AAP सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया, यह दावा करते हुए कि उन्हें पहले की हिरासत अवधि के दौरान इंसुलिन नहीं दी गई थी। दिल्ली मंत्री आतिशी ने केजरीवाल के स्वास्थ्य और तिहाड़ जेल में जीवन की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को हिरासत में लिया था।
भारत का स्वास्थ्य संकट: क्या कर रहे हैं हम?
हर साल खबरों में नई‑नई बीमारी, धूल‑धुंआ या बाढ़ की बात सुनते हैं। लेकिन इन घटनाओं का असर हमारे शरीर पर कितना गहरा पड़ता है, अक्सर नजरअंदाज हो जाता है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि अपने परिवार को कैसे सुरक्षित रखें, तो ये लेख आपके लिए सही जगह है। हम सीधे मुद्दे पर आएंगे – क्या कारण हैं स्वास्थ्य संकट के, और रोज़मर्रा की जिंदगी में कौन‑से छोटे‑छोटे कदम मददगार हो सकते हैं?
मुख्य कारण: पर्यावरण, जलवायु और जीवनशैली
पहला बड़ा कारण है बदलती जलवायु। मुंबई जैसे बड़े शहरों में लगातार बारिश से जलभराव होता है, जिससे पानी‑जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया और टाइफ़ाइड का खतरा बढ़ जाता है। वहीँ उत्तर‑पूर्वी राज्य में सूखा के चलते लोग साफ़ पानी नहीं पा पाते, जो पेट की बीमारियों को जन्म देता है। दूसरा कारण है शहरीकरण – बहुत सारे लोग भीड़भाड़ वाले इलाकों में रहते हैं, जहाँ हवा में प्रदूषक अधिक होते हैं और अस्थमा या एलर्जी जैसी समस्याएँ आम हो जाती हैं। अंत में, हमारी रोज़मर्रा की आदतें, जैसे तेज‑तेज़ फास्ट‑फूड खाना, पर्याप्त नींद न मिलना, और व्यायाम की कमी, शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता को कम करती हैं।
सरकारी उपाय और व्यक्तिगत बचाव के सरल कदम
सरकार ने कई योजना शुरू किए हैं – आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य बीमा स्कीम, जल शुद्धिकरण परियोजनाएँ, तथा रोग‑नियंत्रण केंद्रों का विस्तार। लेकिन इनको पूरा फायदा उठाने के लिए हमें खुद भी सक्रिय रहना पड़ेगा। सबसे पहला कदम है हाथ‑धोने की आदत को रोज़ाना दो बार (भोजन से पहले और बाद) अपनाना। दूसरे, यदि आप बारिश वाले क्षेत्रों में रहते हैं तो घर के आसपास पानी जमा न होने दें; छोटी-छोटी गड्ढे साफ़ रखें, ताकि मच्छर नहीं पनपें। तीसरे, हाइड्रेटेड रहें – रोज़ कम से कम 2‑3 लीटर पानी पिएँ, जिससे किडनी और पाचन तंत्र स्वस्थ रहे। चौथा, सर्दी‑जुकाम के मौसम में भीड़भाड़ वाले बाजार या सार्वजनिक परिवहन से बचें या मास्क पहनें। पाँचवा, महीने में एक बार तेज़ चलना, योग या स्ट्रेचिंग जैसी हल्की एक्सरसाइज़ करें; यह फेफड़ों को साफ रखता है और तनाव कम करता है।
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न केवल खुद बल्कि अपने परिवार के स्वास्थ्य को भी बचा सकते हैं। याद रखें, बड़ा संकट तब ही रोका जा सकता है जब हर कोई अपनी भूमिका समझे और उसे निभाए। अगर आप इन उपायों को अभी अपनाएँगे तो अगले साल की खबरें भी अलग होंगी – बीमारी नहीं, तरक्की की।