Google ने 27 सितंबर 2025 को अपना 27वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया। विशेष डूडल में 1998 के मूल लोगो को पुनः दिखाया गया, जिससे शुरुआती दिनों की याद ताजा हुई। इस अवसर पर कंपनी ने iconic लोगो की रचनाकार रुथ केडर को भी सम्मानित किया। ब्राज़ील में जन्मी, इज़राइल और अमेरिका में बसे केडर की कहानी प्रेरणादायक है। डूडल में ‘Search on’ संदेश उपयोगकर्ताओं को नई खोजों के लिए प्रोत्साहित करता है।
मूल लोगो – असली ब्रांड पहचान की कुंजी
जब मूल लोगो, वह प्रतीक जो किसी कंपनी, संस्था या इवेंट की पहली पहचान बनाता है. Also known as logo, it ग्राहकों की भावनाओं को सीधा जोड़ता है और अक्सर ब्रांड के मूल मूल्य को दर्शाता है तो उसके बिना किसी भी ब्रांड की बात अधूरी लगती है. मूल लोगो सिर्फ एक चित्र नहीं, यह ब्रांड आइडेंटिटी का केंद्र बिंदु है और कई बार कंपनी के IPO सफलता में अहम रोल निभाता है। उदाहरण के तौर पर LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का नया लोगो IPO के समय निवेशकों की नज़र में भरोसा बढ़ा रहा था। इसी तरह, सावित्री व्रत के प्रॉमोशन में इस्तेमाल हुआ पारंपरिक लोगो श्रद्धालुओं को कार्यक्रम से जोड़ता है। यहां तक कि विदेश यात्रा के वीज़ा प्रोसेस में उपयोग किए जाने वाले प्रतीक भी मूल लोगो की तरह कार्य करते हैं‑ वे तुरंत पहचान बनाते हैं और प्रक्रिया को सहज बनाते हैं। इस तरह मूल लोगो विभिन्न क्षेत्रों में एक समान कार्य करता है: पहचान बनाना, भरोसा स्थापित करना और संवाद को आसान बनाना.