Jolly LLB 3 रीव्यू – क्या ये फ़िल्म हँसी‑और‑संदेश दोनों देती है?

अगर आप कानूनी थ्रिलर और कॉमेडी का मिश्रण देखना चाहते हैं, तो Jolly LLB 3 आपके प्लेलिस्ट में होना चाहिए। फिल्म में वही तेज़‑तर्रार वकील जॉली (सलमान खान) फिर से कोर्ट के मारे में उतरता है, लेकिन इस बार उसकी लड़ाई सिर्फ केस नहीं, सामाजिक असमानता और भ्रष्टाचार से भी है। चलिए, देखते हैं कि इस भाग को कैसे बुनते हैं और क्यों ये फिल्म आपके हिस्से की बात बनती है।

कहानी और मुद्दे

पहली दो पार्ट्स से अलग, Jolly LLB 3 एक बड़े केस के इर्द‑गिर्द घूमती है—एक गरीब किसान की जमीन के लिए बड़ा इंजीनियरिंग कंपनी से लड़ाई। जॉली के पास अभी भी वही जलती हुई करिश्मा है, पर अब पीड़ित की आवाज़ें और सामाजिक मुद्दे ज़्यादा गहरे हैं। कहानी में हम देखते हैं कि कैसे न्याय की प्रक्रिया में आम लोग फँस जाते हैं और कैसे जॉली उनके लिए आवाज़ उठाता है।

फिल्म में कुछ छोटा‑छोटा कॉमिक सैन्स भी हैं, जैसे जॉली का कोर्ट में बेतुका ब्लफ़ या उसका साइड इफ़ेक्ट वाला केस‑फाइल मैनेजमेंट। लेकिन ये ह्यूमर सिर्फ मज़े के लिए नहीं, यह दर्शकों को गहरी समस्याओं से जोड़ता है। योँ तक कि फिल्म के अंत में कुछ सवाल छोड़ जाता है—क्या सच्चा न्याय कभी सामने आता है?

अभिनय, कॉमिक टाइमिंग और कुल प्रभाव

सलमान खान का जॉली फिर से जीवंत हो जाता है। उनका डायलॉग डिलीवरी और अभिव्यक्तियाँ फिल्म के टोन को सेट करती हैं। कोह ली (डॉनर) और क्यूरशू (वाक्यकारिका) जैसे साइड किरदार भी मीटिंग में अच्छी फ़िट होते हैं, जिससे सीन में गति बनी रहती है।

कॉमिक टाइमिंग इस फिल्म की रॉकेट है। जब जॉली अदालत में अनजाने में बहुत सारे दस्तावेज़ गड़बड़ कर देता है, तो दर्शकों की हँसी थमती नहीं। लेकिन ये फुलवा कभी भी मज़ाक नहीं बनता, क्योंकि हर हँसी के पीछे एक सामाजिक टिप्पणी छिपी होती है।

साउंड डिजाइन और बैकग्राउंड म्यूजिक भी कहानी को एन्हांस करते हैं। कोर्टरूम की गड़बड़, बाहरी शहर की हलचल, और जॉली की व्यक्तिगत क्षणों के बीच का संगीत संतुलित रहता है, जिससे दर्शक भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं।

समग्र रूप से, Jolly LLB 3 एक मजबूत स्क्रिप्ट, उचित अभिनय और सटीक कॉमिक टाइमिंग के साथ एक पूरा पैकेज लेकर आती है। अगर आप सिर्फ हल्की‑फुलकी कॉमेडी या सिर्फ गंभीर ड्रामा की तलाश में हैं, तो यह फिल्म दोनों का मिश्रण पेश करती है। यह न सिर्फ आपका समय बचाएगी, बल्कि आपको सोचने पर भी मजबूर करेगी कि न्याय प्रणाली में क्या बदलाव की जरूरत है।

सत्ता ख़बर पर हमने इस फिल्म की समीक्षा लिखी है ताकि आप निर्णय ले सकें कि इसे देखना आपके लिए फायदेमंद रहेगा या नहीं। तो अगर आप एक ऐसी फ़िल्म चाहते हैं जो आपको हँसाते हुए भी सोचाए, तो Jolly LLB 3 को अपनी प्लेलिस्ट में जोड़ें।

Jolly LLB 3 Review: कोर्टरूम में ताबड़तोड़ मस्ती और कड़वी सच्चाई, पहले ही दिन दर्शकों ने पास कर दी फिल्म 20 सित॰

Jolly LLB 3 Review: कोर्टरूम में ताबड़तोड़ मस्ती और कड़वी सच्चाई, पहले ही दिन दर्शकों ने पास कर दी फिल्म

Jolly LLB 3 को क्रिटिक्स और दर्शकों से जोरदार सराहना मिल रही है। फिल्म हंसी-मजाक के साथ किसान आत्महत्या और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाती है। अक्षय कुमार और अरशद वारसी दोनों पसंद किए जा रहे हैं, लेकिन शो स्टीलर जज बने सौरभ शुक्ला हैं। कुछ जगहों पर मेलोड्रामा और एक लंबा गाना खटकता है, फिर भी फिल्म को बड़े पर्दे पर जोश से भरा मनोरंजन माना जा रहा है।

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