LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का ₹11,607 करोड़ IPO 7 अक्टूबर को खुला, पहले दिन 0.61× सब्सक्रिप्शन और 28% ग्रे मार्केट प्रीमियम के साथ, जिससे भारतीय उपकरण बाजार में नई उम्मीदें जगीं।
Valuation: मूल्यांकन की पूरी समझ
जब Valuation, एक प्रक्रिया है जिससे किसी इकाई या संपत्ति का आर्थिक मूल्य निर्धारित किया जाता है. इसे अक्सर मूल्यांकन कहा जाता है, और यह निवेश, लेंडिंग, मर्जर‑अधिग्रहण व टैक्सेशन में मुख्य भूमिका निभाता है।
एक प्रमुख पद्धति है Discounted Cash Flow (DCF), जो भविष्य की नकदी प्रवाह को वर्तमान में डिस्काउंट करके मूल्य निकालता है. DCF का मुख्य गुण है समय मूल्य का ध्यान, जिसके लिए एक उचित डिस्काउंट रेट चुनना जरूरी होता है। अगर आप स्टॉक्स या स्टार्ट‑अप में निवेश सोच रहे हैं, तो DCF आपको संभावित रिटर्न की सटीक झलक देता है।
जब शेयरों या उद्योग के तुलना की बात आती है, तो बाजार बहुगुणक (Market Multiples), जैसे P/E, EV/EBITDA आदि, उपयोग किए जाते हैं. ये अनुपात समान उद्योग की कंपनियों के बीच मूल्य तुलना को आसान बनाते हैं, जिससे आप जल्दी समझ सकें कि कोई स्टॉक ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड।
रियल एस्टेट की बात आए तो रियल एस्टेट मूल्यांकन, स्थानीय बाजार, किराया आय, निर्माण लागत और लोकेशन का विश्लेषण करता है विशिष्ट होता है। इसमें कैप रेट या तुलना‑बाजार विधि प्रमुख हैं। साथ ही, रिस्क असेसमेंट, जो संभावित जोखिमों को मापता है, मूल्यांकन की भरोसेमंदता बढ़ाता है, हर निर्णय में अहम भूमिका रखता है। इन सबको समझने से आप न केवल सही कीमत तय कर पाएँगे, बल्कि निवेश में संभावित नुकसान को भी पकड़ सकेंगे। इन मुख्य अवधारणाओं को समझकर आप नीचे दिए गए लेखों में गहराई से देखेंगे कि कैसे विभिन्न उद्योगों में वैल्यूएशन लागू होती है और आपको कौन‑से टूल्स व तकनीकें मददगीर साबित होंगी। चलिए, अब आगे की जानकारी की ओर बढ़ते हैं।