विराट कोहली की विवादित हरकतों पर अमित मिश्रा का खुलासा
पूर्व भारतीय लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने हाल में एक बड़े विवाद के बारे में बातें की हैं, जो आईपीएल 2023 के दौरान सामने आया था। इस विवाद का केंद्र थे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के कप्तान विराट कोहली और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाड़ी नवीन-उल-हक। मिश्रा ने बताया कि यह विवाद तब शुरु हुआ जब एलएसजी के मेंटर गौतम गंभीर ने बेंगलुरु में हुए एक मैच के दौरान दर्शकों की ओर 'होंठों पर उंगली' रखने का इशारा किया था।
यह इशारा कोहली को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे लेकर नाराजगी जताई थी। जब दोनों टीमें लखनऊ में दोबारा मैच खेलने आईं, तब कोहली ने एलएसजी खिलाड़ियों के साथ अभद्रता शुरू कर दी। इसमें विशेष रूप से काइल मायर्स और नवीन-उल-हक को निशाना बनाया गया था।
मैच के बाद भी जारी रहा विवाद
मिश्रा ने बताया कि यह नाटक केवल खेल के दौरान ही नहीं बल्कि मैच के बाद भी चला। जब आमतौर पर मैच के बाद खिलाड़ी एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं, तब भी कोहली की आक्रामकता बरकरार रही। गौतम गंभीर कोहली के इस बर्ताव से खफा थे और उन्होंने हस्तक्षेप किया। गंभीर ने कोहली से पूछा कि मैच जीतने के बाद भी वह आक्रामक क्यों हैं।
मिश्रा ने इस विवादित प्रकरण की आलोचना करते हुए कहा कि अगर कोहली ने खुद को संयमित रखा होता तो इस सारी समस्याओं से बचा जा सकता था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या नवीन अब कभी विराट कोहली का सम्मान कर पाएंगे, और इस घटना का युवा खिलाड़ियों पर क्या प्रभाव पड़ा होगा जो इसे देख रहे थे।
खिलाड़ियों पर प्रभाव
यह विवाद केवल उस रात की बात नहीं है, बल्कि यह खिलाड़ी और प्रशंसकों के मन में गहरी छाप छोड़ सकता है। विराट कोहली, जो मैदान पर अपने आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं, को शायद इस घटना ने एक बार फिर से अनुशासन के महत्व की याद दिलाई है। मिश्रा ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को ऐसे कृत्यों से यह सीखना चाहिए कि खेल का मैदान केवल खेल का मंच होता है, न कि व्यक्तिगत दुश्मनियों को निपटाने का स्थान।
मिश्रा ने आगे कहा कि यह स्थिति दोनों टीमों के मनोबल को प्रभावित कर सकती है और अगले मैच में उनकी मानसिकता पर भी प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि खेल के दौरान हुए इन विवादों का खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी असर पड़ेगा।
युवाओं को सही संदेश
यह महत्वपूर्ण है कि युवा क्रिकेटर इस घटना को एक नकारात्मक उदाहरण के रूप में देखें और उससे सीखें। खेल का सार एक-दूसरे का सम्मान करना और खेल भावना को बनाए रखना होता है। खिलाड़ी, विशेष रूप से बड़े खिलाड़ी, युवा पीढ़ी के लिए रोल मॉडल होते हैं और उन्हें अपने व्यवहार से सही उदाहरण सेट करना चाहिए।
इस बड़े विवाद ने खेल प्रेमियों और विशेषज्ञों को भी सवाल करने पर मजबूर कर दिया है कि क्या इस तरह की घटनाओं से क्रिकेट की आत्मा को नुकसान पहुँचता है। मिश्रा ने अंत में यह भी कहा कि खेल के मैदान पर आक्रामकता की भी अपनी एक सीमा होनी चाहिए। खेल को खेल की तरह ही खेलना चाहिए, व्यक्तिगत दुश्मनियों को अलग रखना चाहिए।