होटल नियम: भारत में होटल चलाने के जरूरी कदम

अगर आप अपना खुद का होटल खोलने या मौजूदा होटल को बेहतर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले ‘हॉटेल नियाम’ को सही से समझना ज़रूरी है। अक्सर लोग लाइसेंस, स्वच्छता और करों को अलग‑अलग मानते हैं, लेकिन असल में ये सब एक ही सिस्टम का हिस्सा हैं। इस लेख में हम बात करेंगे कि आपको कौन‑कौन सी मंज़ूरी चाहिए, किन नियमों को फॉलो करना है और कैसे आप इनको आसान बना सकते हैं।

मुख्य लाइसेंसिंग प्रक्रिया

पहला कदम है व्यापार लाइसेंस (Trade License) लेना. यह स्थानीय नगरपालिका या पब्लिक हेल्थ विभाग से मिलता है और आपको बताता है कि आपका होटल कानूनी तौर पर काम कर सकता है। इसके बाद फ़ूड लाइसेंस जरूरी है, जो फूड सर्टिफ़िकेशन अथॉरिटी (FSSAI) द्वारा जारी किया जाता है. बिना FSSAI के आपके खाने‑पीने के सामान को बेचना गैरकानूनी माना जाएगा.

अगर आप 5 या उससे अधिक कमरे वाले होटल चलाते हैं तो आपको टूरिज़्म लाइसेंस भी लेना पड़ेगा। यह लाइसेंस राज्य पर्यटन विभाग से मिलता है और इसमें सुरक्षा, आग‑बुझाने की व्यवस्था और ग्राहक सेवा मानक शामिल होते हैं. साथ ही, अगर आपके होटल में अल्कोहल सर्व किया जाता है तो शराब लाइसेंस (Excise License) अनिवार्य है; इसे स्टेट एग्ज़ाइज़ बोर्ड से लेना पड़ता है.

स्वच्छता एवं सुरक्षा मानक

होटल चलाते समय सबसे बड़ी चिंता अक्सर ग्राहकों की स्वच्छता होती है. इसके लिए हर होटल को ‘सैनिटेशन’ प्रमाणपत्र रखना चाहिए, जो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांचा जाता है। इस में रसोई के सतहों की साफ‑सफाई, जल गुणवत्ता और कचरे का सही निपटान शामिल होता है.

आग से सुरक्षा भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए. फायर एक्सिट, अलार्म सिस्टम और एंटी‑ड्रैगन डिवाइस (पानी के पाइप) हर बड़े होटल में होना आवश्यक है। इनकी वार्षिक जांच करवाई जाती है; अगर कोई कमी पाई गई तो तुरंत सुधार करना पड़ता है.

स्टाफ़ की भर्ती भी नियमों से बंधी होती है. कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन, कार्य घंटे और सामाजिक सुरक्षा (PF, ESI) के तहत रखना कानून का हिस्सा है. साथ ही, रसोई में काम करने वाले लोग फूड हैंडलिंग सर्टिफिकेशन रखते हों तो बेहतर रहेगा.

करों की बात करें तो GST नंबर लेना अनिवार्य है, चाहे आप रेस्तरां चलाएँ या केवल कमरा किराए पर दें। हर महीने के अंत में इनवॉइस और रसीदें बनानी पड़ती हैं ताकि कर विभाग को सही रिपोर्ट दे सकें.

इन सभी नियमों को एक जगह ट्रैक करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन कई ऑनलाइन पोर्टल्स इस काम को आसान बना रहे हैं. आप अपने राज्य की सरकारी वेबसाइट पर लाइसेंस अप्लाई कर सकते हैं और रीयन्यूअल के नोटिफ़िकेशन भी उसी से मिलेंगे.

आखिर में यह समझना जरूरी है कि ‘हॉटेल नीयम’ सिर्फ कागज़ी काम नहीं, बल्कि ग्राहक का भरोसा बनाते हैं. जब आपका होटल सभी मानकों को पूरा करता है तो ग्राहकों की रेटिंग बढ़ती है और बुकिंग भी आसानी से आती है.

तो अगर आप अभी शुरुआत कर रहे हैं या मौजूदा होटल में बदलाव चाहते हैं, तो ऊपर बताए गए लाइसेंस, स्वच्छता और कर नियमों को एक‑एक करके चेक करें। छोटे‑छोटे कदम उठाने से बड़ा फर्क पड़ेगा और आपका व्यवसाय कानूनी तौर पर मजबूत रहेगा.

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