पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 670 तक पहुंची, राहत कार्यों में आई चुनौतियाँ

पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 670 तक पहुंची, राहत कार्यों में आई चुनौतियाँ

पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 670 तक पहुंची, राहत कार्यों में आई चुनौतियाँ 27 मई

पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन: एक त्रासदी का विवरण

पापुआ न्यू गिनी के एंगा प्रांत में हाल ही में हुए भयंकर भूस्खलन ने सैकड़ों परिवारों को तबाह कर दिया है। इस भयावह घटना में कम से कम 670 लोगों की जान जाने की खबर है। शुक्रवार की सुबह भारी बारिश के बाद यह भूस्खलन हुआ, जिसने लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। इस क्षेत्र में सैकड़ों घर मलबे में दब गए हैं और कई शव मिट्टी के 10 मीटर गहरे ढेर में दबे हुए हैं।

तबाही की छवि

भूस्खलन के बाद का दृश्य बेहद पीड़ादायक था। मलबे में बचे हुए लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही थी। बचाव दल की मेहनत के बावजूद, भारी मलबा और अस्थिर जमीन के कारण राहत कार्यों में काफी दिक्कतें आ रही हैं। स्थानीय लोग अपनी सीमित क्षमताओं में जैसे-तैसे अपने प्रियजनों की खोज में लगे हैं। इस त्रासद घटना ने 150 से अधिक घरों को नष्ट कर दिया है और 1,250 लोग बेघर हो गए हैं।

बचाव प्रयासों में चुनौतियाँ

बचाव कार्यों में कठिनाइयाँ सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। अत्यधिक अस्थिर जमीन के कारण यहां भारी मशीनरी का इस्तेमाल करना काफी जोखिमभरा हो गया है। इसके अलावा, शोकाकुल परिजन भारी मशीनी उपकरणों को अपने प्रियजनों के अवशेषों के पास लाने से हिचक रहे हैं। इसलिए, स्थानीय लोग खुदाई की स्टिक्स और छोटे उपकरणों का इस्तेमाल कर शवों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

आवश्यक सहायता

इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के पड़ोसी देश ऑस्ट्रेलिया ने सदैव की तरह फिर से सहायता का हाथ बढ़ाया है। ऑस्ट्रेलिया ने सुरक्षा और राहत सामग्री भेजने की तत्परता दिखाई है। लेकिन अभियान की गति बहुत धीमी है क्योंकि खाली उपकरण और संसाधनों की कमी है।

हालात का असर

भूस्खलन के बाद, इलाके की मुख्य रोड भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इससे बचाव कर्मियों को पहुँचना और भी कठिन हो गया है। यूएन ने अपने नवीनतम जनसंख्या आँकड़ों के आधार पर मृतकों की संख्या को संशोधित किया है और अब यह आंकड़ा 670 तक पहुंच चुका है। ज्ञात हो कि इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में आदिवासी हिंसा के कारण लोगों की संख्या में वृद्धि हुई थी।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

स्थानीय समुदाय के लोग इस आपदा के बाद गहरे सदमे में हैं। अपने घरों और प्रियजनों को खोने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलक रहा है। स्थानीय लोगों की सहायता के लिए जितनी भी मदद मिल रही है, वह अपर्याप्त साबित हो रही है। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण भी राहत सामग्री सही समय पर नहीं पहुंच पा रही है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

मदद और सहानुभूति की जरूरत

इस भयंकर आपदा के समय, पापुआ न्यू गिनी के लोगों को वैश्विक समुदाय की मदद और सहानुभूति की बहुत जरूरत है। कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर मदद भेजनी शुरू कर दी है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इस तरह की भारी आपदा के बाद, समय पर और प्रभावी सहायता पाकर ही इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से बाहर निकला जा सकता है।



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