22 मई को गोवा के मनोहर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बिजली गिरने से रनवे लाइट्स क्षतिग्रस्त हो गईं, जिसके कारण छह उड़ानों को अन्यत्र डायवर्ट करना पड़ा। हवाई अड्डा अधिकारियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए शाम आठ बजे तक क्षतिग्रस्त लाइट्स को ठीक कर दिया।
उड़ानें डायवर्ट: क्या है और क्यों होती है?
जब कोई फ़्लाइट अपने निर्धारित रास्ते से हटकर किसी दूसरे हवाई अड्डे पर उतरती है, तो उसे "डायवर्ट" कहते हैं। यह अचानक बदलाव अक्सर मौसम, ट्रैफ़िक या तकनीकी समस्याओं के कारण होता है। अगर आप भी कभी ऐसे स्थिति में फँसे हों, तो जानिए क्या करना चाहिए और इसको कैसे समझें।
डायवर्ट के मुख्य कारण
सबसे आम कारण बुरे मौसम हैं—भारी बरसात, धुंध या तेज़ हवाओं से विमान को सुरक्षित लैंडिंग नहीं मिल पाती। इसके अलावा हवाई अड्डे पर बहुत ज्यादा ट्रैफ़िक हो सकता है, जिससे टैक्सीवे या रनवे उपलब्ध नहीं होते। कभी‑कभी एंजिन में छोटी खराबी या नेविगेशन सिस्टम की गड़बड़ी भी डायवर्ट का कारण बनती हैं। इन सभी स्थितियों में पायलट को सुरक्षित रास्ता चुनना पड़ता है, इसलिए वह निकटतम वैकल्पिक हवाई अड्डे पर उतर जाता है।
यात्रियों को क्या करना चाहिए?
डायवर्ट के बाद सबसे पहला काम एयरलाइन से संपर्क करना है। अक्सर वे आपको नई उड़ान का समय या रिफंड विकल्प बताएंगे। यदि आपका कनेक्शन मिस हो गया, तो एजेंट से नया कनेक्शन बुक करवाएं और लाउंज की सुविधाओं का उपयोग करें। साथ ही अपने बीमा पॉलिसी को देख लें—कई बार यात्रा बीमा ऐसे मामलों में मदद करता है।
डायवर्ट के दौरान धैर्य रखना बहुत जरूरी है। एयरलाइन स्टाफ भी इस स्थिति से गुजर रहे होते हैं, इसलिए विनम्र रहकर पूछताछ करें। अगर देर से लैंडिंग की वजह से होटल बुकिंग या ट्रांसपोर्ट में परेशानी हो, तो रसीदें संभाल कर रखें—इनसे बाद में रिफंड या पुनर्भुगतान आसान होगा।
कभी‑कभी डायवर्ट के कारण आपका सामान भी ग़लत हवाई अड्डे पर पहुँचा रहता है। ऐसे में तुरंत एयरलाइन की कस्टमर सर्विस को सूचित करें और ट्रैकिंग नंबर मांगें। अधिकांश एयरलाइन्स ऑनलाइन पोर्टल से सामान का लोकेशन दिखा देती हैं, जिससे आप उसे जल्दी पा सकते हैं।
अगर आपको देर या रिफंड के बारे में कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिलता, तो राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800‑11‑4000) पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं। कई बार सरकारी एजेंसियां सीधे एयरलाइन से संपर्क कर समस्या जल्दी सुलझा देती हैं।
डायवर्ट की खबरें अक्सर सोशल मीडिया या समाचार साइट्स पर मिलती हैं। अगर आप यात्रा कर रहे शहर में विशेष मौसम चेतावनी है, तो पहले से ही वैकल्पिक हवाई अड्डे के विकल्प देख लें। इससे अचानक बदलाव का सामना करने में समय और तनाव दोनों बचता है।
अंत में, यह याद रखें कि डायवर्ट सुरक्षा कारणों से किया जाता है, न कि किसी की लापरवाही से। पायलट और एयर ट्रैफ़िक कंट्रोलर हमेशा यात्रियों के जीवन को सबसे पहले रखते हैं। इसलिए घबराने के बजाय जानकारी एकत्र करें और सही कदम उठाएँ।
उड़ानें डायवर्ट अब आपकी यात्रा योजना का हिस्सा बन सकता है, लेकिन उचित तैयारी से आप इसे आसानी से संभाल सकते हैं। आशा है इस गाइड से आपका अगला अनुभव कम तनावपूर्ण रहेगा।
