नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ मेले की यात्रा के दौरान हुए हादसे में 18 लोगों की मृत्यु हो गई। इस भगदड़ में पांच बच्चों समेत कई लोग घायल हुए। प्लेटफार्म 14 और 15 पर भीड़ बढ़ गई थी क्योंकि दो विशेष ट्रेनों की देरी से यात्री घबराए हुए थे। राजनीतिक नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए लापरवाही का आरोप लगाया। सुरक्षा और प्रबंध की कमी पर सवाल उठे हैं।
महाकुंभ मेला 2025 – कब, कहाँ और क्या देखना है?
हर साल लाखों भक्त और सैलानी अबीरावरी के पंछी घाट पर जमा होते हैं। महाकुंब में भगवान शिव, विष्णु और अद्वैत के रहस्य मिलते हैं। अगर आप भी इस भव्य मेले का हिस्सा बनना चाहते हैं तो यहाँ से शुरू करें अपनी तैयारी।
मेला कब और कहाँ होता है?
महाकुंभ का प्रमुख आयोजन साल में दो बार होता है – एक बार कार्तिक महीने (अक्टूबर‑नवंबर) में और दूसरी बार अंधीरे (फाल्गुन‑मार्च) में। 2025 का कार्तिक महाकुंभ 12‑15 अक्टूबर को निर्धारित है। पंछी घाट, जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, मेले का मुख्य स्थल है। इस दौरान नदी के किनारे खुले आंगनों में मंदिर, झूले, पिचकारी‑इवेंट और शिल्पकला मेलें लगती हैं।
क्या‑क्या देखना चाहिए?
1. पंछी घाट स्नान – नर्मदा की पवित्र धारा में स्नान करना सबसे बड़ा आकर्षण है।
2. शिव मंदिर की परिक्रमा – प्रतिदिन कई पुजारियों द्वारा लिंग रूप में भगवान शिव की पूजा होती है।
3. सांस्कृतिक कार्यक्रम – लोक नृत्य, भजन‑कीर्तन, और त्योहार‑विशेष नाट्य प्रस्तुतियां शाम को होती हैं।
4. हस्तशिल्प बाजार – कागज की कढ़ाई, कच्चा मिट्टी के बर्तन और हाथ से बने आभूषण खरीदने का सही मौका है।
सुरक्षा के लिहाज़ से भी मेले के प्रबंधक बहुत सजग रहते हैं। पुलिस, एम्बुलेंस और जल सुरक्षा दल पूरे समय तैनात रहते हैं।
यात्रा और आवास के टिप्स
अभियान के दौरान राजपुरा, कोहली और पंछी घाट के पास कई सरकारी और निजी होटल उपलब्ध हैं। अगर आपका बजट कम है तो दादर‑सेटिंग जैसे कैंपिंग साइट या गाँव में सस्ते आधारशालाएँ ले सकते हैं। ट्रेन से यात्रा करना सबसे आसान है – पंछी घाट रेलवे स्टेशन से बस या रिक्षा द्वारा 5‑10 मिनट में पहुँच सकते हैं।
भोजन की बात करें तो यहाँ के विशेष पकवान ‘नर्मदा काठी’, ‘भुजिया’, ‘गजक’ और ताज़ा फल बहुत मशहूर हैं। खाने‑पीने के स्टॉल लेटेस्ट सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं, पर भी अपना व्यक्तिगत साफ़ पानी साथ रखें।
टिकट और प्रवेश प्रणाली
2025 में मेले के मुख्य दरवाजे पर डिजिटल क्यूआर कोड के माध्यम से एंट्री की अनुमति होगी। यह सिस्टम लाइन में भीड़ कम करता है। पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके आप तेज़ प्रवेश का लाभ ले सकते हैं।
सामान्य दर्शकों के लिए प्रवेश मुफ्त है, लेकिन पवित्र स्नान के लिये एक छोटा खर्च हो सकता है। मंदिर में दान देने की सुविधा भी ऑनलाइन उपलब्ध है।
प्रमुख FAQ
मेला में कौन‑से कपड़े पहनें? हल्के कपड़े, कमरबंद या स्कर्ट, और जूते बंद रखें क्योंकि नदी के किनारे फिसलन हो सकती है।
क्या बच्चों को ले जा सकते हैं? हाँ, पर हल्के बर्तन और बच्ची‑कीट के लिए एंट्री रिव्यू करवाना बेहतर है।
पैकिंग टिप्स? पानी की बोतल, सनस्क्रीन, टॉवल और छोटी जेब में पर्ची रखें।
महाकुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रदर्शन है। अगर आप आध्यात्मिक शांति, रंगीन माहौल और स्थानीय संस्कृति का पूरा मिश्रण चाहते हैं, तो 2025 के महाकुंभ को मत छोड़ें। तैयार रहें, अपना बैग पैक करें और इस अनोखे मेले में शामिल हों।