ओड़िशा की राजनीति में नया मोड़
ओड़िशा की राजनीति एक नए दौर में प्रवेश कर रही है, जहां मोहान चरण माझी, केन्जरर निर्वाचन क्षेत्र से चार बार के भाजपा विधायक, प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं। यह ऐतिहासिक घटनाक्रम 5 बजे जनता मैदान में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे।
माझी का चयन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह केन्जरर जिले से पहले व्यक्ति हैं जो आदिवासी बहुल क्षेत्र को मुख्यमंत्री के पद पर प्रतिनिधित्व करेंगे। इस क्षेत्र में ओड़िशा की लगभग 23% जनसंख्या निवास करती है। उनके साथ-साथ कनक वर्धन सिंह और प्रवाती पारिदा को उनके प्रतिनिधियों के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भुवनेश्वर मैदान में उपस्थित होंगे। उन्होंने अपनी यात्रा का प्रारंभ चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह से किया है और इसके बाद दोपहर 2:30 बजे भुवनेश्वर हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। उनके साथ केंद्रीय मंत्रीगण, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। यह आयोजन इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि इसमें पूर्व ओड़िशा मुख्यमंत्री और बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक को भी निमंत्रित किया गया है।
प्रमुख आदिवासी नेता का मुख्यमंत्री के रूप में चयन
माझी का मुख्यमंत्री बनने का घटनाक्रम इसलिए भी अनूठा है क्योंकि यह पहली बार है जब केन्जरर जैसे आदिवासी बहुल जिले से कोई नेता राज्य का मुख्यमंत्री बनने जा रहा है। माझी का चयन आदिवासी समुदाय के लिए गर्व की बात है और इसे सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
समारोह में हजारों की संख्या में जनसमूह की उपस्थिति
इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब 30,000 लोगों की उपस्थिति की उम्मीद है। जनता मैदान को विशेष रूप से सजाया गया है और सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं। माझी के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनने के लिए इन्तजार कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषण
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में माझी का चयन एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भाजपा ने ओड़िशा की राजनीतिक स्थिति में एक नया मोड़ लाने के लिए यह निर्णय लिया है। माझी की लोकप्रियता और उनके आदिवासी पृष्ठभूमि से आने के कारण उन्हें विशेष समर्थन मिलने की उम्मीद है। ओड़िशा में इससे पहले भी कई मुख्यमंत्री हुए हैं, लेकिन यह पहली बार है कि किसी आदिवासी नेता को राज्य की बागडोर सौंपी गई है।
इस समारोह के बाद, माझी के सामने कई चुनौतियाँ होंगी, जिनमें राज्य के विकास को नई दिशा देने की जिम्मेदारी प्रमुख है। उनका नेतृत्व कितना प्रभावी होता है, यह आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
भविष्य की योजनाएं
माझी ने अपने पहले सार्वजनिक भाषण में सामाजिक और आर्थिक सुधारों का वादा किया है। उन्होंने कहा कि उनका प्राथमिकता राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना होगा। आदिवासी समुदाय की विशेष मांगों को पूरा करने के साथ-साथ, माझी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे पूरे ओड़िशा के विकास के लिए काम करेंगे।
माझी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, ओड़िशा की राजनीति नए रंग में दिखाई दे सकती है। उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव के आधार पर भाजपा को उम्मीद है कि वे राज्य में मजबूती से पैर जमा सकेंगे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि माझी और उनकी टीम किस प्रकार से राज्य की नई चुनौतियों का सामना करती है और अपने वादों को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है।
Rohith Reddy
ये सब नाटक है भाई असल में केवल एक आदिवासी को चुना गया है ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके असली ताकत तो दिल्ली में है और वहां के लोग ही फैसले करते हैं
Vidhinesh Yadav
अगर ये सच में आदिवासी समुदाय के लिए एक बड़ा कदम है तो फिर इसके बाद उनके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए क्या योजनाएं बनाई जा रही हैं? मैं इस बारे में जानना चाहूंगी
Puru Aadi
वाह यार ये तो बहुत बड़ी बात है 😍 आदिवासी नेता मुख्यमंत्री बन रहे हैं ये तो इतिहास बन रहा है! जय भीम 🙌
Nripen chandra Singh
इस चुनाव में कोई असली बदलाव नहीं आएगा क्योंकि सत्ता का असली केंद्र वहीं है जहां पैसा और शक्ति बंटी हुई है और जहां आदिवासी के लिए बनाई गई योजनाएं अक्सर कागज पर ही रह जाती हैं
Rahul Tamboli
मोदी आएंगे तो ये सब बस एक फोटो ऑपरेशन है असली बात ये है कि ये नेता अपने जिले में भी तो घूम नहीं पाते और अब मुख्यमंत्री बन गए 😂
Jayasree Sinha
इस घटना का ऐतिहासिक महत्व है। आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में शपथ लेना ओड़िशा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
Garima Choudhury
ये सब बस चुनावी झूठ है जब तक आदिवासियों की जमीन नहीं वापस मिलेगी और न कोई नए बांध बनेंगे तो ये सब बस नाटक है और ये माझी भी बस एक बहाना है
Hira Singh
इस तरह के नेता के आने से राज्य में नई ऊर्जा आएगी बहुत बढ़िया खबर है! उनके लिए शुभकामनाएं 🙏
Ramya Kumary
जब एक आदिवासी नेता राज्य की बागडोर संभालता है तो यह सिर्फ एक राजनीतिक चुनाव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक जागृति है। यह बदलाव दिल को छू जाता है।
Sumit Bhattacharya
महान उपलब्धि है। आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में शपथ लेने का यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
Snehal Patil
ये लोग तो हमेशा बड़े बड़े नाम लगाते हैं लेकिन जब वो असली जिम्मेदारी लेते हैं तो फिर वो भी बस उसी तरह चलते हैं जैसे पहले वाले चलते थे
Nikita Gorbukhov
क्या तुम सब भूल गए कि ये आदिवासी नेता भी बीजेपी का है और बीजेपी तो आदिवासियों की जमीन लेकर बांध बनाती है तो ये सब बस एक नया चाल है 😏
RAKESH PANDEY
मोहान चरण माझी के नेतृत्व के लिए आशा है कि वे आदिवासी समुदाय के साथ साथ पूरे राज्य के लिए समान विकास की नीतियां लाएंगे। उनकी जड़ों का सम्मान बना रहेगा।
Nitin Soni
ये तो बहुत अच्छी बात है! आशा है कि अब गांवों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और स्कूल मिलेंगे। जय भारत!
varun chauhan
बहुत अच्छा हुआ यार 😊 अब लोगों को लगेगा कि असली आवाज भी सुनी जा रही है। शुभकामनाएं!
Prince Ranjan
सब नेता एक जैसे होते हैं जब तक आदिवासी बच्चे अपने जंगलों में नहीं रह पाएंगे और न ही उनकी भाषा बच पाएगी तो ये सब बस एक नया झूठ है
Suhas R
मोदी आएंगे तो ये सब बस एक शो है और जब वो चले जाएंगे तो आदिवासी फिर से भूल जाएंगे और जमीन ले ली जाएगी फिर ये सब बस एक बड़ा धोखा है