IPL 2025 में RCB के ओपनर फिल सॉल्ट ने दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज मिशेल स्टार्क के एक ओवर में 30 रन ठोक दिए। इस ओवर में दो छक्के, तीन चौके और एक नो-बॉल शामिल रही, जिससे RCB ने शुरुआती तीन ओवरों में ही 53 रन बना लिए। सॉल्ट ने केवल 17 गेंदों में 37 रन बनाए और उनकी पारी ने मैच का रुख मोड़ दिया।
मिशेल स्टार्क का क्रिकेट करियर और भारत‑ऑस्ट्रेलिया टेस्ट में योगदान
अगर आप भारतीय क्रिकेट फैंस हैं तो मिशेल स्टरक का नाम सुनते ही दिमाग में तेज़ बॉलें, स्विंग और किफ़ायती ओवर आते हैं। ऑस्ट्रेलिया के इस तेज़ गेंदबाज ने अपनी डिलिवरी से कई बार विरोधी टीम को घबराया है, खासकर भारत‑ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में। चलिए देखते हैं कि उन्होंने अब तक क्या हासिल किया और आगे की मैचों में क्या उम्मीद रख सकते हैं।
हालिया आँकड़े और प्रदर्शन
पिछले टेस्ट में मिशेल ने 6 विकेट लिए, जिनमें दो पाँच‑विकेट वाली इनिंग्स भी शामिल थीं। उनका औसत लगभग 22.5 रहा, जो तेज़ पिचों पर बहुत ही किफ़ायती है। भारत के बल्लेबाज़ों को उनके स्विंग और स्पिन दोनों से सतर्क रहना पड़ा, खासकर जब बारिश ने ट्रैक को गीला बना दिया था। इस सीज़न में उन्होंने कुल 28 विकेट लिए हैं, जिसमें दो बार पाँच‑विकेट की ब्रेकथ्रू भी है।
आगे के मैचों में क्या देख सकते हैं?
अब जब ऑस्ट्रेलिया ने टेस्ट शेड्यूल जारी कर दिया है, तो मिशेल स्टरक को अपनी लाइन और लेंथ पर काम करना होगा। भारत की बाउंड्री‑हिटिंग लकीरों जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा के सामने उनका लक्ष्य कम से कम 2‑3 विकेट लेना रहेगा। अगर वे स्विंग का सही इस्तेमाल करते हैं तो छोटे ग्राउंड में भी बल्लेबाज़ों को मुश्किल होगी। साथ ही, उन्हें तेज़ पिचेज़ पर रिवर्स स्विंग की प्रैक्टिस करनी चाहिए ताकि वह ड्यूटी ओवर में भी प्रभावी रहें।
भारी बारिश के बाद अगर ट्रैक गीला रहता है तो मिशेल को स्लाइसर बॉल्स का विकल्प अपनाना चाहिए, जिससे भारतीय बल्लेबाज़ों को आगे-पीछे रफ्तार बदलने की जरूरत पड़ेगी। दूसरी ओर, सूखी पिच पर उन्हें तेज़ गति और बॉउंसिंग बॉल के साथ अटैक करना होगा। दोनों परिस्थितियों में उनका फोकस एक ही – विकेट लेना और रन कंट्रोल रखना।
यदि आप मिशेल स्टरक को बेहतर समझना चाहते हैं तो उनकी पिछली मैचों की वीडियो हाइलाइट्स देखिए, खासकर उन ओवरों को जहाँ उन्होंने दो-तीन बॉल में लगातार विकेट लिए हों। इससे यह पता चलेगा कि कौनसे क्षेत्र उनके फेवरिट हैं और कब वे अपनी सबसे तेज़ डिलिवरी फेंकते हैं।
संक्षेप में कहें तो मिशेल स्टरक का खेल शैली बहुत ही बहुमुखी है – वह स्विंग, स्पिन और पेस दोनों में माहिर हैं। भारतीय टीम के लिए उनका खिलाफ़ तैयारियां करना आसान नहीं होगा, इसलिए उन्हें हर मैच में गहरी रणनीति बनानी चाहिए। अगले टेस्ट सीरीज़ में अगर आप उनके प्रदर्शन को करीब से फॉलो करेंगे तो देखेंगे कि कैसे वह दबाव भरे पलों में भी अपनी गेंदों से गेम बदलते हैं।
अंत में यह कहा जा सकता है कि मिशेल स्टरक न केवल एक तेज़ बॉलर हैं, बल्कि मैच के मोमेंटम को बदलने वाले खिलाड़ी भी हैं। उनका अगला प्रदर्शन देखना दिलचस्प रहेगा – चाहे वह भारत‑ऑस्ट्रेलिया टेस्ट हो या किसी और बड़े मंच पर।
