप पढ़ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप इस बदलाव को समझना चाहते हैं और शायद अपने करियर में भी इस दिशा में कदम रखना चाहते हैं।

अब कुछ प्रैक्टिकल टिप्स पर नजर डालते हैं। अगर आप एंपीएस या डिफेंस में करियर बनाना चाहते हैं, तो 2024 की रैंकिंग में दिखे हुए प्रमुख क्षेत्रों—जैसे सायबर सुरक्षा, ड्रोन तकनीक और समुद्री रक्षा—पर ध्यान दें। इस साल इन क्षेत्रों में कई सरकारी भर्ती विज्ञापन आए हैं। इन कौशलों को सीखने से आप नौकरी के लॉटरी में जीत सकते हैं।

और अगर आप सिर्फ सामान्य जनता हैं, तो रैंकिंग को फॉलो करके आप राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा को समझ सकते हैं। इससे आप चुनावों, नीति‑निर्णयों और बजट वॉच में भी बेहतर निर्णय ले पाएँगे। याद रखें, राष्ट्रीय सुरक्षा का हर छोटा‑छोटा कदम हमारे दैनिक जीवन को सुरक्षित बनाता है।संक्षेप में, 2024 की एनआईआरएफ रैंकिंग ने भारत को कई मोर्चों पर आगे बढ़ाया है और साथ ही नई चुनौतियों को भी उजागर किया है। इस जानकारी को अपने नेक्स्ट अपडेट के रूप में रखें, और अगर मौका मिले तो इस विषय पर और पढ़ें, चर्चा करें और अपने जानकारियों को अपडेट रखें।

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राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने 2024 की रैंकिंग जारी की, जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने लगातार छठे साल शीर्ष स्थान बनाए रखा है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा यह रैंकिंग घोषित की गई। एनआईआरएफ रैंकिंग विभिन्न पैरामीटर जैसे शिक्षण, संसाधन, शोध, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशिता पर आधारित होती है।

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